हिन्दी की दुःदर्शा के खिलाफ हिन्दी संगठन एक जुट

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SWAMI OMJIआई एन वी सी ,
दिल्ली ,
अखिल भारतीय अंग्रेजी अनिवार्यता विरोधी मंच और हिन्दी संगठनों की बैठक हिन्दू महासभा भवन में मंच के अध्यक्ष और अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश कौशिक की अध्यक्षता में हुई। जिसमें तय किया गया कि सोनिया गांधी की अंग्रेजी परस्त सरकार द्वारा हिन्दी के विकास में पहुंचायी गयी असंवैधानिक बाधाओं का निराकरण भाजपा सरकार शाीघ्र अति शीघ्र करे।
हिन्दी संगठनो ने मंच के महामंत्री  श्री मुकेश जैन से भी अनुरोध किया कि वें सरकारी अधिकारियों द्वारा राजभाषा हिन्दी की लगातार की जा रही असंवैधानिक उपेक्षा के विरूद्ध समग्र रणनीति बनाये ताकि हिन्दी और भारतीय भाषाओं को विदेशी भाषा अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त किया जा सके।
बैठक में वर्षो से केन्दीय सचिवालय हिन्दी परिषद से जुडे़ हिन्दी के पितामह  चैाधरी नाहर सिंह वर्मा ने बताया कि सोनिया गांधी की अंग्रेजी परस्त सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अंग्रेजी की अनिवार्यता  के कारण हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं के छात्रों का लोक सेवाओं से पूरा सफाया हो गया है। इस अन्याय के  विरूद्ध अंगेजी परस्त सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायधीशों ने भी शिक्षा बचाओ आन्दोलन द्वारा डाली याचिका पर चुप्पी साधकर इस अन्याय को बढ़ावा दिया है।
बैठक में अखिल भारतीय अंग्रेजी अनिवार्यता विरोधी मंच के उपाध्यक्ष स्वामी ओमजी ने दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार के आयकर विभाग, व्यापार कर विभाग, दिल्ली पुलिस आदि विभागों द्वारा राजभाषा हिन्दी सम्बन्धी अधिनियमों की अवहेलना और माननीय राष्ट्रपति जी के आदेशों की अवज्ञा को गम्भीरता से लिया। स्वामी ओम जी ने बताया कि अंगे्जी अनिवार्यता विरोधी मंच द्वारा मेरे नेतृत्व में गत् 30 जुलाई,13 को इस अवहेलना के विरूद्ध इनके आइ.टी.ओ स्थित मुख्यालयों पर प्रदर्शन और ज्ञापन दिये जाने के बाद भी इनके आयुक्त राजभाषा हिन्दी सम्बन्धी अधिनियमों की अवहेलना और माननीय राष्ट्रपति जी के आदेशों की अवज्ञा जारी रखे हुए हैं। यहां तक कि इन्होंने अपने हिन्दी में लिखे नामपट्ट भी हटवाकर उन्हें भी केवल अंग्रेजी में लगवा दिये हैं।  इन्होने अपनी रबड की मोहरे,वर्दी के बिल्ले भी अंग्रेजी में बनवाकर सरकारी आदेशों की धज्जियां उडाकर रखी हुई है। स्वामी ओम जी ने दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय से अनुरोध किया है कि वें इन विभागों के हिन्दी अधिकारियों और इनके मुख्य आयुक्तों को बर्खास्त करके हमारे जख्मों पर मलहम लगाये। स्वामी ओमजी ने इसके लिये दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय को केवल तीन दिन का समय दिया है।
बैठक में सांसदो को हिन्दी में शपथ लेने के लिये प्रेरित करने और अभियान चलाने के लिये हिन्दी मेरी पहचान चेतना मंच के अध्यक्ष श्री मोती लाल गुप्त जी का अभिनन्दन भी मालयार्पन करके किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध व्यवसायी मोती लाल गुप्त ने हिन्दी की दुःर्दशा पर दुःख व्यक्त करते हुए इसके विरूद्ध जनान्दोलन चलाने में भरपूर सहयोग देने को कहा।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अंग्रेजी अनिवार्यता विरोधी मंच के महामंत्री श्री मुकेश जैन ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख श्री मुलायम सिंह यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से अनुरोध किया कि वें उ प्र राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षायें और राज्य की अन्य भरती परीक्षायें केवल हिन्दी में ही लेने का आदेश जारी करवायें। ताकि संविधान के अनुच्छेद 344 में दियें अंग्रेजी के प्रयोग पर प्रतिबन्ध का भी पालन हो सके।

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