हरियाणा का गौरव बनता बराड़ा महोत्सव

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HARYANA.JPEG{निर्मल रानी**,,}
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले को ख्याति के शिखर पर पहुंचाने वाला राज्य हरियाणा अब बराड़ा महोत्सव की अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि को लेकर सुर्ख़ियों में है। बराड़ा महोत्सव अर्थात् हरियाणा राज्य के अंबाला जि़ले के बराड़ा कस्बे में होने वाला वह आयोजन जिसमें गत् कई वर्षों से विश्व का रावण का सबसे ऊंचा पुतला दहन किया जाता है। 2011 तक यह आयोजन तेरह दिवसीय रामलीला मंचन के अतिरिक्त विजयदशमी के दिन होने वाले रावण दहन तक ही सीमित था। और विश्व का सबसे ऊंचा रावण का पुतला नवमी के दिन क्रेन की सहायता से खड़ा करने के बाद दशमी की संध्या को अग्रि की भेंट कर दिया जाता था। परंतु श्रद्धालुओं की कई वर्षों की मांग के मद्देनज़र इस विशालकाय रावण के पुतले को गत् वर्ष 2012 को पांच दिनों तक खड़ा रखने तथा देश के दूर-दराज़ के इलाके से आने वाले लोगों व दर्शकों के दर्शनार्थ रावण दहन से पांच दिन पूर्व स्थापित करने का निर्णय लिया गया। ज़ाहिर है रावण के पुतले के पांच दिनों तक खड़ा रहने के लिए पांच दिवसीय मनोरंजनपूर्ण आयोजन की भी आवश्यकता थी। लिहाज़ा बराड़ा महोत्सव तथा इसके अंतर्गत् होने वाले गीत-संगीत,साहित्य एवं मनोरंजन संबंधी कार्यक्रमों की रूपरेखा बराड़ा महोत्सव के आयोजक श्री रामलीला क्लब, बराड़ा, अंबाला द्वारा तैयार की गई। और गत् वर्ष 2012 में बराड़ा महोत्सव 2012 के नाम से हुआ पहला पांच दिवसीय आयोजन पहली बार में ही सफलता के शिखर पर पहुंच गया।
इस बार भी श्री रामलीला क्लब बराड़ा 9 अक्तूबर से 13 अक्तूबर तक बराड़ा महोत्सव 2013 का एक उच्चस्तरीय आयोजन करने जा रहा है। विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले जिसकी ऊंचाई इस वर्ष 200 $फुट निर्धारित की गई है, की पृष्ठभूमि में आयोजित होने वाले बराड़ा महोत्सव 2013 में प्रतिदिन अलग-अलग मनोरंजनपूर्ण कार्यक्रम होंगे। इनमें गत् वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रथम दिवस अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन आयोजित होगा जिसमें देश के जाने-माने हास्य कवि जैसे अशोक चक्रधर,सुरेंद्र शर्मा, पापुलर मेरठी, अरूण जेमिनी, संपत सरल तथा अशोक झंझटी आदि भाग लेंगे। अगले दिन 10 अक्तूबर को पंजाबी गीत-संगीत के सबसे प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित हस्ताक्षर गुरदास मान बराड़ा महोत्सव में चार चांद लगाएंगे। इसी प्रकार 11 अक्तूबर की शाम को एक और प्रसिद्ध पंजाबी गायक शैरी मान अपने गीत व संगीत के जलवे बिखेरेंगे। 12 अक्तूबर का दिन मशहूर पंजाबी सू$फी गायक मगहर अली खां तथा देश के मशहूर $कव्वाल तसलीम आरिफ़ बंधु एंड पार्टी के नाम होगा। और अंतिम दिन यानी 13 अक्तूबर को विजयदशमी के अवसर पर लाखों दर्शकों की मौजूदगी में रावण का विश्व का सबसे ऊंचा पुतला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि द्वारा रिमोट का बटन दबाकर अग्रि के हवाले कर दिया जाएगा।
