सात दिन में गिरफ्तारी नहीं तो उच्च अधिकारीयों के खिलाफ होगी कारवाई – डॉक्टर वेरका

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डॉक्टर वेरका समक्ष पेश  ए डी जी पी क्राइम जसमिंदर सिंह , डी आई जी क्राइम जसकरण सिंह , ए आई जी ( लॉ एंड आर्डर ),   डी सी पी अमृतसर बिक्रमजीत सिंह भट्टी ,  जसवीर सिंह एस पी (हैडक़ुआर्टेर) बठिंडा , दमनजीत सिंह मान एस डी एम बठिंडाआई एन वी सी ,
अमृतसर ,
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष आज पंजाब के ए डी जी पी क्राइम जसमिंदर सिंह , डी आई जी क्राइम जसकरण सिंह , ए आई जी ( लॉ एंड आर्डर ),   डी सी पी अमृतसर बिक्रमजीत सिंह भट्टी ,  जसवीर सिंह एस पी (हैडक़ुआर्टेर) बठिंडा , दमनजीत सिंह मान एस डी एम बठिंडा पेश हुए।  डॉक्टर वेरका ने पुलिस द्वारा अमृतसर तथा बठिंडा में किये गए अमानवीय व्यवहार को लेकर उक्त अधिकारीयों को तलब किया था।

बठिंडा केस में पुलिस ने धारा ३४२, ३२३ तथा एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है लेकिन कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।  डॉक्टर वेरका ने उक्त अधिकारीयों को सात दिन का वक़्त दिया है आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिय़े और एट्रोसिटी एक्ट के तहत बनता पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए। डॉक्टर वेरका ने कहा कि अगर सात दिन के अंदर अंदर इन केसों में कारवाई नहीं की गयी तो पुलिस के उच्च अधिकारीयों के खिलाफ कारवाई की जायेगी।

अमृतसर मामले में डी सी पी भट्टी ने बताया कि ए एस आई मेजर सिंह तथा दो हवलदारों को लाइन हाज़िर किया गया है लेकिन अभी तक पीड़ित का मेडिकल नहीं हो पाया है।  डॉक्टर वेरका ने पुलिस को फटकार लगते हुए कहा कि वो पुलिस की इस ढील को दुबारा बर्दाश्त नहीं करेंगे और सात दिन के अंदर अंदर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ ऍफ़ आई आर दर्ज की जाये।

गौरतलब है कि बठिंडा में गावं फूस मंडी की एक दलित औरत को झूठे चोरी के केस में पुलिस जांच के लिए थाना में लाई और उसको अल्फ नंगा करके प्रताड़ित किया गय़ा।  सारी रात उसे हवालात में रखा गया।  अगले दिन गावं वालों ने थाना का घेराव किया और तब उसे छोड़ा गया। इस मामले में सब इंस्पेक्टर काबल सिंह तथा  ए एस आई दर्शन सिंह के खिलाफ ऍफ़ आई आर दर्ज की गयी है।

इसी तरह अमृतसर के सुल्तानविंड के  रहने वाले ब्रमजीत सिंह ने इन्साफ की गुहार आयोग के समक्ष लगाई थी ।  25 साल के ब्रमकुमार जो पेशे से ऑटो ड्राईवर है , ने बताया था कि 12 दिसंबर को उनके घर के सामने घर में चोरी हुई थी , इस मामले में 25 दिसंबर को पुलिस उनके घर आई और कहा कि चौंकी इंचार्ज मेजर सिंह ने पूछताछ के लिए उसे  बुलाया है। उसने अपने साथ अपने जीजा और चार पांच मोहतबर  लोगों को साथ लिया और चौंकी चला गया। जब वह चौंकी पहुंचे तब वहाँ ए एस आई मेजर सिंह , हवलदार गुरमेज सिंह तथा हवलदार मेजर सिंह मौजूद थे और उन्होंने उनके साथ आये लोगों को कहा कि वह ब्रमजीत से बात करके उसे छोड़ देंगे आप अपने घर चले जाओ।  उसके साथ आये सभी घर चले गए , उनके जाने के दस मिनट के बाद ही चौंकी इंचार्ज और दुसरे पुलिस कर्मियों ने उसके साथ थर्ड डिग्री टॉर्चेर करना शुरू कर दिया।  वह रोता रहा तड़पता रहा लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनी , उसको ये ही कहते रहे कि मान जा के चोरी तूने ही की है।  उसके सारे कपडे उतारकर चौंकी इंचार्ज उसके शरीर पर चढ़ गया और उसके सारे शरीर में डंडों की बौछार कर दी गयी और उसके शरीर पर ठंडा पानी डालते रहे और उसके  गुप्तांग में डंडा घुसेड़ दिया।

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