हरियाणा में बजा सबसिटी बढ़ाने का ढिंढोरा

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संजय राय,,
आई.एन.वी.सी,,
हरियाणा,,
किसान दिवस पर हरियाणा के किसानों को अनेक तोहफे देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुडडा ने सभी उपमण्डलों में किसान क्लब खोलने और कृषि उपकरणों पर दी जानी वाली सब्सिडी को बढ़ाने की घोषणा की है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस को देश भर में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री ने आज करनाल में किसान दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन में प्रदेश भर से आए किसानों को सम्बोधित करते हुए किसानों को कृषि क्षेत्र में की गई विशिष्ट उपलब्धियों के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों की राशि 25 हजार रूपये से बढ़ाकर एक लाख रूपये करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त राज्य कृषि नवीनीकरण के तहत खर्च की जाने वाली राशि भी एक करोड़ रूपये से बढाकर 3 करोड रूपये की है। कृषि यंत्र लेजर लेवरल की सब्सिडी राशि 50 हजार रूपये से बढ़ाकार 75 हजार रूपये, मल्टीक्रोप प्लांटर पर सब्सिडी राशि 10 हजार रूपये से बढ़ाकर 20 हजार रूपये, हैप्पी सिडर पर 25 हजार रूपये से बढ़ाकर 50 हजार रूपये तथा स्ट्रारेपर पर 40 हजार रूपये से बढाकर 60 हजार रूपये और जीरो टिल मशीन पर 15 हजार रूपये से बढ़ाकर 20 हजार रूपये तथा बैड प्लांटर पर 15 हजार रूपये की की सब्सिडी देने की घोषणा की गई। उन्होंने जिला स्तर पर बने किसान कल्बों की तर्ज पर प्रदेश में उपमंडल स्तर पर भी किसान कल्ब खोलने की घोषणा की। चौ0 चरण सिंह को श्रद्घांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें एक युगपुरूष, महान स्वतंत्रता सेनानी, कुशल प्रशासक, एक सुलझे हुए राजनैतिज्ञ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों के सच्चे हमदर्द थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कृषि,पशु पालन एवं डायरी तथा मत्स्य पालन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों के लिए प्रदेश के 28 प्रगतिशील किसानों कोे सम्मानित किया। प्रत्येक किसान को 25-25 हजार रूपये व प्रशंसा पत्र दिए हैं। इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया जिसका प्रदेश भर से आए किसानों ने अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने अपने गठन के बाद कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। राज्य का खाद्यान उत्पादन 1966 में मात्र 26 लाख टन था जो अब 2011-12 में बढ़कर 184 लाख टन हो गया है। इसका श्रेय किसानों को जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 में गेहूं उत्पादकता में 51.82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर व बाजरा में भी 20.40 क्ंिटवल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता के साथ हरियाणा देश में पहले स्थान पर रहा है। हरियाणा देश का 60 प्रतिशत बासमती चावल का निर्यात करता है। हरियाणा को गेहूं उत्पादन के लिए केन्द्र सरकार ने ’ कृषि क्रमण आवार्ड ’ प्रदान किया गया था और इस वर्ष फिर हरियाणा को यह पुरस्कार मिलने की उम्मीद है। यह सब हरियाणा सरकार द्वारा किसान हितैषी नीतियां का परिणाम है। उन्होंने कहा कि गत दिनों वह भूटान के दौरे पर गए थे, उन्होंने भी हरियाणा की कृषि नीति की सराहना करते हुए अपने देश में इसे अपनाने के लिए सहयोग मांगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों का आह्वान किया कि वे कम जमीन में, कम पानी से ज्यादा से ज्यादा पैदावार लेने तथा जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने का प्रण लें ताकि किसानों को कम लागत पर ज्यादा से ज्यादा पैदावार मिल सकें। उन्होंने कहा कि हमने कृषि क्षेत्र में तेजी से विकास किया, किन्तु हमें अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। राज्य में सघन खेती एवं अन्य कारणों से भूमि की उपजाऊ शक्ति कम हो गई