सर्वोच्च न्यायालय , न्यायाधीशों के बाद आयकर व पुलिस अधिकारियों के सर से अंग्रेजी का भूत झाड़ू से उतारने पहुचे आई.टी.ओ.तंत्र मन्त्र सम्राट

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आई एन वी सी ,तंत्र मन्त्र  सम्राट ओम जी महाराज
दिल्ली,
भारतीय भाषाओं की गरिमा की लड़ाई अब और पर्खर रूप धारण करती जा रही है। गौरतलब है की आज सर्वोच्च न्यायालय , न्यायाधीशों के बाद आयकर व पुलिस अधिकारियों के सर से अंग्रेजी का भूत झाड़ू से उतारने के लियें तंत्र मन्त्र सम्राट ओम जी महाराज आज आई.टी.ओ.पर पहुच गये वहाँ उन्होंने अपनी झाडू से पूरे आई टी ओ के साथ साथ सभी दफ्तरों से अंग्रेजी का भूत उतारा ,आई टी ओ पर तंत्र मन्त्र सम्राट ओम जी महाराज भरी समर्थको के साथ मौजूद थे साथ ही आने जाने वाले लोग भी भारतीय भाषाओँ की गरिमा की बात करते हुए तंत्र मन्त्र सम्राट ओम जी महाराज के समर्थन में नारे लगाने लगे !
गर्तलब है की सभी राष्ट्रीय, प्रादेशिक भाषाओं को सभी कार्यालयों में लागू कराने सम्बंधी अंग्रेजी विरोधी अनेकों राष्ट्रीय व प्रादेशिक भारतीय भाषाओं के समूहों के सम्मिश्रण से ओम जी द्वारा संगठित ‘ओम जी भारतीय भाषा अनिवार्यता महासंघ’ आदि अनेकों वैश्विक संस्थाओं के अध्यक्ष तथा महान भारतीय भाषा सेनापति स्वामी ओम जी महाराज के नेतृत्व में तथा अखिल भारतीय अंग्रेजी अनिवार्यता विरोधी मंच आदि अनेकों भारतीय भाषावादी संस्थाओं के सहयोग से राजभाषा अधिनियम की अवज्ञा के विरोध में आई.टी.ओ. स्थित आयकर मुख्यालय के व बिक्रीकर के व पुलिस के मुख्यालय पर धरना व प्रदर्शन किया गया तथा उपरोक्त तीनों मुख्यालयों द्वारा छपवाए गए अंग्रेजी वाले आवेदन-पत्रों की प्रतिलिपियों को उन तीनों मुख्यालयों में ओमजी द्वारा विरोध स्वरूप जलाया गया। हाथों में तख्तियां लिये ओम जी के साथ चल रहे सभी प्रदर्शनकारीगण नारे लगा रहे थे कि सभी राजभाषा अधिनियम के उल्लंघन से बाज आओ। हिन्दी में लिखे पुलिस मुख्यालय, व्यापार भवन को हटवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करो। वर्दी के बिल्ले, रबड़ की मोहरें अंग्रेजी में बनवाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करो। नारे लगाते हुए ओम जी के साथ चल रहे हिन्दी समर्थक प्रदर्शनकारियों ने जब पुलिस मुख्यालय, व्यापार भवन और आयकर भवन में घुसने का सुप्रयास किया तो उनके सुरक्षाकर्मियों ने दरवाजा बन्द करके उन्हें रोकने का असफल कुप्रयास किया।
प्रदर्शनकारियों और आम जनता को सम्बोधित करते हुए स्वामी ओम जी ने कहा कि आज जिस प्रकार से सरकारी उच्चाधिकारीगण, कर्मचारीगण और आयुक्तगण संयुक्तरूपेण राजभाषा अधिनियमों की अवज्ञा करके अंग्रेजी को बढ़ावा दे रहे हैं यह भारत माता और राजभाषा के प्रति गद्दारी है। राष्ट्रपति के आदेशों की अवज्ञा राजद्रोह भी हैं।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अंग्रेजी अनिवार्यता विरोधी मंच के महामंत्री श्री मुकेश जैन ने कहा कि दिल्ली हिन्दी भाषी ‘क’ क्षेत्र में है जिसका शत-प्रतिशत काम हिन्दी में ही होना चाहिये किन्तु जिस पुलिस के हाथों में कानून की रक्षा करना है उसके अधिकारी ही 100 नं. वाली पी.सी.आर. की जिप्सियों से हिन्दी का पूरे तरीके से सफाया कर चुके हैं।
स्वामी ओम जी के नेतृत्व में मंच के महामंत्री श्री मुकेश जैन तथा भारत जागृति मोर्चा के महामंत्री श्री मानिक देशमुख, बिहारी भाई सुरक्षा समिति की अध्यक्षा श्रीमती रेणु गुप्ता और महामंत्री श्री सूरज सिंह भी अपने दल बल के साथ जब उपरोक्त तीनों मुख्यालयों में अलग-अलग ज्ञापन देने के लिए पहुंचे तो उन तीनों मुख्य आयुक्तों के व उनके उच्चाधिकारियों के कार्यालयों के बाहर उनका नाम केवल अंग्रेजी में लिखा हुआ देखकर स्तब्ध रह गए। इसके लिए राजभाषा विभाग के उच्चाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन तीनों मुख्य आयुक्तों के विरुद्ध प्रदर्शनकारियों ने जोरदार नारे लगाए।

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