सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रभावी कदम उठाए गए हैं – शिवराज पाटील

0
30

आई.एन.वी.सी,,

जयपुर,,

राज्यपाल श्री शिवराज पाटील ने प्रदेशवासियों को भारतीय स्वाधीनता के 64 वर्ष में प्रवेश पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कामना की है कि आने वाला वर्ष हम सबके लिए सुख, समृद्धि एवं उन्नति वाला सिद्ध हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोकतंत्र की शुचिता और पारदर्शिता के साथ सुशासन की स्थापना एवं आमजन के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

श्री पाटील ने कहा कि यह राष्ट्रीय पर्व हम सभी को आत्म निरीक्षण और चिंतन का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि आज के दिन हमें अपने राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति सचेष्ट और सक्रिय रह कर प्रदेश एवं देश के विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए।

उन्होंने दिवंगत स्वतंत्रता सैनानियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हमारे बीच मौजूद स्वतंत्रता सैनानियों के स्वस्थ एवं सुदीघü जीवन की कामना की है। उन्होंने कौमी एकता को हमारी बहबूदी की बुनियाद बताते हुए भावनात्मक एकता और सामाजिक समरसता को मज़बूत बनाए रखने पर बल दिया है।

भारतीय स्वाधीनता के 6भ् वें वर्ष में प्रवेश पर मैं समस्त प्रदेशवासियों को हादिüक शुभकामनाएं देता हू¡ और कामना करता हू¡ कि आने वाला वर्ष हम सब के लिए सुख, समृçद्ध और उन्नति वाला सिद्ध हो। मैं दिवंगत स्वतंत्रता सैनानियों को विनम्र श्रद्धाजंलि अर्पित करता हू¡ और जो स्वतंत्रता सैनानी हमारे बीच मौजूद है, उनके स्वस्थ-सुदीघü जीवन के लिए कामना करता हू¡।

मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमारी सरकार लोकतंत्र की शुचिता और पारदर्शिता के साथ सुशासन की स्थापना तथा आमजन के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रभावी कदम उठाए गए हैं। राज्य के मंत्रीगणों के विवेकाधीन कोटे को समाप्त करने के साथ अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी, राज्य के समस्त राजपत्रित अधिकारी एवं राजकीय उपक्रमों में कार्यरत 19000 अधिकारियों की अचल संपत्तियों के विवरण को सार्वजनिक कर दिया गया है। सरकार ने स्वतंत्रता सैनानियों की पेंशन प्रतिमाह दस हजार रुपए से बढ़ाकर पंद्रह हजार रुपए तथा चिकित्सा सहायता एक हजार रुपए प्रति माह कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है।

योजना आयोग द्वारा राज्य की वर्ष 2011-12 वार्षिक योजना 27 हजार भ्00 करोड़ रुपए की निधाüरित की गई थी, परंतु राज्य के संसाधनों के मद्देनज़र राज्य विधानसभा मेें इस योजना का आकार बढ़ाकर 28 हजार 461 करोड़ 30 लाख रुपए किया गया, जो अब तक की वार्षिक योजनाओं मेंं सर्वाधिक है। जून, 2011 तक आयोजना मद में 4 हजार 213 करोड़ 37 लाख रुपए व्यय हुए हैं।

राज्य सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए 3 जून, 2011 से मुख्यमंत्री ग्रामीण बी.पी.एल. आवास योजनां लागू की है, जो देश में अपने तरह की पहली योजना है। इसके अंतर्गत आगामी तीन वषोüं में क्वइंदिरा आवास योजनाक्व को सçमलित करते हुए दस लाख बी.पी.एल. परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का लक्षय है। इसके लिए सरकार द्वारा हुडको से 3 हजार 400 करोड़ रुपए की ऋण सहायता ली गई है। इस वर्ष 4 लाख 37 हजार आवासों का निर्माण करवाया जाएगा। मुयमंत्री ग्रामीण बी.पी.एल. आवास योजना एवं इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत दिनांक 2भ् से 27 जुलाई, 2011 को पंचायत समिति स्तर पर आयोजित शिविरों में अधिकांश लाभार्थियों को अनुदान की पहली किश्त की स्वीकृतियों का वितरण किया गया है। क्वप्रशासन गांवों के संगक्व अभियान के अंतर्गत सरकार द्वारा राज्य के ग्रामीण क्षौत्रों में जारी किए गए आवासीय भू-खंडों के पट्टों को दृष्टिगत रखते हुए केंद्र सरकार ने बतौर इन्सेçन्टव राज्य को 9भ्,702 अतिरिक्त इंदिरा आवास स्वीकृत किए गए जिसकी 161 करोड़ रुपए की पहली किश्त प्राप्त हो गई है।

