हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने से पहले क्षेत्रवाद इस हद तक पनप रहा था कि दो नेताओं ने तो चार-चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के बाद केवल दो विश्वविद्यालय बनाये : प्रो. वीरेन्द्र

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संजय राय,,
आई.एन.वी.सी,,
हरयाणा,,
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की बागडौर संभालने के बाद सबसे बडा काम यह किया कि उन्होंने क्षेत्रवाद की राजनीति को जड़ से समाप्त करके सारे प्रदेश का एक समान विकास करने की नई परपंरा की शुरूआत की।  आज यहां मुख्यमंत्री की राजनीतिक सलाहकार प्रो. वीरेन्द्र ने यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा की राजनीति में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री बनने से पहले क्षेत्रवाद इस हद तक पनप रहा था कि दो नेताओं ने तो चार-चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के बाद केवल दो विश्वविद्यालय बनाये और वह भी दोनों ने अपने-अपने गृह जिलोें और अपने गुरू तथा पिता के नाम पर ही बनवाए। उन्होंने कहा कि श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने 2005 में सत्ता संभालते ही क्षेत्रवाद पर करारी चोट करते हुए पूरे प्रदेश का समान विकास करने का संकल्प लिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने फरीदाबाद को मैट्रो तथा बदरपुर का फलाईओवर देने के साथ-साथ वाईएमसीए को विश्वविद्यालय बनाया और एक ईएसआई मैडीकल कालेज एवं अस्पताल भी दिया। इसी प्रकार, गुडगांव को दिल्ली मैट्रो से जोडते हुए भारत का पहला रक्षा विश्वविद्यालय बनवाने का फैसला कराया। मेवात को मैडीकल कालेज दिया, पलवल को अलग जिले का दर्जा देते हुए समग्र विकास की नींव डाली तथा शानदार लघु सचिवालय का निर्माण कराया।  प्रो. वीरेन्द्र ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने अहीरवाल के पिछडेपन को दूर करने के लिए महेन्द्रगढ में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना कराई तथा रेवाडी में राज्य का दूसरा सैनिक स्कूल बनवा कर इस इलाके की पानी की प्यास बुझाने के लिए बीएमएल हांसी-बुटाना ब्रांच का निर्माण कार्य भी पूरा करा दिया। इतना ही नहीं, हरियाणा के दक्षिणी सिरे को प्रदेश की राजधानी से सीधा जोड़ने के लिए लगभग 1600 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले साऊथ-नार्थ कोरिडोर नामक फोरलेन सडक को भी मंजूर करा दिया। उन्होंने कहा कि श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा के पिछडे जिले झज्जर में एम्स-दो के अतिरिक्त झाडली तथा खानपुर में दो ताप बिजली संयंत्रों की स्थापना की। रोहतक में आईआईएम के अतिरिक्त मैडीकल कालेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। सोनीपत में प्रथम महिला विश्वविद्यालय खानपुर में स्थापित करवाया, जिसमें आजादी के बाद देश का पहला महिला मैडीकल कालेज भी चालू हो गया है। मुरथल इंजिनियरिंग कालेज को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया तथा राई में राजीव गांधी एजूकेशन सिटी के नाम से विश्व का सबसे बडा शिक्षा शहर बनाने का कार्य शुरू किया। उन्होंने कहा कि जींद में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय का क्षेत्रीय अध्ययन केन्द्र बनाकर इस शहर को फोरलेन सडक से तथा सोनीपत के साथ रेल से जोडने का काम शुरू कराया। भिवानी तथा तोशाम में नए महिला कालेज बनवाए, चौधरी बंसी लाल के नाम पर सरकारी अस्पताल का आधुनिकीकरण किया। हिसार में प्रदेश का पहला पशुविज्ञान विश्वविद्यालय बनाया। फतेहाबाद में 2800 मेगावाट का प्रदेश का पहला परमाणु बिजली संयंत्र लगाने का फैसला किया। यह संयंत्र इस क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। सिरसा मेें देवी लाल विश्वविद्यालय को सैकडों करोड़ की ग्रांट देकर आधुनिक रूप दिया और यूजीसी से मान्यता दिलवाई। पानीपत में शानदार लघु सचिवालय व न्यायिक परिसर का निर्माण कराया। करनाल में कल्पना चावला मैडीकल कालेज खोलने का ऐतिहासिक कदम उठाया। कैथल में राष्ट्रीय ड्राइविंग टे्रनिंग स्कूल बनवाया। कुरूक्षेत्र में भारत का दूसरा नेशनल इंस्टीच्यूट आफ डिजाइन बनाने का अभूतपूर्व निर्णय लिया। यमुनानगर में थर्मल प्लांट की स्थापना की। अंबाला में हजारों करोड़ रुपए खर्च करके विकास कार्य करवाए और अंबाला को एक आधुनिक शहर का स्वरूप प्रदान किया। पंचकूला में न केवल निफ्ट की स्थापना की बल्कि विकास के मामले में चंडीगढ से भी आगे निकाल दिया। इतना ही नहीं, पंचकूला की पानी की समस्या का स्थाई समाधान करने के लिए कौशल्या नदी पर लगभग 250 करोड़ रुपए की लागत से बांध का निर्माण करवाया। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार ने कहा कि श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने न केवल सारे हरियाणा का समान विकास किया, बल्कि प्रदेश में स्थापित किए संस्थानों का नामकरण भी राष्ट्र तथा प्रदेश की महान विभूतियों के नाम पर किया। यहां यह उल्लेख करना इस लिए आवश्यक है कि हरियाणा में पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान मुख्यमंत्री अपने से निकट संबंध रखने वाले व्यक्तियों के नाम पर ही संस्थाओं का नाम रखते थे। श्री हुड्डा ने महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, भगवान श्री कृष्ण, श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सर छोटूराम, कल्पना चावला, भगत फूल सिंह, भगवत दयाल शर्मा, शहीद हसन खां मेवाती, डा. भीमराव अंबेडकर जैसी महान आत्माओं के नाम पर अपने कार्यकाल में बनाए संस्थानों का नाम रखा। श्री हुड्डा ने जन उपयोगी पार्कों का नामकरण भी स्थानीय राजनैतिक, सामाजिक नेताओं तथा शहीदों के नाम पर ही किया। उदाहरण के लिए भिवानी में बनाए गए पार्कों के नाम चौधरी बंसी लाल, श्री बनारसी दास गुप्ता तथा श्री सुरेन्द्र सिंह के नाम पर रखे गए।

2 COMMENTS

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