सांप्रदायिक सौहाद्र्र की मिसाल पेश कर गया बराड़ा महोत्सव 2013

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download (1){ निर्मल रानी * }भारतवर्ष में मनाए जाने वाले कई प्रमुख त्यौहारों में एक त्यौहार विजयदशमी अथवा दशहरा भी   है। प्राय: इस त्यौहार को भी हिंदू धर्म से जुड़ा त्यौहार माना जाता है। भगवान श्री राम द्वारा राक्षसरूपी रावण का वध करने की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है। इस दौरान लगभग 10 दिनों तक रामलीला का मंचन किया जाता है तथा विजयदशमी के दिन रावण दहन कर इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीकस्वरूप मनाया जाता है।
अंबाला जि़ले का बराड़ा $कस्बा भी बुराई पर अच्छाई की विजय के इस पर्व के अवसर पर रावण के विशाल पुतले का निर्माण करता है। श्री रामलीला क्लब बराड़ा (अंबाला)इस समय देश के अकेले ऐसे क्लब के रूप में स्वयं को स्थापित कर चुका है जिसे रावण के पुतले की ऊंचाई को लेकर तीन बार लिम्का रिकॉर्ड प्राप्त हो चुका है। क्लब को 2011 का लिम्का रिकॉर्ड 175 $फुट ऊंचे रावण के पुतले के निर्माण के लिए दिया गया था तो 2012 में 185 $फुट ऊंचा रावण का पुतला लिम्का रिकॉर्ड पाकर दूसरी बार राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित करने में सफल रहा जबकि 2012 में बुराई के इस प्रतीक की ऊंचाई 195 $फुट होने पर पुन: क्लब को तीसरी बार लिम्का रिकॉर्ड से अलंकृत किया गया। $गौरतलब है कि विश्व के इस सबसे ऊंचे रावण के पुतले की पृष्ठभूमि में प्रत्येक वर्ष पांच दिवसीय बराड़ा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष भी यह आयोजन 9 से 13 अक्तूबर के दौरान 200 $फुट ऊंचे विशालकाय रावण के पुतले की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया। क्लब की ओर से इस वर्ष 13 अक्तूबर को दहन किया गया 200 $फुट ऊंचा रावण का पुतला एक बार फिर चौथी बार लिम्का बुक आ$फ रिकॉर्ड के लिए अपना दावा प्रस्तुत करेगा।
यूं तो पांच दिवसीय बराड़ा महोत्सव 2013 का आयोजन दशहरा व विजयदशमी के अवसर पर किया गया। परंतु इस महोत्सव ने इस वर्ष न केवल देश में सांप्रदायिक सौहाद्र्र तथा हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की भारतीय परंपरा को आगे बढ़ाया बल्कि यह आयोजन भारत-पाक रिश्तों के लिहाज़ से भी एक अनूठा व अद्वितीय आयोजन रहा। बराड़ा महोत्सव में प्राय: प्रत्येक वर्ष हास्य कवि सम्मेलन व गीत-संगीत के पांच दिसवीय कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। परंतु इस वर्ष बराड़ा महोत्सव का एक दिन अर्थात 12 अक्तूबर सू$फी संगीत तथा $कव्वाली के आयोजन के नाम रहा। विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले के समक्ष कलाकारों द्वारा सू$फी कलाम व $कव्वालियां पेश की गईं। ज़ाहिर है सू$फी कलाम व $कव्वाली में आमतौर पर अपने पीर मुर्शिद का बखान , उनका $कसीदा तथा $कव्वाली में आमतौर पर नात शरी$फ व संतों व $फ$कीरों की प्रशंसा की जाती है अथवा उनके $कसीदे पढ़े जाते हैं। सीधे तौर पर यदि देखा जाए तो विजयदशमी अथवा दशहरे के त्यौहार से $कव्वाली या सू$फी कलाम का आपस में कोई रिश्ता नहीं है। पंरतु बराड़ा महोत्सव में इस वर्ष यह रिश्ता ऐसा प्रगाढ़ हुआ कि महोत्सव के लिए यह एक यादगार बन गया।
