रेलवे लाइन नई औद्योगिक क्रांति लेकर आएगी : भूपेंद्र सिंह हुड्डा

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संजय राय,,
आई एन वी सी,,
हरियाणा,,
आखिरकार वह घड़ी आ ही गई है जिसका इंतजार झज्जर के लोगों को बरस दो बरस से नहीं बल्कि दशकों से था। यहां बात रेवाड़ी-झज्जर-रोहतक रेल लाइन की हो रही है। करीब 81 किलोमीटर के ट्रैक पर चलने वाली इस रेल को लेकर क्षेत्र के लोगों में गजब खुशी नजर आ रही है।  मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी रेलवे लाइन प्रदेश में नई औद्योगिक क्रांति लेकर आएगी। चंडीगढ़ से जयपुर सीधा जुड़ेगा और इस रेलवे लाइन के किनारे नई औद्योगिक बस्तियां विकसित होंगी। मुख्यमंत्री आज रोहतक के कैनाल रेस्ट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 साल बाद प्रदेश में नई रेलवे लाइन शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि मैने 1991 में सांसद बनने के बाद इस रेलवे लाइन के लिए मांग उठाई थी। इसके बाद 1996 में प्लानिंग कमीशन को इस रेलवे लाइन का मसौदा तैयार करके भेजा गया था। लेकिन अब आकर लोगों की यह मांग पूरी हुई और मंगलवार को इस रेलवे लाइन पर मैं रेवाड़ी से दोपहर 12 बजे पहली ट्रेन में बैठकर रोहतक आउंगा। उन्होंने इस रेलवे लाइन का पूरा श्रेय सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को भी दिया। उन्होंने कहा कि सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस रेलवे लाइन के लिए काफी मेहनत की है और यह उनका सपना था। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन के प्रोजेक्ट पर करीब 602 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और आधा खर्चा हरियाणा सरकार ने दिया है। लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड और पाले से किसानों को हो रहे नुकसान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पिछले वर्ष ही हमने पाले को प्राकृतिक आपदा में शामिल करवाया है। ऐसे में अगर पाले से किसान की फसल को कोई नुकसान की संभावना बनती है तो उसकी गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।  सांसद दीपेंद्र हुड्डा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ केंद्रीय रेल राज्य मंत्री के. जया सूर्यप्रकाश रेड्डी व स्वयं सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा रेल में सवार होकर पहुंचेगे। इस खास मौके पर मुख्यमंत्री व सांसद दीपेंद्र गांव माछरौली, झज्जर व डीघल रेलवे स्टेशन पर लोगों से रूबरू होंगे। हरियाणा में 33 वर्षों के बाद पहली रेल परियोजना पर करीब 602 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। दक्षिण हरियाणा को सीधा उत्तरी हरियाणा से जोड़ रही इस रेल के लिए जहां प्रदेश सरकार ने आधी राशि वहन की है वहीं इस प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए सांसद दीपेंद्र हुड्डा निरंतर प्रयासरत रहे। अपने पहले उप चुनाव के दौरान झज्जर को रेल देने का वायदा किया। बड़ी बात यह है कि मुख्यमंत्री हुड्डा व सांसद दीपेंद्र के प्रयास से 60 बरस से अधिक पुराना झज्जर का सपना मंगलवार को सच होने जा रहा है।
