आई एन वी सी,,
शिमला,,
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा बागवानी मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स ने कहा कि गत दिनों प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी से अकेले शिमला जिले में ही बागवानों को लगभग 103 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि चम्बा जिले में करीब एक करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। प्रदेश सरकार ने इस बारे में संबंधित जिलों के राजस्व एवं बागवानी अधिकारियों को नुकसान का जायजा लेकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। अन्य फल उत्पादक क्षेत्रों में भी नुकसान का जायजा लिया जा रहा है, जिसके पश्चात् ही केंद्र सरकार को यह रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी ताकि बागवानों को उचित राहत प्रदान की जा सके। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा बागवानी मंत्री ने यह जानकारी आज यहां उनसे भेंट करने आए विभिन्न फल उत्पादक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों के हित में सटैंर्डड यूनिवर्सल कार्टन के प्रयोग को आवश्यक बनाने के लिए ठोस प्रयास करेगी। पूर्व सरकार से भी इस के प्रयोग को सुनिश्चित बनाने के लिए उन्होंने यह मामला उठाया था, लेकिन पूर्व सरकार इस बाबत कोई उचित निर्णय नहीं ले पाई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विधानसभा के इस बजट सत्र में सटैंर्डड यूनिवर्सल कार्टन के उपयोग को सुनिश्चित बनाने के लिए विधेयक लाएगी ताकि प्रदेश का बागवान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके और उसे उसके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके। सटैंर्डड यूनिवर्सल कार्टन के उत्पादन को प्रदेश में ही सुनिश्चित बनाने के लिए निजी निवेशकों को यहां अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। श्रीमती स्टोक्स ने कहा कि राज्य के सेब उत्पादक क्षेत्रों में लगभग 3500 करोड़ रुपये की सेब की पैदावार होती है और राज्य की आर्थिकी में सेब का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश सरकार सेब उत्पादकों के हितों को सुरक्षित करने के प्रति कृतसंकल्प है। विदेशों से आयात होने वाले सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने के मामले को सरकार केंद्र के समक्ष उठाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र में भी आयात शुल्क बढ़ाने की बात कही गई है। उन्होंने आशा जताई कि सेब की फसल को विशेष श्रेणी में शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, सेब की गुणवत्ता और बागवानों को अन्य तकनीकी जानकारी एवं आधुनिक उपकरण प्रदान कर उन्हें सशक्त बनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्रीय वित्त पोषण से पराला में बनने वाली फल एवं सब्जी मण्डी का लाभ सभी किसानों एवं बागवानों तक पहुंचाने के लिए जरूरी संसाधन जुटाए जाएंगे। इसे पूर्ण रूप से व्यवहारिक बनाने के लिए किसानों एवं बागवानों की राय ली जाएगी और उनके निर्णय पर ही उचित कदम उठाए जाएंगे। पूर्व सरकार ने महत्वपूर्ण पहलुओं को नजअंदाज कर इसके निर्माण की घोषणा तो कर दी लेकिन पांच वर्ष तक कोई कार्य नहीं हुआ। सरकार का प्रयास रहेगा कि इसके पहले चरण का कार्य शीघ्र पूरा कर बागवानों को लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि वे स्वयं बागवान हैंे और बागवानों के हित में शुरू होने वाली किसी भी परियोजना को आगे बढ़ाने में बागवानों के परामर्श एवं सहयोग से कार्य किया जाएगा। बागवानी मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने तकनीकी जानकारी जुटाए बगैरएंटी हेलगन स्थापित की जिसका सीमित क्षेत्र तक ही प्रभाव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों को 80 प्रतिशत विशेषकर छोटे बागवानों को 90 प्रतिशत तक उपदान पर एंटी हेलनेट देने पर विचार कर रही है। इसके अतिरिक्त, फल विविधिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि सेब के अतिरिक्त अन्य फलों को भी बढ़ावा दिया जा सके। जुब्बल एवं कोटखाई के विधायक श्री रोहित ठाकुर, पूर्व विधायक श्री सोहन लाल, सोलन ज़िला कांग्रेस के अध्यक्ष श्री राहुल ठाकुर तथा अन्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।