सुप्रीम कोर्ट ने छुडवाई भाजपा के नेताओं से लालबत्ती

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lalbatti par lagamआई एन वी सी,
रायपुर,
राज्य सरकार ने सभी विभागों को सरकारी गाड़ियों में लालबत्ती के इस्तेमाल के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्री सुनिल कुमार के निर्देश पर परिवहन विभाग ने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने की दस तारीख को पारित आदेश का उल्लेख करते हुए आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि मोटरयान नियम 1989 के नियम 108 (1) के परन्तुक (तीन ) में प्रयुक्त शब्द ‘‘अतिगणमान्य व्यक्ति’’ के अन्तर्गत, संविधान में विनिर्दिष्ट विभिन्न पदों, हैसियतों और कार्यालयों को धारण करने वाले व्यक्ति आते हैं। केन्द्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट और उनके समान ही राज्य सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट ‘अतिगणमान्य व्यक्ति’ को लाने और ले जाने वाले किसी यान में लाल बत्ती लगाया जा सकेगा किन्तु फ्लैश युक्त या बिना फ्लैश के लाल बत्ती का उपयोग केवल तब ही किया जा सकता है, जब विनिर्दिष्ट ‘अतिगणमान्य व्यक्ति’ कर्तव्य का निर्वहन कर रहा हो, अन्यथा नहीं।

राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन, शब्द ‘अतिगणमान्य व्यक्ति’, जो केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना 11 जनवरी 2002 और 28 जुलाई 2005 के खण्ड‘सी’ ओर ‘डी’ में विहित है, कि परिधि से परे, इसमें विस्तार नहीं कर सकते। अतएव वे मोटरयान नियम, 1989 तथा केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना 11 जनवरी 2002 और 28 जुलाई 2005 के साथ तारतम्य में लाने के लिये सुसंगत नियमों और अधिसूचनाओं में संशोधन करेंगे। यह कार्य तीन माह की अवधि के भीतर अनिवार्य रूप से होना चाहिए। वर्दीधारी व्यक्तियों, ऑपरेशनल एजेंसी, जिन्हें अपने कर्तव्य के निर्वहन के लिये बिना अवरोध सड़क की आवश्यकता है, और वे जो आपातकालीन कर्तव्यों में संलग्न है, जैसे एम्बुलेंस सेवायें, अग्नि शमन सेवायें, आपातकालीन रखरखाव आदि तथा पुलिस यान जिसका उपयोग सुरक्षा या मार्गदर्शन या कानून और व्यवस्था के लिये किया जा रहा हो, लाल बत्ती रखने के हकदार नहीं होंगे किन्तु अन्य रंगों की बत्ती जैसे नीला, सफेद, बहुरंगी आदि का उपयोग कर सकेंगे। मोटरयान नियम, 1989 के नियम 119 (3) अथवा राज्य शासन या संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन के द्वारा निर्मित नियमों के अन्तर्विष्ट समरूप प्रावधानों में विनिर्दिष्ट मोटरयानों से भिन्न, किसी मोटरयान में मल्टी-टोन हार्न, जो भिन्न-भिन्न स्वर (आवाजें) देता हो, अथवा कोई अन्य आवाज उत्पन्न करने वाला यंत्र, जो असम्यक तीव्र , भयप्रद शोर या तेज आवाज देता हो, नहीं लगाया जायेगा। मोटरयान अधिनियम, 1988 तथा इसके अधीन निर्मित नियमों के प्रावधानों को प्रवर्तन (लागू) करने क कार्य में न्यरत पुलिस अधिकारियों और अन्य प्राधिकारियों को, बिना किसी भय या पक्षपात के अपने कर्तव्य का निर्वहन करना होगा तथा उन पर (उन व्यक्तियों पर) जो नियम 108 (1) और 119 तथा राज्य शासन एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन द्वारा निर्मित समरूप नियमों में अन्तर्विष्ट प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हो, समुचित शास्ति अधिरोपित करना चाहिए।

मोटरयान नियम 1989 के नियम 119 (3) के अधीन अथवा राज्य शासन एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन द्वारा निर्मित तत्स्थानी नियमों के अधीन इस प्रकार के हार्नों के उपयोग करने हेतु अनुमति प्राप्त से भिन्न मल्टी-टोन हार्न युक्त वाहनों के स्वामी/उपयोगकर्ता, आज से एक माह की अवधि के भीतर मल्टी-टोन हार्नों को हटायेंगे। अधिनियम 1988 तथा केन्द्र शासन, राज्य शासन एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन द्वारा इसके अधीन निर्मित नियमों के प्रावधानों को प्रवर्तन (लागू) करने हेतु प्राधिकृत अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि मल्टी-टोन हार्नों को मोटरयान नियम 1989 के नियम 119 (3) तथा राज्य शासन एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन द्वारा निर्मित तत्स्थानी नियमों में विनिर्दिष्ट यानों से भिन्न सभी यानों से हटा दिया गया है। राज्य शासन एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन लाल बत्ती तथा मल्टी-टोन हार्नों अथवा समरूप यंत्रों के उपयोग करने के विरूद्ध प्रतिबंध अंतर्विष्ट करने वाले नियमों के उल्लंघनकर्ताओं पर निवारक शास्ति अधिरोपित करने हेतु या तो विद्यमान नियमों में संशोधन करेगा अथवा समुचित नियम निर्मित करेगा।

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