क्वमुयमंत्री अन्न सुरक्षा योजनाक्व के तहत दो रुपए प्रति किलो की दर से 40 लाख गरीब परिवारों को प्रति माह 2भ् किलो गेह¡ू तथा अंत्योदय परिवारों को 3भ् किलो गेह¡ू उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार द्वारा इस योजना के लिए लगभग 3भ्0 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। पहली बार प्रदेश में राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम का गठन किया गया है। गेह¡ू, चावल, दाल, धान, गेह¡ू का आटा, चोकर, मैदा, सूजी एवं सभी प्रकार के केरोसीन को वैट से मुक्त कर 300 करोड़ रुपए की उपभोक्ताओं को राहत दी गई है। सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर पर प्रति सिलेंडर 2भ् रुपए का अनुदान स्वीकृत किया है, इस पर राजकोश से 12भ् करोड़ रुपए प्रतिवर्ष व्यय होंगे। इसी तरह डीजल की बढ़ी हुई दर पर प्रति लीटर भ्4 पैसे की रियायत दी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को प्रतिवर्ष 2भ्0 करोड़ रुपए की राहत मिली है। क्वशुद्ध के लिए युद्धक्व अभियान के प्रति जन उत्साह परिलक्षित हो रहा है।

राज्य में क्वमहात्मा गा¡धी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनां में 1 जनवरी 2011 से मजदूरी दर 100 रुपए से बढ़ाकर 119 रुपए की गई है। वर्ष 2011-12 में जुलाई तक लगभग 9भ् लाख जॉबकार्ड जारी किए गए तथा 886.29 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया। इस वर्ष सहरिया परिवारों एवं उदयपुर जिले की कोटड़ा एवं झाडोल पंचायत समिति की कथौड़ी जाति के परिवारों द्वारा 100 दिवस का निधाüरित रोजगार पूर्ण करने के पश्चात 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।

राज्य की 248 पंचायत समितियां एवं 9 हजार 177 ग्राम पंचायतों पर ग्राम ज्ञान संसाधन केंद्र के रूप में क्वक्वभारत निर्माण राजीव गा¡धी सेवा केंद्रंं निर्माण का कार्य प्रगति पर है। अब तक कुल 196 पंचायत समितियों व 3 हजार भ्94 ग्राम पंचायतोंं के केंद्रों पर कार्य पूर्ण हो चुका है।

मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि देश की महत्वाकांक्षी योजना क्वराष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनक्व की शुरूआत राजस्थान के बांसवाड़ा जिले से दिनांक 3 जून, 2011 को की गई है।

सुशासन में ई-गवनेüंस को दृष्टि में रखते हुए सरकार ने इस वर्ष योजना बजट में लगभग 300 करोड़ रुपए का प्रावधान सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए किया है। इसे प्रतिवर्ष बढ़ाकर बजट का 3 प्रतिशत किए जाने का लक्षय है। देश में राजस्थान ऐसा करने वाला प्रथम राज्य है। प्रदेश में 22 जुलाई, 2011 से ई-स्टैंपिंग प्रणाली का भी शुभारभ किया गया है, प्रथम चरण में सभी 7 संभागीय मुख्यालयों पर यह सेवा उपलब्ध होगी। जन अभाव अभियोग निराकरण के लिए क्वक्वसुगमंं के माध्यम से सेवा सुविधा प्रारभ की गई है।