देश के जाने-माने पंजाबी सू$फी गायक मगहर अली तथा मशहूर $कव्वाल तसलीम आरि$फ बंधु एंड पाटी्र ने विश्व के सबसे ऊंचे रावण के सामने जिस समय अपने सू$िफयाना कलाम व $कव्वालियों का समां बांधा उस समय उपस्थित श्रोता मस्ती में झूम उठे। इसी बराड़ा महोत्सव 2013 के अंतर्गत 10 व 11 अक्तूबर को गुरदास मान व शैरी मान की संगीतमय शाम जहां सात बजे शाम को शुरू होकर 10 बजे रात तक ही सिमट गई वहीं सू$िफयाना कलाम व $कव्वाली का आनंद श्रोताओं व दर्शकों ने रात दो बजे तक लिया। उस समय भी आयेाजकों के मना करने पर ही $कव्वाल बंधुओं ने अपनी पेशकश समाप्त की अन्यथा कोई आश्चर्य नहीं कि श्रोतागण पूरी रात $कव्वाली की धुनों पर नाचते व झूमते रहते। इन सू$फी गायकों व $कव्वालों ने रावण के दुनिया के सबसे ऊंचे पुतले के समक्ष न केवल नात अथवा $कव्वाली पढ़ी बल्कि हिंदू देवी-देवताओं की शान में भजन पेश कर भी इन मुस्लिम $कव्वालों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। मगहर अली व तसलीम आरि$फ जैसे कलाकारों ने भी स्वयं यह स्वीकार किया कि उन्होंने देश में सैकड़ों कार्यक्रमों में भाग लिया है परंतु बराड़ा महोत्सव में शिरकत करने जैसे $कद्रदान श्रोताओं का समूह कहीं देखने को नहीं मिला।nirmal rani
कल्पना की जा सकती है कि सर्वधर्म संभाव व सांप्रदायिक सौहाद्र्र को परवान चढ़ाने वाले यह लम्हे कितने अनूठे व यादगार लम्हे रहे होंगे जबकि एक ओर रावण का 200 $फुट का विश्व का सबसे ऊंचा  पुतला अग्रि की भेंट चढऩे के लिए तैयार खड़ा हो उसी पुतले के समक्ष मुस्लिम $कव्वाल अपना कलाम पेश कर रहे हों। और आयोजन के इस 24 एकड़ के ग्राऊंड के चारों ओर हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई चारों धर्मों के उपासना स्थल मंदिर-मस्जिद,गुरुद्वारा व चर्च नज़र आ रहे हों, यहां तक कि मस्जिद में अज़ान की आवाज़ भी उसी समय बुलंद हो रही हो और इस सौहाद्र्रपूर्ण वातावरण के मध्य श्रोतागण मुस्लिम कलाकारों द्वारा पेश की जाने वाली $कव्वाली का झूम-झूम कर आनंद ले रहे हों निश्चित रूप से ऐसा दृश्य केवल बराड़ा महोत्सव के दौरान ही संभव हो सका।
पांच दिवसीय बराड़ा महोत्सव 2013 केवल सांप्रदायिक सौहाद्र्र की मिसाल ही नहीं पेश कर गया बल्कि इसके साथ-साथ यह आयोजन भारत-पाकिस्तान रिश्तों के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हुआ। इस वर्ष श्री रामलीला क्लब बराड़ा(अंबाला) के निमंत्रण पर पाकिस्तान से पांच दिनों के लिए विशेष अतिथि के रूप में समाचार सेवा बीबीसी लंदन के इस्लामाबाद स्थित वरिष्ठ संवाददाता ह$फीज़ चाचड़ ने शिरकत की। वैसे तो वे भी पाकिस्तान से विजयदशमी मनाने व विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले का दहन करने जैसे कार्यक्रम में शरीक होने मात्र का मन बनाकर ही भारत आए थे। परंतु जब उन्होंने इस महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाली संगीत संध्या विशेषकर सू$िफयाना कलाम व $कव्वालियों का आयोजन होते देखा तथा इन $कव्वालों के प्रति श्रोताओं का प्यार व स्नेह देखा तो वे भी दंग रह गए। विजयदशमी के दिन रावण दहन से पूर्व व्यक्त किए गए अपने उदगार में ह$फीज़ चाचड़ ने यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान के लोग तथा मैं स्वयं यह कल्पना भी नहीं कर सकता था कि हिंदू धर्म के विजयदशमी जैसे किसी त्यौहार में मुस्लिम $कव्वाल व मुस्लिम सू$फी गायक इस तरह भाग लेंगे तथा उन्हें $गैर मुस्लिम श्रोताओं का ऐसा स्नेह मिलेगा।