शादी के बाद रेल देखने का सपना हुआ पूरा  :  झज्जर में रेल आने की खबर से बेहद उत्साहित गांव तलाव की पूर्व सरपंच विद्या देवी के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है। जब देश अपनी आजादी का जश्न मना रहा था तो अपने मायके में ननिहाल जाने के लिए आखिरी बार विद्या देवी ने रेल की सवारी की थी। आज 75 वर्ष की उम्र में अपने भरे-पूरे परिवार के बीच बैठकर विद्या देवी रेल के फायदे बताते नहीं थकती। उन्होंने बताया कि वह आजादी मिलने के दो साल बाद यानि 1949 में शादी के बाद गांव तलाव आई थी। शादी से पहले अपने मायके लडायन गांव से ननिहाल जाने के लिए कोसली से राजस्थान के लिए उन्होंने रेल की सवारी की थी। शादी के बाद रेल में बैठना उनके लिए किसी सपने जैसा था लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर रेल की सौगात मिलने पर यह कहना भी नहीं भूलती कि हुड्डा नै रेल जरूर दिखादी, हुड्डा अर उसके छौरे ने बहोत ए बढि़या काम कर दिया।
आखिर दीपेंद्र ने दिखा ही दी रेल  :  गांव डीघल के पूर्व सैनिक सूरजभान आज 61 साल के हो चुके हैं। सूरजभान भी रेवाड़ी-झज्जर-रोहतक रेल सेवा आरंभ होने की खबर से खुश हैं। अपने गांव से गुजरने वाली रेल की लाइन  और स्टेशन को मौजूदा सरकार का सबसे बड़ा तोहफा बताते हुए उन्होंने बताया कि 13-14 वर्ष की उम्र में सुना था कि यहां रेल आएगी और लाइन के लिए एक-दो बार सर्वे भी हुआ लेकिन अपनी किशोरावस्था में सुनी खबर जीवन के छह दशक पार करने के बाद ही सच हो पाई। इस रेल लाइन के फायदे बताते हुए सूरजभान ने बताया कि डीघल व आस-पास के गांवों से प्रतिदिन सैंकड़ों लोग रोहतक या सांपला से दिल्ली व अन्य शहरों के लिए रेल पकड़ते हैं। यह रेल सेवा चालू होने से छात्र-छात्राओं, कामकाजी वर्ग व अन्य लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पिछले सात  सालों के दौरान रेल की लाइन बिछने से लेकर सेवा आरंभ होने के कार्य को पूरा होता देख सूरजभान यह कहना भी नहीं भूलते कि सांसद दीपेंद्र ने आखिर रेल दिखा ही दी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जिस तरह लाइन के कार्य के लिए पहले आधा खर्च दिया फिर सांसद दीपेंद्र ने निजी रूचि लेते हुए इस सौगात को वक्त पर पूरा कराया। उन्होंने बताया कि यह सैनिकों का इलाका है और रेल सेवा आरंभ होने से इलाके के हजारों सैनिकों और उनके परिजनों को सीधा लाभ मिला है।
किसी ने टेलिविजन में देखी तो कोई जिंदगी भर नहीं बैठा रेल में  :  रेवाड़ी-झज्जर-रोहतक के बीच रेल सेवा आरंभ हो चुकी है। झज्जर शहर से पहली बार रेल का गुजरना बुजुर्गों के बीच भी खासी चर्चा का विषय बन गया है। गांव तलाव में बुजुर्गों की एक मंडली ने रेल से जुड़ी अपनी भावनाओं और अनुभवों को कुछ ऐसे जाहिर किया कि सुनकर एक बार तो कोई भी दंग रह जाए। उम्र के सत्तर साल पार कर चुके हवा सिंह, 60 वर्ष के सतपाल तथा 65 वर्षीय लक्ष्मीनारायण में एक बात समान है। इन तीनों बुजुर्गों ने जीवन में कभी भी रेल की सवारी नहीं की। हालांकि हवा सिंह झज्जर से बाहर लाइन से गुजरती रेल तो कई बार देखी लेकिन ट्रेन में सवारी की हसरत जीवन के सात दशक पूरे होने तक अधूरी ही रही। जबकि सतपाल और लक्ष्मीनारायण को तो लाइन से गुजरती ट्रेन का भी दीदार नहीं हुआ बल्कि कभी कभार टेलिविजन पर दौड़ती रेल जरुर देखी। आज अपने गांव के पास से गुजरने वाली रेल को देखकर खुशी भी होती है और अब सवारी करने के भरोसे की चमक इनके चेहरों पर साफ देखी जा सकती है। इसी मंडली में बैठे गांव के सरपंच बलवान सिंह ने बताया कि रेल सेवा आरंभ होने का श्रेय मौजूदा सरकार को जाता है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल के दौरान ही इस परियोजना की नींव रखी गई तथा इसी सरकार के दौरान रेल सेवा चालू हुई। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की मेहनत के रंग लाने से इलाके की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो पाई है।
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