सबूत पार्टी नेतृत्व को सौंपे

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नई दिल्ली |  राजस्थान की सियासत की पिच पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को लगभग आउट करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली के दरवाजे भी बंद करना चाहते हैं। यही वजह है कि अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर मुबंई के कॉरपोरेट हाउस की मदद से कांग्रेस अध्यक्ष बनने के सपने देखने का आरोप लगाया है। पर पार्टी के कई नेता गहलोत की झटपटाहट देखकर हैरान है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत के बावजूद कांग्रेस ने सचिन पायलट के लिए वापसी के दरवाजे खुले रखे हैं। सचिन पायलट ने भी अभी तक पार्टी नेतृत्व और कांग्रेस के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला है। वह लगातार यह संकेत दे रहे हैं कि उनकी लड़ाई पार्टी नहीं बल्कि मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ है। यही वजह है कि गहलोत ने सिर्फ साढ़े तीन मिनट में कई गंभीर आरोप लगा दिए।
अशोक गहलोत की छवि एक गंभीर नेता की है। वह कभी इस तरह की बयानबाजी नहीं करते है। पर पायलट के खिलाफ उन्होंने जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, उससे साफ है कि गहलोत अब पायलट को पार्टी में रखने के पक्ष में नहीं है। तमाम कोशिशों के बावजूद पायलट के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई में देरी से गहलोत बेचैन है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के खिलाफ कई सबूत पार्टी नेतृत्व को सौंपे हैं। यह सभी प्रदेश सरकार से संबधित है। इन सब आरोपों के बावजूद पार्टी पायलट को लेकर नरम रुख अपनाए हुए है। इसलिए, मुख्यमंत्री ने पार्टी नेतृत्व को यह याद दिलाने की कोशिश की है, पायलट अपने फायदे के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ भी जा सकते हैं। PLC.

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