स्वंत्रता दिवस पर शालिनी तिवारी की कविता – आज़ादी पर गर्व हमें है

0
24

 

आजादी पर गर्व हमें है 

आजादी पर गर्व हमें है और सदा तक बना रहेगा,
जिन लोगों ने कुर्वानी दी उनका नाम अमर रहेगा,

पर अन्तिम जन को आजादी कब तक मिल पाएगी ?
दुपहरिया में मजदूरों की मेहनत कब रंग लाएगी ?

उनकी सोच बदल जाए तो सच्ची आजादी होगी,
भुखमरी पर पाबन्दी ही सच्ची खुशहाली होगी,

झुग्गी झोपड़ियों में रहकर आंधी पानी सहते हैं,
उनसे भी कुछ पूछो जिनपर जुर्म अभी भी ढ़हते हैं,

कुछ लोग अभी भी अपना जिस्म बेचते फिरते हैं,
आजादी को अब भी वो “अाधी आजादी” कहते हैं,

आस्तीन के साँप अभी भी हिन्द वतन में पलते हैं,
भारत माता को लेकर ये खूब सियासत करते हैं,

कुछ लोगों को भारत का गौरव गान नहीं भाता,
आतंकियों का महिमा मण्ड़न बस इनको खूब सुहाता,

अब तो मेरा दिल करता है कि झूमूँ नाचू गाऊँ मैं,
देश के अन्तिम जन को सच्ची आजादी दिलवाऊँ मैं,

मेरे जीने का यह मकसद् सच्ची आजादी दिलवाएगा,
गरीबी, भुखमरी और मन से सबको आजाद कराएगा ।

_____________

shalini tiwariपरिचय -:

शालिनी तिवारी

स्वतंत्र लेखिका

“अन्तू, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश की निवासिनी शालिनी तिवारी स्वतंत्र लेखिका हैं । पानी, प्रकृति एवं समसामयिक मसलों पर स्वतंत्र लेखन के साथ साथ वर्षो से मूल्यपरक शिक्षा हेतु विशेष अभियान का संचालन भी करती है । लेखिका द्वारा समाज के अन्तिम जन के बेहतरीकरण एवं जन जागरूकता के लिए हर सम्भव प्रयास सतत् जारी है ।”

 

 

सम्पर्क : shalinitiwari1129@gmail.com

____________

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here