हरियाणा सरकार पंजाबी को बढावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है : सुधीर राजपाल

0
19

sahityaआई एन वी सी,
हरियाणा,
हरियाणा प्रदेश में पंजाबी भाषा को पूरी तरह संरक्षण मिल रहा है और इसके साथ-साथ पंजाबी विषय में प्रदेश के विद्यार्थी अच्छे अंक प्राप्त कर रहे हैं। ये बात सूचना, जन संपर्क एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा के महानिदेशक श्री सुधीर राजपाल ने पंचकूला के अकादमी भवन में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित कहानी एवं हरियाणा शिक्षा बोर्ड से पंजाबी भाषा में मैरिट प्राप्त विद्यार्थियों के सम्मान में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कही। श्री राजपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार पंजाबी को बढावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और समय-समय पर मांग के अनुसार पंजाबी के अध्यापकों की नियुक्ति भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पजाबी भाषा को राज्य की दूसरी भाषा  का दर्जा दिया गया है। उन्होंने बच्चों को परामर्श देते हुए कहा कि वे पंजाबी के साथ-साथ अन्य विषयों में भी बेहतर अंक प्राप्त करें कयोंकि जीवन में आगे बढने के लिए सभी भाषाएं सीखना वर्तमान परिस्थितियों में बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास जितनी बेहतर ओर अधिक  संस्कृति होगी वहां पर उतना ही हमें सीखने को मिलेगा और हमारे मन को भी शांति प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि एक  ही प्रकार की ईमारतों एवं रंगों में निरंतर रह कर हम उब जाते हैं। इसी लिए हमें सभी भाषाओं से प्यार करना चाहिए तभी हम जीवन में प्रगति की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा में पंजाबी भाषा में प्रश्न पूछ सकता है और उसे उसका उत्तर पंजाबी में ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंजाबी अकादमी के अलावा पंजाबी सैल की भी अलग से व्यवस्था की है जहां पर जो भी प्रस्ताव आते हैं उनका प्राथमिक्ता के आधार पर पंजाबी में ही समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें सभी भाषाओं को अपने साथ लेकर चलना चाहिए ताकि हमारी संस्कृति और सशक्त हो सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश, देश व समाज में कई भाषाएं बोली जाती हैं उनमें आपसी प्रेम तथा एक-दूसरे को साथ लेकर चलने की भावना पनपती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरियाणा साहित्य अकादमी के  अलावा पंजाबी, उर्दू, ग्रंथ, संस्कृत तथा ओर भी कई अकादमीयां खोली गई हैं। उन्होंने बच्चों को सलाह देते हुए कहा कि  वे प्रण लें कि वे सभी को अपने जीवन में साथ लेकर चलें ताकि उनमें अच्छे संस्कारों का समावेश होने के साथ-साथ वे देश के अच्छे नागरिक भी बनें।
इस अवसर पर अपने स्वागतीय भाषण में हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के निदेशक श्री सुखचैन सिंह भंडारी ने बोलते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में जब से हरियाणा में पंजाबी भाषा को दूसरा दर्जा प्रदान किया गया है तब से प्रदेश में पंजाबी भाषा के साथ-साथ यहां बसते पंजाबी साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से इस भाषा को दूर-दूर तक फैला रहे हैं। वह अपनी कलम के जोर से अपनी मां बोली पंजाबी के प्रचार-प्रसार के लिए हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के माध्यम से डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने निदेशक के तौर पर हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के माध्यम से देश में 76 सम्मेलन आयोजित किए जिनमें से 48 सम्मेलन हरियाणा में आयोजित हुए हैं। उन्होंने इस बात की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अकादमी के आग्रह पर  मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सिविल सचिवालय में पंजाबी में भी नेम प्लेट लगाने के आदेश दिये हैं। इस अवसर पर श्री सुधीर राजपाल ने आठवीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा में 92 प्रतिशत व इससे अधिक अंक लेने वाले विद्यार्थियों में नवदीप कौर, सीमा रानी, कुसुम देवी तथा निर्मल कौर, 10वीं में  बोर्ड की परीक्षा में कैथल के राहुल कुमार को  शत-प्रतिशत अंक प्रापत करने पर सम्मनित किया गया। इसी प्रकार रजत चावला, अंकित कुमार, मनविंदर कौर तथा रीना रानी को बोर्ड की परीक्षा में 92 प्रतिशत व इससे अधिक अंक लेने पर सम्मानित किया गया। 12वीं की बोर्ड की परीक्षा में निर्मल कौर, वीरपाल कौर, जसप्रीत कौर, विजय प्रताप, सुमन रानी व गुरप्रीत कौर  को 92 प्रतिशत व इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। पंजाबी कहानी लेखन प्रतियोगिता में ‘मदारी’ के लिए फरीदाबाद के लेखक श्री सुरिंद्र सिंह ओबराय को  2500 रूपए का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया जबकि ‘पत्थर चों खिडदे फूल’ कहानी के लिए ऐलनाबाद की श्रीमती जगीर कौर को 1500 रूपए और ‘मनुखता अजे मरी नहीं’ कहानी के लिए फतेहाबाद के श्री इकबाल सिंह को 1000 रूपए की नकद राशि, स्मृति चिन्ह तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार 500-500 रूपए की राशि के 7 सांतवना पुरस्कार भी दिये गए जिनमे फतेहाबाद के कहानीकार श्री हरनाम सिंह को उनकी कहानी ‘जाप ते जानू’ के लिए, फरीदाबाद की डॉ इंदु गुप्ता को उनकी कहानी ‘कलेजा अपना नहीं बेचणा’ रानियां के कहानीकार श्री लखविंदर सिंह बाजवा को उनकी कहानी ‘मनूका’ हिसार की श्रीमती गुरप्रीत कौर सैनी को उनकी कहानी ‘धोआं घर के भाग’ कुरुक्षेत्र के श्री रघुवीर सिंह ईशर को उनकी कहानी ‘नजारे’ तथा ऐलनाबाद के पूरन सिंह निराला को उनकी कहानी ‘जोगे दी बीनस’ के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संस्कृत साहित्य अकादमी के निदेर्शक  श्री श्याम सखा श्याम, हिन्दी साहित्य अकादमी के निदेशक, उर्दू साहित्य अकादमी के निदेशक श्री देस राज सपरा, ग्रंथ अकादमी  की निदेशक डॉ० मुक्ता व उपाध्यक्ष श्री कमलेश भारती, श्री किदार नाथ किदार सहित काफी संख्या में साहित्यकार भी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here