साहित्यकार चन्द्रशेखर सिंह को सारस्वत सम्मान

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साहित्यकार चन्द्रशेखर सिंह को सारस्वत सम्मानअंजू अग्निहोत्री,
आई एन वी सी,
लखनऊ,
सर्वजन हिताय साहित्यिक समिति, लखनऊ के तत्वावधान में सारस्वत सम्मान समारोह का भव्य आयोजन आज सायं प्रेमचन्द्र सभागार, उ.प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार, कवि व लेखक पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने हिन्दी साहित्यजगत के मूर्धन्य विद्वान एवं छान्दस कविता के लोकप्रिय रचनाकर श्री चन्द्रशेखर सिंह को ‘सारस्वत सम्मान’ प्रदान कर सम्मानित किया। इस भव्य समारोह की अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की पूर्व अध्यक्षा डा. सरला शुक्ला ने की जबकि उ.प्र. हिन्दी संस्थान के निदेशक डा. सुधाकर अदीब ने विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारकर समारोह की गरिमा को बढ़ाया। इस अवसर पर डा. आनन्द त्रिपाठी द्वारा लिखित भक्ति कृति ‘हनुमतमणिरत्नम’ के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण भी सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर खचाखच भरे ऑडिटोरियम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि पं. हरि ओम शर्मा ‘हरि’ ने कहा कि साहित्यकारों का सम्मान वस्तुतः हिन्दी भाषा व समाज का भी सम्मान है एवं यह सम्मान समाज व भाषा के उत्थान का द्योत्तक है। सारस्वत सम्मान समारोह की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए पं. शर्मा ने कहा कि जीवन मूल्यों व संस्कारों से लबरेज लेखन युवा पीढ़ी को सामाजिक सराकारों से जोड़ने में सक्षम है, बस जरूरत इस बात की है कि वर्तमान दौर के उदीयमान लेखक व रचनाकार अपने लेखन से पीढ़ी को ऊर्जा व उत्साह के साथ समाज के रचनात्मक विकास हेतु प्रेरित कर सके। समारोह की अध्यक्षता करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की पूर्व अध्यक्षा डा. सरला शुक्ला ने कहा कि आज हमारे देश को ऐसे प्ररेणादायी लेखकों की जरूरत है जो अपने लेखन में देश की महान संस्कृति व अनूठी विरासत को पर्याप्त स्थान दें। समारोह की प्रशंसा करते हुए डा. शुक्ला ने कहा कि यह समारोह उदीयमान लेखकों में नये उत्साह का संचार करने में सहायक होगा। समारोह के विशिष्ट अतिथि व उ.प्र. हिन्दी संस्थान के निदेशक डा. सुधाकर अदीब ने भी समारोह की प्रशंसा की और कहा कि यह समारोह साहित्यिक प्रगति में निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगा।

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