आई एन वी सी,,
शिमला,,
प्रदेश सरकार राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है। देश एवं विदेश के उद्यमियों को राज्य में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि वे राज्य को एक आधुनिक पहचान देने में राज्य के प्रयासों में सहयोग कर सकें। प्रदेश सरकार पर्यावरण मित्र उद्योगों, स्थानीय स्तर पर कच्चे माल पर आधारित उद्योगों तथा स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोज़गार देने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्रमुखता देगी। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि भारत सरकार ने 7 जनवरी, 2003 को हिमाचल प्रदेश तथा उत्तरांचल के लिए विशेष औद्योगिक पैकेज घोषित किया था। औद्योगिक पैकेज प्रदान करने से पूर्व राज्य में 3082.68 करोड़ रुपये के कुल निवेश की केवल 196 मध्यम एवं बड़ी तथा 29,966 छोटी औद्योगिक इकाइयां कार्यरत थीं जिनके माध्यम से 1,58,747 व्यक्तियों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध थे। इस पैकेज के परिणामस्वरूप आज दिन तक 1,045 नई मध्यम एवं बड़ी परियोजनाएं, 15,175 नई छोटी परियोजनाएं तथा 432 वर्तमान इकाइयों के विस्तार प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 48746.43 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है तथा 5.38 लाख व्यक्तियों को प्रस्तावित रोज़गार सुनिश्चित होगा। जनवरी, 2003 से 31 दिसम्बर, 2012 तक स्वीकृत परियोजनाओं में से 298 मध्यम एवं बड़ी परियोजनाएं, 8,375 छोटी परियोजनाएं तथा 294 वर्तमान इकाइयों का विस्तार सुनिश्चित हुआ जिसमें 13980.30 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इन इकाइयों में 1,15,586 व्यक्तियों को रोज़गार के अवसर प्रदान किए गए। इसके पश्चात् 13980.30 करोड़ रुपये के कुल निवेश की 8,673 नई इकाइयां एवं 294 विस्तार इकाइयां वास्तव में स्थापित हुई, जिनमें 1,15,586 व्यक्तियों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध हुए, इनमें 92,543 हिमाचली शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अब कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करने में सक्षम हुआ है। बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र उत्तर भारत में फार्मा केन्द्र बनकर उभरा है। राज्य में कपड़ा, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, आयुर्वेदिक दवाइयों, इलैक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों को भी चिन्हित किया गया है। जैव प्रौद्योगिकी पर आधारित उद्योगों के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी विकसित करने के लिए इसके साथ सम्बद्ध किया जा रहा है ताकि राज्य में सतत् औद्योगिक विकास सुनिश्चित हो सके। पर्यटन, जैव प्रौद्योगिकी, बागवानी, पुष्प उत्पादन, औषधीय एवं जल विद्युत् जैसे उद्योगों को राज्य के आर्थिक विकास के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इन्हें उद्योगों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में शामिल किया गया है। प्रदेश सरकार औद्योगिक क्षेत्र में हिमाचलियों को कम से कम 70 प्रतिशत रोज़गार सुनिश्चित बना रही है जिसके लिए औद्योगिक नीति में प्रावधान किया गया है।
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