राज्य सरकार प्रदेश की युवा पीढ़ी को रोजगार उपलब्ध करवाने तथा रोजगारोन्मुखी कायोü में उन्हें दक्ष बनाने के लिए सतत् प्रयत्नशील है। वर्ष 2011 में लगभग 1 लाख 28 हजार रिक्त पदों पर नई नियुçक्तयां दी जाएंगी। अब तक 29 हजार 778 से अधिक नियमित नियुçक्तयां तथा मृतक आçश्रतों को भ्201 अनुकम्पात्मक नियुक्तिया दी गई है।

मुझे यह कहते हुए भी खुशी है कि मरू प्रदेश राजस्थान को वर्ष 2010-11 में दलहन के क्षेत्र में उत्पादन एवं उत्पादकता में उल्लेखनीय वृçद्ध के आधार पर देश मेंं प्रथम पुरस्कार स्वरूप राज्य को एक करोड़ रुपए नकद व प्रशस्ति पत्र प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ है। वर्ष 2010-11 में राज्य में खाद्यान्न उत्पादन 23भ् लाख 38 हजार मैटि्रक टन हुआ एवं खाद्यान्नों की उत्पादकता 1भ्10 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर रही, जो अब तक की सर्वाधिक है। वर्ष 2011-12 से बंूद-बूंद सिचाई संयंत्र स्थापना पर 90 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।

खरीफ-2010 से समस्त जिलोें में क्वमौसम आधारित फसल बीमा योजनाक्व लागू की जा रही है, जिसके तहत मुआवजा राशि बीमा अवधि समाप्त होने के 4भ् दिनोें में ही कृषकों को देने का प्रावधान है। क्वकृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति, 2010क्व के अंतर्गत मंडी समितियों में 3भ् भू-खंड आवंटित किए जा चुके हैं।

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सहयोग से बारां, दौसा, हनुमानगढ़, अजमेर, बूंदी, जैसलमेर, भीलवाड़ा, झुंझुनूं, कोटा, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर एवं डुंगरपुर जिलों में क्वसमग्र सहकारी विकास परियोजनां का संचालन किया जा रहा है। जून, 2011 तक उक्त परियोजनांतर्गत 181 करोड़ भ्3 लाख रुपए की राशि जारी की गई है तथा 124 करोड़ 28 लाख रुपए का उपयोग भी किया जा चुका है। इस वर्ष माह जून तक राजफैड द्वारा 66 हजार भ्82 मैटि्रक टन डीएपी तथा 43 हजार 290 मैटि्रक टन एसएसपी का अगि्रम भंडारण किया गया है।

राज्य सरकार किसानों के प्रति संवेदन6ाील है। आगामी रबी के मौसम में किसानों को पर्याप्त बिजली आपूर्ति हेतु व्यवस्था सुनिç6चत की गई है। वर्ष 2011-12 में 6भ् हजार कृषि कनेक्6ान जारी करने का लक्षय है। ग्रामीण क्षेत्रों में 10 लाख 76 हजार से अधिक घरेलू कनेक्6ान जारी किए गए हैं। गत ढाई वषोüं में 962 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाऐं स्थापित की गई हैं। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु क्वराजस्थान सौर ऊर्जा नीति, 2011ं जारी की गई है।

राज्य सरकार विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए कृत संकल्प है। गत ढ़ाई वषोüं में राज्य की उत्पादन क्षमता में 2,763 मेगावाट क्षमता की वृçद्ध हुई है। इसके अतिरिक्त 1,860 मेेगावाट की अतिरिक्त वृçद्ध राज्य क्षेत्र की परियोजनाओं से तथा 810 मेगावाट निजी क्षेत्र की परियोजनाओं से मार्च, 2012 तक होना सभावित है। राज्य में 11 हजार भ्90 मेगावाट क्षमता की स्थापित होने वाली 14 परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। बांसवाड़ा में एक हजार 320 मेगावाट क्षमता की कोयला आधारित परिएाजना निजी क्षेत्र में स्थापित की जा रही है।