$गौरतलब है कि श्री रामलीला क्लब बराड़ा देश का अकेला ऐसा क्लब होने का गौरव प्राप्त कर चुका है जिसे तीन बार लिम्का बुक ऑ$फ रिकॉर्ड में प्रविष्टि देकर सम्मानित किया जा चुका है। इस प्रकार यह क्लब तीन बार लिम्का रिकॉर्ड प्रमाण पत्र हासिल करने वाला देश का इकलौता क्लब बन चुका है। राणा तेजिंद्र सिंह चौहान द्वारा 1987 में मात्र 20 फ़ुट ऊंचाई के रावण के पुतले का दहन करने से अपनी गतिविधियों को शुरु करने वाला यह क्लब प्रत्येक वर्ष सामाजिक बुराईयों के प्रतीक रावण के पुतले की ऊंचाई में इज़ा$फा करता आ रहा है। और इस प्रकार यह पुतला इस वर्ष 200 फ़ुट की विशाल ऊंचाई का रूप धारण करने जा रहा है। लगभग 6 महीने की दिन-रात की कड़ी मेहनत व भारी-भरकम आर्थिक ख़र्च के बाद यह पुतला न केवल कीर्तिमान स्थापित करता है बल्कि दूर-दराज़ से आने वाले लाखों दर्शकों के मनोरंजन का भी साधन बनता है। पांच दिनों तक इस विशालकाय पुतले के खड़े रहने के परिणामस्वरूप यहां सैकड़ों किलोमीटर के दायरे से दर्शकों विशेषकर स्कूल के बच्चों का तांता लगा रहता है। इस पुतले को देखने वाले प्रत्येक दर्शक की यह तमन्ना होती है कि वह विश्व के सबसे ऊंचे पुतले के पास खड़ा होकर अपनी फ़ोटो खिंचवाए।
इसके अतिरिक्त श्री रामलीला क्लब बराड़ा के विश्व का सबसे ऊंचा रावण के पुतले के निर्माण जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना देश के मौजूदा तनावपूर्ण वातावरण में पूरे देश व दुनिया को सांप्रदायिक सौहाद्र्र तथा सर्वधर्म संभाव का भी ज़बरदस्त संदेश देती है। इस राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त क्लब के संस्थापक अध्यक्ष जहां राणा तेजिंद्र सिंह चौहान हैं वहीं क्लब के संयोजक की भूमिका प्रसिद्ध स्तंभकार एवं लेखक तनवीर जा$फरी द्वारा अदा की जाती है। क्लब की गतिविधियों में गत् 15 वर्षों से तनवीर जा$फरी की सक्रियता ने क्लब को प्रसिद्धि के शिखर तक ले जाने में अपनी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। क्लब के अध्यक्ष के रूप में नितिन बंसल पूरी सक्रियता के साथ अपनी जि़म्मेदारियां निभाते हैं। तमाम प्रकार की सामाजिक बुराईयों का प्रतीक समझा जाने वाला रावण का यह विशालकाय पुतला इसलिए भी सांप्रदायिक सौहार्द्र का एक बहुमूल्य उदाहरण है क्योंकि तेजिंद्र चौहान के निर्देशन में इसे मुस्लिम कारीगरों की एक टीम द्वारा तैयार किया जाता है। मोहम्मद उस्मान,उसका परिवार तथा उसके अन्य मुस्लिम साथी कारीगर विजयदशमी से 6 माह पूर्व ही पुतले के निर्माण हेतु आगरा से बराड़ा आ जाते हैं। इस दौरान इस परिवार की सभी ज़रूरतें यहां तक कि इस दौरान पडऩे वाले उनके सभी धार्मिक त्यौहारों व रीति-रिवाजों को अदा करने की जि़म्मेदारी भी तेजिंद्र चौहान द्वारा उठाई जाती है। रावण के पुतले की ऊंचाई समाज में फैली अनेक कुरीतियों व विषमताओं को प्रतिबिंबित करती है। यह विशालकाय पुतला जहां सर्वधर्म संभाव सांप्रदायिक सौहाद्र्र का संदेश देता है वहीं इसका दहन सांप्रदायिकता, जातिवाद, गरीबी,अशिक्षा, दहेजप्रथा, कन्या भ्रुण हत्या, मंहगाई, भ्रष्टाचार तथा अहंकार जैसी बुराईयों के दहन के प्रतीक स्वरूप किया जाता है। और यह संदेश देने की कोशिश की जाती है कि समाज में बुराईयों का कद चाहे जितना भी ऊंचा क्यों न हो जाए पंरतु आ$िखरकार इसका अंत रावण के इस विशाल पुतले की तरह ही होना निश्चित है।
