हार से सन्न हरीश रावत लगे विकास कार्यों में – महिला डेरी योजना संचालित करने के दिये निर्देश

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आई एन वी सी ,देहरादून, मुख्यमंत्री हरीश रावत,महिला डेरी योजना  ,उत्तराखंड की महिला डेरी योजना ,उर्र्ताखंड पशुपालन व वन विभाग , दुग्ध विकास एवं पुशपालन विभाग उत्तराखंड ,दुग्ध विकास मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री डा. एसएस संधू, प्रमुख सचिव डा. रणवीर सिंह, अपर सचिव दमयन्ती दोहरे आई एन वी सी ,
देहरादून,
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के सभी जनपदों में महिला डेरी योजना संचालित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने ‘‘गंगा गाय महिला डेरी’’ योजना को समेकित रूप में संचालित करने के लिये पशुपालन व वन विभाग को समन्वय के साथ कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को दुध का उचित मूल्य मिल सके इसके लिये दुग्ध संचय केन्द्रों पर मैदानी क्षेत्रों में 2 रू. तथा पर्वतीय क्षेत्रों  में 3 रू. की सब्सिडी दी जायेगी, पर्वतीय क्षेत्रों में चारे की ढुलाई के लिये भी सब्सिडी दिये जाने के उन्होंने निर्देश दिये। दुग्ध विकास योजना के बेहत्तर क्रियान्वयन के लिये शासन स्तर पर संयुक्त सचिव को इसकी जिम्मेदारी देने के भी निर्देश दिये।
शुक्रवार को सचिवालय में दुग्ध विकास एवं पुशपालन विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होेंने कहा कि दुग्ध विकास को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़ने के लिये दुग्ध सघों को भी ओर अधिक प्रभावी बनाया जाय। नये क्षेत्रों को इसमें समिल करने साथ ही दुग्ध संघों के लाइसंेस व चैकिंग आदि के अधिकार डेरी विकास विभाग को दिये जाने के निर्देश भी उन्होंने दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादको ंको वर्ष भर रोजगार के साधन उपलब्ध कराने तथा दुग्ध के विपणन की उचित मूल्य व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इसके लिये दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध संचय केन्द्रों पर मैदानी क्षेत्रों में 2 रू. तथा पर्वतीय क्षेत्रों  में 3 रू. की सब्सिडी दी जायेगी, उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादक किसानों को अपने खेतों पर चारा प्रजाति के वृक्षों के उत्पादन पर चार वर्ष के बाद प्रति पेड़ 200 रू. वन विभाग द्वारा दिये जायेगें । ऐसे वृक्षों को ग्राम समाज व वन पंचायतों में भी लगाय जाय, ताकि चारे की उपलब्धता के साथ हो आर्थिक लाभ भी किसानों को मिल सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि दुग्ध के स्टोरेज के लिये चिलिंग प्लांट जहां आवश्यक हो स्थापित किये जायं तथा सिमली स्थित दुग्ध प्लांट को व्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन का कार्य पारम्परिक रूप महिलाओं द्वारा किया जाता है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों की दुग्ध उत्पादन महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिये महिला डेरी योजना समेकित व प्रभावी ढ़ंग से संचालित की जानी होगी। उन्होंने किसानो को दुग्ध के मूल्य का भुगतान उनके खाते में किये जाने के भी निर्देश दिये।
पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि प्रदेश में स्टेट लाइव स्टाॅक मिशन योजना भी संचालित की जाय, ताकि पशु चिकित्सालयों डाक्टरों व दवाईयों आदि की बेहत्तर सुविधा पशुपालकों को मिल सके। उन्होंने प्रदेश में चारे की कमी का दूर करने के लिये भी कार्य योजना बनाने को कहा तथा कालसी व ऊधमसिंहनगर के चारा उत्पादन केन्द्रों की क्षमता बढ़ाये जाने पर बल दिया। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में घास को भूसे की तर्ज पर क्रय करने के निर्देश दिये, ताकि घास का उत्पादन किसानों द्वारा व्यावसायिक रूप में किया जा सके। तथा पर्वतीय क्षेत्रों में चारे की ढुलाई के लिये भी सब्सिडी दिये जाने के उन्होंने निर्देश दिये।
बैठक में दुग्ध विकास मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, मुख्य सचिव सुभाष कुमार, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री डा. एसएस संधू, प्रमुख सचिव डा. रणवीर सिंह, अपर सचिव दमयन्ती दोहरे आदि उपस्थित थे।

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