वर्ष 2010-11 में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओ पर 496 करोड़ रुपए का व्यय कर 3भ् हजार 906 हैक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा सृजित की गई तथा तीन लघु सिंचाई परियोजनाऐं पूर्ण की गई। चालू वर्ष में इंदिरा गा¡धी नहर परियोजना एवं सिंचित क्षेत्र विकास के अतिरिक्त विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं पर लगभग 716 करोड़ रुपए का प्रावधान है। भ् लघु सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने तथा लगभग 38 हजार हैक्टेयर क्षेत्र मेें अतिरिक्त सिंचाई सुविधा सृजित करने का लक्षय है। नियमों में संशोधन कर सिंचाई हेतु पक्की बारी का प्रावधान किया गया है।

पेयजलापूर्ति राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अनुसूचित जाति, एवं जनजाति बाहुल्य 4 हजार से अधिक बस्तियों में पेयजल उपलब्ध करवाया गया। पेयजल के कायोüं पर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 4 हजार 648 करोड़ रुपए का व्यय हुआ है। जयपुर शहर में क्वबीसलपुर परियोजनां से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। ग्रीष्मकाल में पर्याप्त जलापूर्ति के लिए पहली बार पंचायतीराज संस्थाओं को 16भ् करोड़ रुपए अतिरिक्त रूप से स्वीकृत किए गए।

सड़क विकास के तहत आगामी दो वषोüं में 3 हजार 698 करोड़ रुपए की लागत से 2 हजार 9भ्9 किलोमीटर लबाई के 16 वृहद् मागोüं का उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण तथा 1400 करोड़ रुपए की लागत से समस्त विधानसभा क्षेत्रों के ग्रामीण क्षेत्रों में 16-16 किलोमीटर की मिसिंग लिंक एवं 30 से 40 किलोमीटर सड़कों के सुदृढ़ीकरण, नवीनीकरण एवं रिकारपेटिंग का कार्य करवाया जाएगा। तीन वषोüं में 7भ्0 करोड़ रुपए की लागत से 1,भ्00 किलोमीटर राज्य पथ एवं अन्य मुय जिला सड़कों के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण का लक्षय है। 610 महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को सड़क से जोड़ने के लिए 1100 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 97भ् करोड़ रुपए की लागत से 32 रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार ने रेलवे के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया है। सड़क विकास की विभिन्न योजनाओं पर अब तक भ्,439 करोड़ रुपए का व्यय किया गया है। राज्य के 81 प्रतिशत से अधिक गा¡वों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है।

आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में रेल सुविधा के लिए बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम रेल मार्ग को राज्य सरकार की पहल पर रेल मंत्रालय ने मंजूरी देकर दिनांक 3 जून, 2011 को इस रेल परियोजना का शिलान्यास किया जा चुका है। देश में पहली बार किसी भी राज्य सरकार द्वारा ऐसी वृहद् रेल परियोजना के निर्माण के लिए कुल लागत का भ्0 प्रतिशत तथा भूमि की पूरी कीमत वहन की जा रही है, जिसका कुल व्यय लगभग 1200 करोड़ रुपए आएगा।

राज्य में दिसबर, 2008 से जून, 2011 तक 37 हजार 460 लघु , सूक्षम एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना ज्ञापन अभिस्वीकृत किए गए हैं, जिसमें 4 हजार 831 करोड़ 20 लाख के पूंजी निवेश से 2 लाख 28 हजार 610 व्यçक्तयों को रोजगार मिला है। इस अवधि में वृहद् एवं मध्यम श्रेणी के 230 औद्योगिक उद्यमिता ज्ञापन भारत सरकार को प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें 44 हजार भ्7भ् करोड़ रुपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है। जोधपुर में क्वनेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजीं तथा सैन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इन्जीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा जयपुर में क्वविस्तार केंद्रं स्थापित किया गया है व जोधपुर में क्वफुट वियर डिजाईनं एवं डवलपमेंट इन्स्टीट्यूट की स्थापना की जा रही है। खादी क्षेत्र में 6 हजार 262 व्यçक्तयों को एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र में 16 हजार 79भ् व्यçक्तयों को रोजगार मिल रहा है। पाली, जोधपुर, बाड़मेर जिलों में वस्त्रों की रंगाई-छपाई से हो रहे प्रदूषण मेें कमी लाने की दृष्टि से पावरलूम इकाइयों की स्थापना हेतु क्वनिवेश प्रोत्साहन योजनां 12 जुलाई, 2011 को अधिसूचित की गई है।

भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी क्वडेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोरक्व योजनां के अंतर्गत दिल्ली और मुबई के बीच 1483 किलोमीटर लबा फे्रट कॉरीडोर बनाया जा रहा है, जिसका करीब 39 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। राज्य के औद्योगिकीकरण के लिए यह परियोजना भाग्य रेखा सिद्ध होगी। राजस्थान एन्टरप्राइजेज सिंगल विन्ड़ो एनेबिलिंग एंड क्लीयरेंस एक्ट, 2011 को दिनांक 27 मार्च, 2011 को अधिसूचित किया जा चुका है। अब समस्त जिलों में 10 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों हेतु उद्योग विभाग की क्वएकल खिड़की योजनां प्रभावी ढं़ग से लागू की जा रही है।

शहरी क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस 14 नवबर, 2011 से राज्यव्यापी ंप्रशासन शहरों के संग अभियानं चलाया जाएगा। जयपुर में 8,666 करोड़ रुपए के निवेश से जयपुर मेट्रो रेल परियोजना स्वीकृत की गई, जिसके पहले चरण का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। जयपुर शहर में घाट की गुणी मेें 1भ्0 करोड़ रुपए की लागत से सुरंग बनाने का कार्य प्रारभ किया गया हैं। क्वअफोडेüबल हाउसिंग पॉलिसीक्व के तहत अगले तीन वषोüं में पा¡च लाख मकान बनाकर उपलब्ध करवाए जाने के लक्षय के विरूद्व अलग-अलग शहरों में करीब 60 हजार मकानों का निर्माण प्रारभ हो चुका है। लघु-मध्यम कस्बों में आधारभूत विकास योजना के अंतर्गत 3भ् शहरों के लिए 694 करोड़ 76 लाख रुपए की 38 परियोजनाओं में से 9 परियोजनाएं पूर्ण तथा 29 का कार्य प्रगति पर है। इसी तरह क्वएकीकृत आवास एवं स्लम डवलपमेंट कार्यक्रमं के अंतर्गत भ्1 शहरो के लिए 776 करोड़ 36 लाख रुपए की भ्6 परियोजनाएं स्वीकृत तथा 37 परियोजनाओें का कार्य प्रगति पर चल रहा है। 64 शहरों के मास्टर प्लान जारी किए गए हैं। क्वराजीव आवास योजनां के तहत प्रदेश के समस्त 184 निकाय क्षेत्रों में कच्ची बस्ती का सवेüक्षण करवाया गया, जिसमें अब तक 3 लाख से ज्यादा परिवारों का सवेü हो चुका है।

राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि राज्य की कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहे। जयपुर एवं जोधपुर मेंं पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की गई है। पुलिस कान्सटेबल पद पर नियुçक्त हेतु साक्षात्कार को हटाने के साथ चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है।

क्वमुयमंत्री बी.पी.एल जीवन रक्षा कोश योजनां के तहत 30 जून, 2011 तक लगभग 82 लाख मरीजों को निज्शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई गई, जिस पर लगभग 82 करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं। क्वस्वास्थ्य – सब के लिएं की दृष्टि से बी.पी.एल. परिवारों के साथ-साथ सभी मरीजों को 2 अक्टूबर, 2011 से राज्य के समस्त राजकीय अस्पतालों में सर्वाधिक आवश्यक दवाइयां निज्शुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। राजकीय चिकित्सालयों में अब थेलेसीमिया और हिमोफिलिया के मरीजों को निज्शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। मुयमंत्री सहायता कोश के अंतर्गत देय चिकित्सा सहायता हेतु आय की पात्रता सीमा 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 60 हजार रुपए वार्षिक की गई है।