इस आयोजन की सफलता तथा इसकी ओर आम लोगों के बढ़ते आकर्षण का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र 5-6 वर्ष पूर्व तक दशहरा महोतसव को जो एकदिवसीय आयोजन केवल 4-6 एकड़ भूमि में आसानी से संपन्न हो जाया करता था अब बराड़ा महोत्सव के रूप में वही पांच दिवसीय आयोजन 20 से लेकर 24 एकड़ भूमि तक में पूरा नहीं समा पाता। रावण के विश्व के सबसे ऊंचे पुतले की पृष्ठभूमि में होने वाला विश्व का यह सबसे अनूठा आयोजन इस बार केवल सांयकाल के अपने प्रतिदिन के आयोजनों तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि 9 से 13 अक्तूबर तक दिनभर बड़ी तादाद में दर्शकों के दशहरा ग्राऊंड में आवागमन के मद्देनज़र उनके खानपान,मनोरंजन हेतु और भी कई गतिविधियां देखने को मिलेंगी। इनमें प्रदर्शनी, बच्चों के नाना प्रकार के झूले,ऊंट-हाथी,घोड़े की सवारियां तथा गीत-संगीत के कार्यक्रम भी शामिल होंगे। राणा तेजिंद्र सिंह चौहान द्वारा निर्मित देवी-देवताओं की विशाल एवं आकर्षक झांकियां भी इस बार बराड़ा महोत्सव ग्राऊंड की शोभा बढ़ाएंगी। इस प्रकार प्रात: दस बजे से शुरु होने वाला बराड़ा महोत्सव आयोजन रात 9 बजे तक चलता रहेगा।
तीन बार लिम्का रिकॉर्ड हासिल करने तथा अब गिन्नीज़ वल्र्ड रिकॉर्ड के द्वार पर अपनी ज़ोरदार दस्तक देने वाला यह अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुका क्लब जहां अपने-आप में तमाम उपलब्धियां व विशेषताएं समेटे हुए है वहीं इस क्लब के पास आयोजन के लिए अपने निजी ग्राऊंड का न होना इसकी नकारात्मक छवि को भी उजागर करता है। पंरतु वर्तमान समय में जिस प्रकार अपना तन-मन-धन सबकुछ न्यौछावर कर राणा तेजिंद्र चौहान ने इस क्लब को बुलंदी के शिखर तक पहुंचाया है तथा बीस $फुट से लेकर 200 $फुट तक की रावण के पुतले की ऊंचाई का सफर तय किया है उसके पश्चात अब जबकि बराड़ा विश्वस्तरीय ख्याति प्राप्त कर चुका है ऐसे में बराड़ा व उसके निकटवर्ती क्षेत्र के लोगों तथा हरियाणा सरकार का यह कर्तव्य है कि वह इस सार्वजनिक आयोजन को बर$करार रखने के लिए क्लब के सहयोगी के रूप में पेश आएं तथा यथाशीघ्र संभव सरकार व समाज मिलकर इस विश्व प्रसिद्ध आयोजन के लिए क्लब को पर्याप्त ज़मीन मुहैया कराए। क्योंकि कोई आश्चर्य नहीं कि भविष्य में बराड़ा महोत्सव जैसा आयोजन हरियाणा के पर्यटन मानचित्र पर अपना नाम भी दर्ज कराते हुए राज्य के सुप्रसिद्ध सूरजकुंड शिल्प मेले की प्रसिद्धि को भी पीछे छोड़ दे।
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Nirmal Rani**निर्मल रानी
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर निर्मल रानी गत 15 वर्षों से देश के विभिन्न समाचारपत्रों, पत्रिकाओं व न्यूज़ वेबसाइट्स में सक्रिय रूप से स्तंभकार के रूप में लेखन कर रही हैं.
Nirmal Rani (Writer )
1622/11 Mahavir Nagar
Ambala City 134002 Haryana
phone-09729229728
*Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC.

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