है। भूमिगत जल भी तेजी से नीचे जा रहा है। कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खादों व कीट नाशकों की निर्भरता बढ़ रही है, जिससे उत्पादन लागत भी बढ रही है। भूमि जोत भी छोटी होती जा रही है। इससे फसल उत्पादन पर विपरित असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आ रही चुनौतियों के समाधान एवं उनके विकास के लिए उपाय सुझाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री ने उनकी अध्यक्षता में एक कार्यदल का गठन किया था। इस कार्यदल ने कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए अपनी रिपोर्ट में अनेक सिफारिशें की है। हमने किसानों को 4 प्रतिशत की दर से ऋण देने की सिफारिश की थी जिसे केन्द्र सरकार ने मान लिया है। इस कार्यदल ने यह भी सिफारिश की थी कि किसानों की स्थायी आमदन करने के दृष्टिगत कृषि फसलों के एमएसपी निर्धारित करते समय इसमें कृषि उत्पादन की लागत के अतिरिक्त 50 प्रतिशत मुनाफा भी शामिल किया जाए। उन्होंने किसानों से कहा कि वे उन्हें ज्यादा से ज्यादा सहयोग दे ताकि वह उनके हित में लिए गए फैसलों को अमलीजामा पहनाने में कामयाब हो सकें। उन्होंने आगे कहा कि किसानों के हित में फैसला लेते हुए यूपीए सरकार ने कर्जा माफ तथा प्रदेश में सहकारी बैंकों के ब्याज माफ किए थे तथा सहकारी बैंक के उस काले कानून को भी बदला जिसके तहत किसान को ऋण की अदायगी न करने पर जेल में डाला जाता था तथा रोटी की कीमत भी किसान से वसूली जाती थी। उन्होंने हरियाणा किसान आयोग द्वारा किसानों के हित में लिए निर्णयों का भी स्वागत किया और कहा कि किसान आयोग ने जो प्रदेश में नई कृषि नीति लागू की है वह पूरे देश में सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने किसनों का आह्वान किया वे घरौंडा में स्थित इंडो-इजराइल सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र में जाकर ग्रीन हाउसिंस की तकनीक देखे और उसे अपनाए। किसानों को फसल विविधिकरण को अपनाने से आने वाली पीढ़ी को दिक्कत नहीं आएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई स्मारिका के साथ साथ लगभग आधा दर्जन विभिन्न पुस्तकों का भी विमोचन किया। इनमें बागवानी संबंधी सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों की मार्गदर्शिका,हरियाणा में एग्रो नोमिकल मैनवल के लिए सब्जी फसलों की संरक्षित खेती व व हरियाणा में संरक्षित खेती पर मॉडल बैंकएबल परियोजना से संबंधी पुस्तकें शामिल है। करनाल के सांसद डॉ. अरविन्द शर्मा ने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार का प्रयास है कि राज्य का किसान आगे बढ़े और वह ज्यादा से ज्यादा अमीर हो और देश में उसकी अलग पहचान बनें । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में बिजली व पानी उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में भूटान दौरे के दौरान भूटान सरकार से 2000 मेगावाट बिजली के लिए अनुबंध किया है। श्री अरविन्द शर्मा ने कहा कि कृषि विभाग व किसान आयोग द्वारा किसानों को सरकार की कृषि संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए प्रकाशित पुस्तिकाओं से व्यापक लाभ मिलेगा और किसान सरकार की नीतियों व योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलेगा। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान के वैज्ञानिक डॉ. एस अरियपन, हरियाणा किसान आयोग के अध्यक्ष आरएस परोदा, हरियाणा कृषि विभाग के वितायुक्त एवं प्रधान सचिव रोशन लाल ने भी किसानों को सम्बोधित किया। इस कार्यक्रम में एनडीआरआई के निदेशक ए श्रीवास्तव, असंध के विधायक जिले राम शर्मा, पूर्व मंत्री भीमसेन मेहता, कृषि विभाग के महानिदेशक एके सिंह, उपायुक्त रेनू एस फुलिया, पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद, कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र नरवाल व सुरेश भारद्वाज तथा अन्य कांग्रेसी नेता भी उपस्थित थे।

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