निज्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अंतर्गत राजस्थान निज्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 दिनांक 29 मार्च, 2011 को अधिसूचित किया गया है। क्वचाइल्ड टे्रकिंग सवेüं में चिçन्हत 12 लाख 10 हजार क्वआउट ऑफ स्कूलक्व बच्चों को शिक्षा की मुय धारा में लाने हेतु 1 जुलाई, 2011 से 1भ् अगस्त, 2011 तक नामांकन अभियान चलाया जा रहा है। स्कूल एवं संस्कृत शिक्षा के तहत इस वर्ष 6716भ् विभिन्न पदों पर भतीü की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संस्कृत शिक्षा में 739 पदों पर नियुçक्त दी जा चुकी है। राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम, के तहत 6124 अनुदानित विद्यालयों के कार्मिकों को राज्य सेवा में समायोजित किया गया है। क्वसाक्षर भारतक्व कार्यक्रम कोटा एवं प्रतापगढ़ को छोड़कर राज्य के 31 जिलों में लागू किया गया है। इस वर्ष ग्रामीण क्षौत्रों में स्थित राजकीय माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों की कक्षा 9वीं में प्रवेश लेने पर छात्राओं का साईकिल उपलब्ध करवाई जाएगी तथा छात्रांश की राशि 300 रुपए के बजाए 100 रुपए ली जाएगी। क्वमिड-डे-मील कार्यक्रमक्व के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक लगभग 80 हजार विद्यालयों के 74 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं तथा लगभग भ्8 हजार विद्यालयों में रसोईघर निर्मित हो चुके हैं।

उच्च शिक्षा हेतु निजी क्षेत्र में 2भ् विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है तथा 27 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना हेतु आशय पत्र जारी किए जा चुके है तथा लगभग 38 प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं। भारत सरकार द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना किशनगढ, अजमेर में की जा चुकी है। अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के 792 शैक्षणिक कार्मिकों व 744 अशैक्षणिक कार्मिकों को राज्य सेवा में समायोजित किया गया है। प्रदेश के 127 राजकीय महाविद्यालयों में से 12भ् राजकीय महाविद्यालयों में क्वयुवा विकास केंद्रक्व स्थापित किए जा चुके हैं।

उदयपुर में आई.आई.एम. का प्रथम सत्र जुलाई, 2011 से अस्थाई रूप से आरभ किया जा चुका है। पी.पी.पी. मोड के अंतर्गत केंद्र सरकार की सहायता से कोटा में एक आई.आई.आई.टी. की स्थापना की जाएगी। इस हेतु निज्शुल्क भूमि एवं 4भ् करोड़ रुपए का अंशदान उपलब्ध करवाया जाएगा। 16 पॉलिटेçक्नक महाविद्यालयोंं को केंद्र सरकार की क्वकौशल संवद्धüन योजनाक्व के अंतर्गत सçमलित किया गया है। जिन क्षेत्रों में विशेष पिछडे़ वर्ग के लोगों का बाहुल्य है, वहां¡ क्वदेवनारायण योजनाक्व के तहत 6 नए आई0टी0आई0 स्थापित किए जा रहे हैं। अल्पसंयक बाहुल्य चिçन्हत 10 स्थानों पर आई.टी.आई. की स्थापना की जा रही है।

सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत 7भ् वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध, विकलांग एवं विधवाओं की 400 रुपए मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7भ्0 रुपए तथा दपति के लिए 1भ्00 रुपए करने के साथ ही 7भ् वर्ष तक के पात्र व्यçक्तयों के लिए भ्00 रुपए एवं दपति के लिए 1000 रुपए पेंशन प्रति माह की गई है। सभी राजकीय एवं अनुदानित छात्रावासों के विद्यार्थियों का मैस भत्ता एक हजार रुपए प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह को बढ़ाकर 12भ्0 रुपए तथा आश्रम छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों का मासिक भत्ता एक हजार रुपए से बढ़ाकर 12भ्0 रुपए किया गया है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति की भांति निज्शक्त विद्यार्थियों के लिए भी क्वअनुप्रति योजनाक्व लागू की गई है। क्वनिज्शक्तजन नीतिं बनाई जा रही है। क्वनिज्शक्तजन निदेशालयक्व स्थापित किया जा रहा है। क्वप्रशासन गा¡वों के संग अभियानक्व के अंतर्गत लगभग 6 लाख निज्शक्तजनों का चिन्हीकरण कर उनके कल्याण हेतु महत्त्वकांक्षी योजना बनायी जा रही है। सामाजिक सुरक्षा के मद में अब लगभग 1,270 करोड़ रुपए का व्यय होना अनुमानित है।

