हुड्ïडा की कथनी और कार्य सदैव सेना मैत्री रही हैं : जनरल फिलिप कम्पोस

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हरियाणा,
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज भूतपूर्व सैनिकों तथा सशस्त्र बल के कर्मियों के लिए दो अहम घोषणा की, जिसमें राज्य के शहीदों की वीरांगनाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पदों पर भर्ती में 25 अंकों की वरीयता तथा डिफेंस सर्विस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट के लिए पंचकूला के सेक्टर-27 में रियायती दरों पर दो एकड़ जमीन का आवंटन शामिल हैं।

हुड्डा, जो आज यहां निकट चंडीमंदिर स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय नागरिक-सैन्य संपर्क सम्मेलन-2014 की अध्यक्षता कर रहे थे, ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहले ही प्रदेश की युद्ध विधवाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती में 15 अंकों की वरीयता दी जा रही है।

पश्चिमी कमान द्वारा हेलीकॉप्टरों की उड़ान के बेस के रूप में उपयोग के लिए पिंजौर में फ्लाईंग अकादमी के साथ सेना विमानन इकाई स्थापित करने की मांग पर श्री हुड्डा ने आश्वासन दिया कि इस मामले में जांच करवा ली जायेगी।

हुड्डा ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने सशस्त्र बलों तथा अर्ध-सैन्य बलों के शहीदों, जो सीमा पर हुई मुठभेड़, आतंकी हमले या दंगों में मारे गये हैं, के एक पात्र जीवित पति या पत्नी अथवा आश्रित बच्चे को अनुकम्पा आधार पर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिकों से संबंधित मामलों एवं समस्याओं के समाधान में सहयोग के लिए सैन्य पृष्ठïभूमि रखने वाले उम्मीदवारों को राज्य सैनिक बोर्ड तथा जिला सैनिक बोर्ड के सहायक सचिवों के पदों पर भर्ती दी गई है। इसके अलावा, उन्हें विभिन्न स्तरों पर रिक्त पदों को भरने के आदेश भी दिये गये है। श्री हुड्डा ने कहा कि राज्य में विभिन्न सरकारी विभागों में भूतपूर्व सैनिक श्रेणी के रिक्त पदों को भरने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए राज्य सैनिक बोर्ड को भूतपूर्व सैनिक श्रेणी के रिक्त पदों से संबंधित जानकारी बोर्ड की वेबसाइट पर डालने के निर्देश दिये गये है।

हुड्डा ने कहा कि कि उनके कार्यकाल में सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के कल्याण के लिए अनेक निर्णय लिये गये है। उन्होंने बताया कि राष्टï्र के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अपने वीर सैनिकों और अधिकारियों के सम्मान में हरियाणा हमेशा अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि देश के कुल क्षेत्रफल का केवल 1.3 प्रतिशत का भौगोलिक क्षेत्र तथा दो प्रतिशत जनसंख्या होने के बावजूद हरियाणा 2.7 लाख भूतपूर्व सैनिकों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अलावा, देश की सशस्त्र सेनाओं में हर 10वां सैनिक हरियाणा से संबंध रखता है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कार्यरत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिये 37.5 करोड रुपये आबन्टित किये हैं। राज्य सरकार ने शहीदों के आश्रितों के लिये अनुग्रह अनुदान 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया है और घायल सैनिकों के लिये राहत 19 फरवरी 2014 से 50 हजार रुपये से बढाकर 5 लाख रुपये की है। इसके अलावा राज्य सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय युद्ध या युद्ध जैसे कार्यों में मारे गए सभी रैंकों के निकट सम्बन्धियों को 10 लाख रुपये की राशि प्रदान करती है।

हुड्ïडा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश की विभिन्न शहरी सम्पदाओं में 50 हजार निर्मित मकान प्रदान करने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इस योजना के प्रथम चरण में जे सी ओ और अन्य रैंकों के रक्षाकर्मियों के लिये 8 विभिन्न स्थानों पर 13696 रिहायशी इकाइयोंं के पंजीकरण के लिये विज्ञापन जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सेवारत सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों को विभिन्न शहरी सम्पदाओं में प्लाट आबंटन के लिये 8 प्रतिशत का आरक्षण भी प्रदान करती है। राज्य सरकार ने हाल ही में विशेष रूप से जींद, रेवाडी, झज्जर और हिसार में डिफैंस कालोनियां / डिफैंस सैक्टर काटे हैं।

उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक की आयु के और राज्य सरकार से कोई पैंशन नहीं लेने वाले भूतपूर्व सैनिकों को 2000 रुपये प्रतिमास की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसी प्रकार, भूतपूर्व सैनिकों की विधवाएं, जो पैंशन नहीं ले रही हैं, को 2000 रुपये प्रतिमास की वित्तीय सहायता दी जाती है। वल्र्ड वार-॥ के बुजुर्गों और उनकी विधवाओं, जिन्हें केन्द्र या राज्य सरकार से कोई पैंशन नहीं मिलती है, जिन्हें इससे पूर्व 1500 रुपये प्रतिमास की वित्तीय सहायता दी गई, को पहली जून 2014 से 3000 रुपये प्रतिमास दिये जाएंगे। इसके अतिरिक्त, निम्नांगों के पक्षाघात, टैट्राप्लेजिक तथा हेमीप्लेजिक से पीडित भूतपूर्व सैनिकों को 1500 रुपये प्रतिमास की वित्तीय सहायता दी जाती है। नेत्रहीन और अक्षम भूतपूर्व सैनिक, जिन्हें कोई पैंशन नहीं मिलती है, को भी 1500 रुपये प्रतिमास की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा युद्ध विधवाओं को अपनी पैंशन के अलावा 2000 रुपये प्रतिमास भी मिलेंगे।

उनके पारिवारिक सदस्यों की देखभाल के लिये उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए श्री हुड्ïडा ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह के लिये 51 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है तथा शहीद सैनिकों की विधवाओं की पुत्रितयों और भूतपूर्व सैनिक, जो 50 प्रतिशत से अधिक विकलांगता से पीडित हैं, को 21 हजार रुपये की राशि दी जाती है। इसी प्रकार, भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं की पुत्रियों के विवाह के लिये 11 हजार रुपये की राशि दी जाती है। उन्होंने कहा कि सैनिकों, जिन्होंने युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर कर दिये, की विधवाओं को और जो सैनिक शत-प्रतिशत विकलांगता से पीडित हैं, को मकान निर्माण और मरम्मत के लिये 40 हजार रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।

हुड्ïडा ने कहा कि परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र, सेना मैडल और मैन्शन इन डिस्पैच प्राप्त करने वालों के लिये वार्षिकी 10 हजार रुपये से बढाकर 50 हजार रुपये की गई है। अब परमवीर चक्र और अशोक चक्र के लिए वार्षिकी की दर 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये वार्षिक की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार ने 19 फरवरी 2014 से वार टाईम गलैंटरी अवार्ड विजेताओं और शांतिकाल गलैंटरी अवार्डस के लिये नकद राशि बढाई है। राज्य सरकार ने परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, सेना मैडल, मैन्शन इन डिस्पैच की पुरस्कार राशि भी 31 लाख रुपये, 21 लाख रुपये, 15 लाख रुपये, 7.5 लाख रुपये और 5.5 लाख रुपये से बढाकर क्रमश: दो करोड रुपये, एक करोड रुपये, 50 लाख रुपये, 21 लाख रुपये और 10 लाख रुपये किये हैं। इसी प्रकार, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र, शौर्य चक्र, सेना मैडल और मैन्शन इन डिस्पैच के लिये पुरस्कार राशि 31 लाख रुपये, 21 लाख रुपये, 15 लाख रुपये, 7.5 लाख रुपये और 5.5 लाख रुपये से बढाकर क्रमश: एक करोड रुपये, 51 लाख रुपये, 31 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 7.5 लाख रुपये किये हैं।

हुड्ïडा ने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण को लगातार प्राथमिकता देती रहेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन के विचार-विमर्श से दो संस्थानों के बीच सहयोग में सुधार लाने में और सहायता मिलेगी तथा और अधिक प्रभावी ढंग से अपने सैनिकों और उनके परिवारों की देखरेख की जा सकेगी।

भूतपूर्व सैनिकों और सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिये लाभों की घोषणा करने के लिये मुख्यमन्त्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्ïडा का आभार व्यक्त करते हुए पश्चिम कमाण्ड जी ओ सी इन सी लैफ्टिनैंट जनरल फिलिप कम्पोस ने कहा कि श्री हुड्ïडा की कथनी और कार्य सदैव सेना मैत्री रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा श्री हुड्ïडा के योग्य नेतृत्व में विकास और समृद्धि के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य है। हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय देश में सर्वाधिक है।

लैफ्टिनैंट जनरल कम्पोस ने आशा व्यक्त की कि सिविल-मिल्ट्री सम्पर्क सम्मेलन-2014 पारस्परिक हित के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिये एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध होगी।

इस सम्मेलन में हरियाणा के मुख्य सचिव श्री एस सी चौधरी, मुख्यमन्त्री के दोनों प्रधान सचिव नामत: श्री एस एस ढिल्लों और डॉ0 के के खण्डेलवाल, पुलिस महानिदेशक श्री एस एन वशिष्ट, राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शकुंतला जाखू, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री टी सी गुप्ता, लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री संजीव कौशल, गृह सचिव श्री रमेश कृष्णन, हुडा पंचकूला के मुख्य प्रशासक श्री ए के सिंह, हरियाणा सरकार के और पश्चिम कमाण्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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