आई एन वी सी,
लखनऊ,
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा 15 मार्च 2012 को नयी सरकार बनाने के बाद के सभी प्रमुख दंगों की जांच सीबीआई से कराये जाने हेतु इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर याचिका की सुनवाई कल 13 सितम्बर 2013 (शुक्रवार) को जस्टिस देवी प्रसाद सिंह और जस्टिस अशोक पाल सिंह की बेंच के सामने होगी.
याचिका के अनुसार मौजूदा सरकार और उसके अधिकारियों की नीति इस प्रकार रही है कि इससे एक धर्म विशेष के प्रति स्पष्ट झुकाव साफ़ दिख जाता है. पिछले डेढ़ साल में जितने भी दंगे हुए उनमे पुलिस द्वारा उस संप्रदाय के अभियुक्तों के प्रति कार्यवाही करने में शिथिलता बरती गयी. इस कारण याची सहित दूसरे धर्म के लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास की भावना बलवती होती जा रही है.
नूतन ने 01 जून 2012 को मथुरा में हुई साम्प्रदायिक घंटना से ले कर प्रतापगढ़, बरेली, लखनऊ, इलाहाबाद, गाज़ियाबाद, फैजाबाद,आजमगढ़ से मेरठ और अमेठी तक की विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए इन सभी मामलों में कार्यवाही में ढील और पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की बात कही है. अतः उन्होंने यह प्रार्थना की है कि इन सभी दंगों की गुजरात दंगों की तरह सीबीआई द्वारा ही निष्पक्ष और ठोस विवेचना की जाए. साथ ही उन्होंने जस्टिस सहाय कमीशन में एक मौजूदा हाई कोर्ट को रखे जाने और इसके द्वारा उपरोक्त सभी बड़े दंगों की भी जांच कराये जाने की प्रार्थना की है.