हस्‍तशिल्‍प निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित होम एक्‍सपो में 476 करोड़ का कारोबार

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राकेश कुमार*,,

ग्रेटर नोएडा एक्‍सप्रेस-वे में पिछले दिनोंविश्‍वस्तरीय इंडिया एक्‍सपो सेंटर एंड मॉर्ट आयोजन किया गया। देश के पहले ‘’होम एक्‍सपो इंडिया’’ में हस्‍तशिल्‍प के तीन मुख्‍य उत्‍पाद खंडो- भारतीय घरेलू सामान और सजावटी सामान, भारतीय फ्लोरिंग फर्नीशिंग और टेक्‍सटाइल तथा भारतीय फर्नीचर और अन्‍य सामान की एक साथ प्रदर्शनी लगाई गई। इसका उद्देश्‍य विशेष जरूरतों  वाले विभिन्‍न उत्‍पादों की तलाश में समय, ऊर्जा और संसाधनों की बरबादी किए बिना खरीदारों का ध्‍यान विशेष वस्‍तुओं की तरफ खींचना था। बुधवार को समाप्‍त चार दिवसीय इस मेले में 476 करोड़ रूपये का कारोबार किया गया।

     होम एक्‍सपो इंडिया-2012 का उद्घाटन वस्‍त्र राज्‍य मंत्री श्रीमती पानाबाका लक्ष्‍मी ने किया। चार दिन तक चले इस एक्‍सपो में 1019 से अधिक विदेशी खरीदारों, ख्‍रीदारी करने वाले एजेंटों और खुदरा खरीदारों ने अपना पंजीकरण कराया। इनमें अमरीका के 161, यूरोप के 367, ऑस्‍ट्रेलिया के 74, न्‍यूजीलैंड के 7, अफ्रीका के 46, लेटिन अमरीका के 72, पश्चिम एशिया के 98, सीआईएस के 33 और एशिया के 133 खुदरा खरीदारों ने एक ही जगह पर अपनी जरूरत के मुताबिक ऑर्डर दिए या मौके पर खरीदारी की। इस प्रदर्शनी में भारत के कोने-कोने से आये करीब 600 निर्यातकों और उत्‍पादकों ने अपने उत्कृष्ट उत्‍पाद प्रदर्शित किए।

     प्रदर्शनी का उद्घाटन  करते हुए श्रीमती पानाबाका लक्ष्‍मी ने कहा कि हस्‍तशिल्‍प एक उत्‍साहजनक क्षेत्र है जिसका न केवल विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए बल्कि रोजगार सृजन में भी भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण योगदान है। उन्‍होंने कहा कि वस्‍त्र मंत्रालय देश में उत्‍पादन क्‍लस्‍टरों को बढ़ावा देने और उनके विकास पर जोर दे रहा है जिसमें विकास और निर्यात की संभावना है और जहां बहुत से शिल्‍पकार मौजूद हैं। अनेक उत्‍पादन क्‍लस्‍टरों को मंत्रालय अधिसूचित कर चुका है और इनके विकास के लिए उचित सहायता तय की जा चुकी है।

     इस मेले की एक महत्‍वपूर्ण विशेषता यह रही कि इसमें उन कंपनियों ने अपने नये उत्‍पाद प्रदर्शित किए जिन्‍होंने हाल के वर्षों में उपभोक्‍ताओं की बदलती जरूरतों खासकर फर्नीचर और घरेलू सामानों को ध्‍यान में रखते हुए व्‍यापक बाजार सर्वेक्षण कराया था।

     होम एक्‍सपो इंडिया में अमरीका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्‍ट्रलिया, स्‍पेन, ग्रीस, इटली, हांगकांग, चीन, तुर्की, हंगरी, ओमान, बुल्‍गारिया, थाईलैंड, सिंगापुर, लेबनान, इस्राइल, पुर्तगाल, स्‍वीडन, मोक्सिको, डेनमार्क, बेलजियम, कनाडा, स्विटजरलैंड, ताईवान, संयुक्‍त अरब अमीरात, बंगलादेश, नेपाल, नीदरलैंड, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, लातिन अमरीकी देश और अन्‍य देशों के खरीदारों ने बड़ी संख्‍या में भाग लिया।

     मेले के समापन के अवसर पर कपड़ा सचिव किरण ढींगरा ने कहा कि यह मेला अपेक्षा के अनुरूप सफल रहा और इसमें शिरकत करने वाले निर्यातक काफी संतुष्‍ट दिखाई दिये। उन्‍होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि ईपीसीएच ने देशभर के निर्यातकों को इस मेले के माध्‍यम से अप्रत्‍याशित व्‍यापार करने का अवसर प्रदान किया। उन्‍होंने कहा कि हस्‍तशिल्‍प से देश के लगभग 68 लाख लोग जुड़े हैं और वस्‍त्र मंत्रालय और ईपीसीएच इन लोगों को हर संभव लाभ पहुंचाने के काम में लगा हुआ है।

     होम एक्‍सपो इंडिया के अध्‍यक्ष श्री आर के मल्‍होत्रा ने बताया कि वर्ष 2010-11 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में फर्नीचर और अन्‍य सामान के निर्यात में 44.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। फर्नीचर और अन्‍य सहायक सामग्री के लिए बड़े बाजार अमरीका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड, कनाडा, संयुक्‍त अरब अमीरात, जापान और स्विटजरलैंड रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि घरेलू और सजावटी सामान के निर्यात में इस दौरान 14.42 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि होम फर्नीशिंग, फ्लोरिंग और होम टेक्‍सटाइल का निर्यात 20.64 प्रतिशत बढ़ गया।

इंडियन ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार 30 देशों के वैश्विक खुदरा विकास सूचकांक में भारत चौथे स्‍थान पर है। वर्ष 2015 तक भारतीय बाजार के 637 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

वित्‍त वर्ष 2010-11 के दौरान 10,335,96 करोड़ रूपये का हस्‍तशिल्‍प निर्यात किया गया। वित्‍त वर्ष 2011-12 के लिए 12,428 करोड़ रूपये का निर्यात लक्ष्‍य रखा गया।

     ईपीसीएच भारत से हस्‍तशिल्‍प उत्‍पादों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली नोडल एजेंसी है और यह निर्यातकों, खरीदारों और सरकार के बीच उत्‍प्रेरक की भूमिका निभाती है। इसका मुख्‍य उद्देश्‍य हस्‍तशिल्‍प व्‍यापार को मजबूती प्रदान करना है। यह भारत की छवि विश्‍व बाजार में विश्‍वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में पेश करती है।

भारत से दुनिया के विभिन्‍न देशों में हस्‍तशिल्‍प निर्यात को बढावा देती आ रही ईपीसीएच पिछले डेढ़ दशक से एशिया के सबसे बड़े भारतीय हस्‍तशिल्‍प और उपहार मेला का साल में दो बार आयोजन करती रही है। पिछले वर्षों में इस मेले में विदेशी खरीदारों तथा भारतीय निर्यातकों के बीच सर्वाधिक प्रभावकारी मार्केटिंग माध्‍यम के रूप में अपनी पहचान बनाई है |

*लेखक हस्‍तशिल्‍प निर्यात संवर्धन परिषद के कार्यकारी निदेशक हैं।

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