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार ह$फीज़ चाचड़ ने यह भी कहा कि वे पाकिस्तान में किसी एक धर्म से जुड़े किसी त्यौहार अथवा आयोजन में सभी धर्मों के लोगों की इस प्रकार की भागीदारी की कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने बराड़ा महोत्सव में शरीक होकर यह संदेश देने की भी कोशिश की कि दोनों देशों के शासक अथवा राजनीतिज्ञ दोनों देशों के मध्य $फासले कितना ही अधिक क्यों न बढ़ाएं परंतु दोनों देशों की आम जनता एक-दूसरे के $करीब आना चाहती है। चाचड़ क्लब के इस आयोजन से इतना अधिक प्रभावित हुए कि उन्होंने क्लब के कुछ सदस्यों को निकट भविष्य में पाकिस्तान आमंत्रित करने की बात भी कही। इस बराड़ा महोत्सव 2013 में जहां तमाम बड़े नेता, उच्चाधिकारी तथा विशिष्ट लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ विश्व के सबसे ऊंचे रावण के पुतले को देखने के लिए आए वहीं केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कुमारी सैलजा ने भी सू$फी संगीत व $कव्वाली की शाम कार्यक्रम में शिरकत की। जबकि 10 अक्तूबर को गुरदास मान के साथ $िफल्म अभिनेता आर्या बब्बर भी दौ सौ $फुट ऊंचे रावण के पुतले को देखने के लिए बराड़ा महोत्सव में पधारे।
श्री रामलीला क्लब बराड़ा वैसे भ्ी अपने-आप में देश का एक ऐसा अनूठा क्लब बन चुका है जिसने तीन बार लिम्का रिकॉर्ड हासिल कर अपने विश्वस्तरीय कीर्तिमान हेतु गिन्नीज़ वल्र्ड रिकॉर्ड के दरवाज़े पर तो अपनी दस्तक दी ही है साथ-साथ इसके संस्थापक अध्यक्ष तेजिंद्र सिंह चौहान जहां क्लब के सूत्रधार,निर्देशक तथा प्रमुख आयोजक के रूप में जाने जाते हैं वहीं इस क्लब के संयोजक वरिष्ठ लेखक व पत्रकार तनवीर जा$फरी हैं। क्लब में इन दो प्रमुख व्यक्तियों की सक्रियता अपने-आप में इस बात का सबूत पेश करती है कि भारतवर्ष सर्वधर्म संभाव व सांप्रदायिक सौहाद्र्र की पंरपरा पर चलने वाला एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों व विश्वासों के लोग न केवल एक साथ मिलजुल कर रहते हैं बल्कि एक दूसरे के त्यौहारों को परस्पर सौहाद्र्र व भाईचारे के रूप में मनाते भी हैं।

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Nirmal Rani**निर्मल रानी
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर निर्मल रानी गत 15 वर्षों से देश के विभिन्न समाचारपत्रों, पत्रिकाओं व न्यूज़ वेबसाइट्स में सक्रिय रूप से स्तंभकार के रूप में लेखन कर रही हैं. Nirmal Rani (Writer ) 1622/11Mahavir Nagar Ambala City 134002 Haryana Phone-09729229728

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*Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC

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