आबकारी निरोधक दल में भ्37 भूतपूर्व सैनिकों को सिपाही के रूप में नियुçक्त प्रदान की गई है। अवैध एवं हथकढ़ मदिरा के कारोबार से जुड़े हुए परिवारों के पुनर्वास हेतु क्वनवजीवन योजनां वर्ष 2009-10 में आबकारी विभाग के माध्यम से प्रायोगिक तौर पर जोधपुर जिले में लागू की गई थी, जिसे अब समस्त जिलों मेें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से लागू किया गया है। आबकारी विभाग के कुल राजस्व की 1 प्रतिशत राशि इस योजना पर खर्च की जाएगी। वाणिçज्यक कर विभाग द्वारा 3भ्1 अयार्थियों को कर सहायक के रूप में नियुçक्त प्रदान की गई है।

राज्य में 1 जनवरी, 2011 से श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृçद्ध की गई है, जिसके अनुसार अकुशल कामगार की मजदूरी 100 रुपए से बढ़ाकर 13भ्, अद्धüकुशल कामगार की 107 रुपए से बढ़ाकर 14भ्, कुशल कामगार की 11भ् रुपए से बढ़ाकर 1भ्भ् एवं उच्च कुशल कामगार की 20भ् रुपए प्रतिदिन कर दी गई है। क्वअक्षत कौशल योजनाक्व के अंतर्गत अब तक 13 हजार 700 स्नातक बेरोजगारों को लाभान्वित किया गया है। इच्छुक युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था भी की गई है। इस योजना में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है, जिसमें से 8 प्रतिशत विधवाओं तथा 2 प्रतिशत परित्यक्ताओं के लिए है।

राष्ट्रपिता महात्मा गा¡धी के क्वग्राम राजं और क्वग्राम स्वराज्यं के स्वप्न को साकार करने के लिए हमारी सरकार वचनबद्ध है। हम सब इस बात के लिए गौरव का अनुभव करते हैं कि 24 अप्रैल, 2011 को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पंचायत दिवस समारोह में पंचायतीराज के सशक्तीकरण के लिए वर्ष 2010-11 में किए गए कायोüं के फलस्वरूप देश में राज्य को प्रथम पुरस्कार के रूप में डेढ़ करोड़ रुपए और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर समानित किया गया। क्वसपूर्ण स्वच्छता अभियानं राज्य के सभी ग्राम पंचायतोें में संचालित किया जा रहा है। राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा के 7भ् विकास अधिकारियों सहित 1186 पदों पर नवीन नियुçक्तयां तथा भ्64 पदों पर भतीü की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

जनजाति विकास के अंतर्गत तीन लाख 6भ् हजार जनजाति परिवारों को क्वकृषि विकास कार्यक्रमक्व से तथा क्वउद्यानिकी कार्यक्रमक्व के तहत एक हजार परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 30 हजार 32भ् अधिकार पत्र जारी किए गए। विशेष पिछड़े वर्ग यथा गुर्जर, बंजारा, गाçड़या लुहार एवं रैबारी जातियों के सर्वांगीण विकास हेतु वर्ष 2011-12 में 200 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया गया है। सहरियाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए भी एक विशेष पैकेज लागू किया जा रहा है, जिसमें दो आवासीय विद्यालय, भ्0 नए मां बाड़ी केंद्र, एक आई.टी.आई. की स्थापना के साथ फसली ऋण हेतु शेयर पंूजी के पेटे अनुदान व एक हजार आवासीय भवनों का निर्माण सçमलित है।

