स्पर्श करने मात्र से दूर होते हैं असाध्य रोग

0
27

भगवान शिव के हमारे देश में अनेकों मंदिर हैं जो किसी न किसी कारण वश अधिक प्रसिद्ध है। कुछ अपने विभिन्न प्रकार के चमत्कारों के लिए जाने जाते हैं तो कुछ से संबंधी रहस्य इतने गहरे होते हैं कि लोग इन रहस्यों के चलते इन मंदिर की ओर खिंचे चले आते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं वो भी इन्हीं मंदिरों में से एक है। जी हां, इस मंदिर से जुड़ी जो खास बात है वो ये है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को छूने मात्र से जातक को अपने असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है।

बता दें ये मंदिर उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ के पास स्थित बोधेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता हैं, जिसे लेकर लोगों के मन में अधिक आस्था है। मंदिर से जुड़ी मान्यताओं की बात करें तो कहा जाता है एक बार नेवल के राजा को भगवान शिव ने सपने में आकर पंचमुखी शिवलिंग, नदी और नवग्रह स्थापित करने के आदेश दिए। भगवान शिव से आ ये आदेश प्राप्त करने बाद राजा ने यहां मंदिर का निर्माण आरंभ करवा दिया। लेकिन कथाओं के अनुसार जब मंदिर में शिवलिंग आदि को स्थापित किया जाने लगा तो जिस रथ में इसे लेजाया जा रहा था उसका एक पहिया अचानक जमीन में धंसने लगा और लाथ प्रयास के बाद भी रथ के पहिए को जमीन से नहीं निकाला जा सका।

अतः राजा ने उसी स्थान पर शिवलिंग, नंदी और नवग्रह की स्थापना कर भव्य मंदिर का निर्माण करवा दिया। कहा जाता है वहीं भगवान शिव द्वारा बोध कराए जाने के कारण इस मंदिर को ‘बोधेश्वर महादेव’ मंदिर कहा जाने लगा। कहा जाता है मंदिर में स्थापित पंचमुखी शिवलिंग के पत्थर के बारे में माना जाता है कि यह पत्थर दुर्लभ है और 400 साल पहले विलुप्त हो चुका है। धरती पर ऐसे पत्थर नहीं मिलते हैं। वहीं नंदी और नवग्रह में जो पत्थर लगे हैं, उन पर पाषाण काल की पच्चीकारी की गई है, जो अपने आप में अद्भुत है। प्रचलित मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति मंदिर में मौज़ूद शिवलिंग को स्पर्श करता है उनके लंबे समय से चले आ रहे असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। PLC.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here