सांवरिया में सितार पर गीतों को बजाया और गाया भी है – हिदायत हुसैन

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आई.एन. वी. सी. ,,
मुंबई,,

उस्ताद विलायत हुसैन खान के  सुपुत्र हिदायत हुसैन की नयी एलबम सांवरिया’’ रिलीज़ हुई . उस्ताद विलायत हुसैन के सुपुत्र हिदायत हुसैन की यह  एलबम भारतीय शास्त्रीय संगीत की ऐसी एलबम है जिसे सुनकर निश्चित रूप से श्रोताओं को सुकून मिलेगा. क्योंकि उनके इस एलबम ‘’सांवरिया’’ में हिदायत ने खुद ही सितार बजाया, गाया है, गीतों को लिखा है व  संगीत से सजाया भी है. यह एलबम शास्त्रीय संगीत के श्रोताओ को तो पसंद आयेगा ही इसके अलावा उन श्रोताओ को भी पसंद आयेगा जो कि शास्त्रीय संगीत कम ही सुनते हैं.

पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में हिदायत हुसैन से बातचीत हुई उनके इसी एलबम ”’सांवरिया’’ के सिलसिले में. उन्होंने बताया कि, ”उनकी यह एलबम ‘’सांवरिया’’ जिसे रिलीज़ किया है संगीत कंपनी सारेगामा ने. ८ ट्रैक हैं इस एलबम में, जिसमें पहला है अलबेला सजन, इसके बाद जिया, नाजनीन, शीर्षक गीत ‘’सांवरिया’’, लागी रे, सुकून, रात कटी नही, ताना मारो न, नाजनीन अनप्लग्ड. इन गीतों को लिखा है खुद मैंने व संजीव तिवारी ने जबकि कुछ गीत पारंपरिक हैं,इन सभी गीतों का संगीत भी मैंने ही तैयार किया है. सितार पर इन गीतों को मैंने बजाया है और गाया भी है.’’

”सावंरिया” हिदायत की दूसरी एलबम है इससे पहले उनकी एलबम ‘’जीवर’’ रिलीज़ हुई थी जो कि बिल्बोर्ड व एम टी वी के चार्ट पर नंबर -१ की पोजीशन पर थी. क्या यह एलबम भी उनकी पहली एलबम की तरह सफलता हासिल करेगी? के जवाब में उन्होंने कहा कि,” हाँ क्यों नही जरुर करेगी, यह बहुत ही अच्छी एलबम है जिसे हर श्रोता पसंद करेगा चाहे वो शास्त्रीय संगीत सुनता हो या ना सुनता हो.”

हिदायत से पूछने पर कि, ”आपको अपने इस एलबम का कौन सा गीत पसंद है? उन्होंने कहा कि, ”वैसे तो  मुझे  सभी गीत पसंद हैं क्योंकि सभी गीत मैंने ही लिखे हैं और उनमें संगीत भी दिया है और गाया भी है लेकिन  फिर भी शीर्षक गीत सांवरिया मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, इसके अलावा  ताना मारो ना, सुकून, रात कटी नही ये तीनो गीत भी मुझे अच्छे लगते हैं.”  ‘सांवरिया’’

चार साल की उम्र से अपने पिता उस्ताद विलायत हुसैन से गायकी की विधिवत शिक्षा लेने वाले हिदायत की आवाज में जितनी मिठास है उतना ही जादू भी है उनकी उंगलियों में जिनसे वो सितार बजाते हैं.हिदायत से पूछने पर कि, ”सितार बजाना व साथ में गीतों को गाने की यह कला आपने कैसे सीखी? हिदायत ने बताया कि, ”सितार बजाना व साथ में गीतों को गाना मैंने अपने पिता से ही सीखा है क्योंकि ४ साल से लेकर १४ साल तक मैंने अपने पिता से शास्त्रीय संगीत की विभिन्न विधाओ की गायकी में तालीम ली है.”

देश-विदेश में संगीत के कई कार्यक्रम कर चुके हिदायत ने मीरा नायर की फिल्म ‘’कामसूत्र’’ के साथ-साथ कई फिल्मों में भी संगीत दिया है. इसके अलावा डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित होने वाले लोकप्रिय कार्यक्रम ‘’ट्रेकिंग ए लीजेंड’’ का बैक ग्राउंड संगीत दिया है.

हिदायत ने  जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, कनाडा, यूरोप, यू एस ए के अलावा इटली में  भी परफोर्म किया है.उनसे पूछने पर कि आपने विदेशो में इतनी जगह अपने कार्यक्रम पेश किये हैं सबसे ज्यादा अच्छे श्रोता कहाँ के हैं? उन्होंने कहा कि, सब जगह के श्रोता अच्छे हैं, सब बहुत ही ध्यान से सुनते है कार्यक्रम को, मुझे मजा आता है वहां उनके साथ.”

हिदायत को उनके काबिलियत के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रेस ने काफी सराहा है २००१ में रोलिंग मैगजीन ने उन्हें ‘’द यंग मास्टर’’ लिखा जबकि द डेली स्टार ने उन्हें ‘’हिदायत केन रौक’’ लिखा. यही नही इसी तरह शिकागो ट्रिबुन, द लन्दन टाइम्स, द टेलीग्राफ ने भी उनकी बहुत तारीफ़ की.

Hidayat Hussain
Hidayat Hussain

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