महिला सशक्तीकरण हेतु क्वस्वयं सहायता समूहं कार्यक्रम के अंतर्गत जून, 2011 तक 2 लाख 17 हजार समूहों का गठन कर 1 लाख 7भ् हजार समूहों को 460 करोड़ रुपए के ऋण दिलवाए जा चुके हैं। स्वयं सहायता समूहों को सुदृढ़ बनाने के उेश्य से क्वमिशन ग्राय शçक्तं का गठन किया गया है। समूहोें द्वारा प्राप्त ऋण पर देय ब्याज की भ्0 प्रतिशत राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। समस्त 368 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने वाली महिलाओं को क्वकलेवा योजनां में गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। क्वसामूहिक विवाह योजनां अंतर्गत संस्था को दिए जाने वाले अनुदान की सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की गई हैं। विभिन्न वगोüं की महिलाओें एवं किशोरी बालिकाओें को बेसिक कप्यूटर प्रशिक्षण निज्शुल्क दिया जा रहा है। आशा सहयोगनियोें का मानदेय अप्रैल, 2011 से भ्00 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए एवं साथिन का मानदेय 1000 रुपए से बढ़ाकर 1भ्00 रुपए कर दिया गया है।

अल्पसंयक कल्याण के लिए इस वर्ष 12 करोड़ भ्भ् लाख रुपए की वार्षिक ऋण योजना बनाई गई है, राज्य सरकार ने 10 वषोüं के लिए इस ऋण सुविधा हेतु भ्0 करोड़ रुपए की गारन्टी दी है। इस वर्ष गत 10 वषोüं के मुकाबले अधिक ऋण देने का लक्षय है। अल्पसंयक छात्रवृçत्त में काफी इजाफा हुआ है, गत वर्ष लगभग 1 लाख 22 हजार प्री-मेटि्रक छात्रवृत्ति वितरित करने के साथ 10 हजार 776 पोस्ट मेटि्रक छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई, जिनका इस वर्ष 1भ् हजार 788 का लक्षय है। भ्00 कप्यूटर मदरसा शिक्षा सहयोगी और 3भ्00 मदरसा शिक्षा सहयोगी चयनित किए जा चुके हैं। इस वर्ष 200 मदरसों को क्रमोन्नत किए जाने का लक्षय है। सरकार ने मदरसा शिक्षा सहयोगियों का मानदेय भी 27भ्0 रुपए से बढ़ाकर 3भ्00 रुपए कर दिया है। राजस्थान नॉलेज कॉपोरेशन के सहयोग से 1438 ज्ञान केंद्रों के माध्यम से 8000 अल्पसंयक युवाओं को कप्यूटर दक्षता और अंग्रेजी भाषा ज्ञान में प्रशिक्षण दिलाने का लक्षय है। जयपुर, अजमेर व कोटा में राजकीय बालिका छात्रावास प्रारभ किए गए हैं।

सेवा नियमों के अंतर्गत चुनाव कायोüं में नियोजित होमगार्ड्स स्वयंसेवकों एवं गैर-सरकारी व्यçक्तयों की मृत्यु होने पर उनके आçश्रतों को देय अनुग्रह अनुदान राशि भ् लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की गई है। इसी तरह विशिष्ट परिस्थितियों में ड्यूटी के दौरान राज्य कर्मचारी की मृत्यु होने पर पेंशन नियमों के अंतर्गत उनके आçश्रतों को देय अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए तक की अधिकतम सीमा निधाüरित की गई है।

हाल ही में मुंबई में 13 जुलाई, 2011 को फिर से हुए बम धमाकों से हम सभी हतप्रभ और स्तब्ध हैं। मैं इन धमाकोें में मरने वालों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता ह¡ू और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हू¡। हमें हमेशा याद रखना हैै कि कौमी एकता मेें ही हमारी बहबूदी की बुनियाद है। इसलिए हमें हमारी भावनात्मक एकता और सामाजिक समरसता को सदैव मज़बूत बनाए रखना है।

आज का यह राष्ट्रीय पर्व हम सभी को आत्मनिरीक्षण और चिंतन का अवसर प्रदान करता है। आज के दिन हमें अपने राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति सचेष्ट और सक्रिय रह कर प्रदेश और देश के विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। जयहिंद!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here