सैलजा के समाने हैं अपार चुनौतियां

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हरियाणा में कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने वाली पहली महिला नेता कुमारी सैलजा आज कार्यभार संभाल लेंगी, लेकिन उनके सिर पर कांटों भरा ताज रखा है। वे कांग्रेस मुख्यालय चंडीगढ़ में कार्यभार संभालेंगी। प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, नेता व कार्यकर्ता कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

इसे हुड्डा व सैलजा के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। सभी की निगाहें इस बात पर रहेंगी कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर व पूर्व सीएलपी लीडर किरण चौधरी कार्यक्रम में आते हैं या नहीं। आजाद, हुड्डा व सैलजा मीडिया से भी शाम पांच बजे मुखातिब होंगे। पहले यह समय तीन बजे रखा गया था।

वहीं हरियाणा कांग्रेस की नई प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा के सिर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांटों भरा ताज सजा है। सैलजा के समाने अपार चुनौतियां हैं। जहां उन पर कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने का दायित्व है, वहीं कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट करने का जिम्मा भी। सबसे बड़ा चैलेंज तो चुनावी वक्त में कांग्रेस के खाली खजाने को भरने का है।

कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने वाली प्रदेश की पहली महिला नेता हैं। हरियाणा गठन के बाद अब तक 19 प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस के रहे और सब के सब पुरुष। पहला मौका है जब आलाकमान ने एक महिला को पार्टी की कमान सौंपी है।
अब तक प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर फूल चंद मुलाना का कार्यकाल सबसे लंबा रहा। सैलजा को चुनाव लड़ने के लिए जहां पर्याप्त फंड जुटाने होंगे, वहीं विधायकों, पूर्व विधायकों से भी उनके हिस्से का बकाया चंदा लेना होगा। चूंकि, इस समय हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोष में कोई बड़ी राशि नहीं है। लाखों रुपये की जगह अब चंद लाख रुपये ही पार्टी केखाते में हैं।

कर्मचारियों को बीते कुछ वर्षों में वेतन तक का संकट झेलना पड़ा है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष के कार्यकाल में कांग्रेस के कार्यालय सचिव मोहिंदर सिंह तक नौकरी छोड़कर चले गए थे, जो सैलजा के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष बनने के बाद ड्यूटी पर लौट आए हैं। उन्हें भी कुछ महीने आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। उनकी पूछ भी न के बराबर थी।

अशोक तंवर के हटने और सैलजा को मिलने से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय का नजारा भी बदल गया है। पार्टी के झंडे, डंडे सब चेंज हो गए हैं। पूरे कार्यालय की साफ-सफाई कर नए सिरे से साज-सज्जा की गई है। बिजली के खराब स्विच की जगह नए लगाए गए हैं। तंवर की जगह सैलजा का फोटो आ गया है तो तंवर पूर्व प्रदेशाध्यक्षों की कतार में शामिल हो गए हैं।
अब तक ये रहे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष
पंडित भगवत दयाल शर्मा, रामकिशन गुप्ता, रामशरण चंद मित्तल, राव निहाल सिंह, चौधरी रणबीर सिंह, चौधरी सुलतान सिंह, चौधरी दलबीर सिंह, सरदार हरपाल सिंह, चौधरी सुलतान सिंह, चौधरी बिरेंद्र सिंह, सरदार हरपाल सिंह, बलबीर पाल शाह, शमशेर सिंह सुरजेवाला, चौधरी बिरेंद्र सिंह, धर्मपाल सिंह मलिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, भजन लाल, फूलचंद मुलाना, अशोक तंवर। चौधरी सुलतान सिंह, चौधरी बिरेंद्र सिंह और सरदार हरपाल सिंह को दो-दो बार प्रदेशाध्यक्ष बनने का मौका मिला है।

बकाया लेने पहुंचे केबल कनेक्शन वाले
कांग्रेस की आर्थिक तंगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केबल कनेक्शन वाले को भी हर महीने पैसे नहीं दिए जाते थे। शुक्रवार को जब कांग्रेस मुख्यालय के नवीनीकरण का काम चल रहा था, उस समय केबल कनेक्शन वाले अपनी लगभग 25 सौ रुपये बकाया राशि लेने पहुंच गए।



 

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