हरियाणा सरकार ने प्रदेश में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिये लेखकों को दी जाने वाली पुस्तक पुरस्कार राशि को बढ़ा कर 31हजार रुपये करने की घोषणा की । यह घोषणा शिक्षा मंत्री श्रीमती गीता भुक्कल ने मंगलवार को चंडीगढ़ में आयोजित संस्कृत साहित्योत्सव समारोह में की। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर संस्कृत भाषा के उत्थान में उल्लेखनीय योगदान के लिये 11 संस्कृत भाषा के लेखकों को पुरस्कारों से सम्मानित भी किया।
मंगलवार को चंडीगढ़ में हरियाणा साहित्य अकादमी की ओर से संस्कृत साहित्योत्सव समारोह का आयोजन किया गया। कार्यकर्म में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने तौर पर शिरकत की। शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर संस्कृत भाषा के उत्थान में उल्लेखनीय योगदान के लिये 11 संस्कृत भाषा के लेखकों तथा एक संस्थान को वर्ष 2013-14 के पुरस्कारों से सम्मानित भी किया। इस सम्बोधन में शिक्षा मंत्री ने कहा की संस्कृत को सब भाषाओं की जननी कहा जाता है। सरकार संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में सभी भाषाओं की साहित्यिक अकादमियों ने न केवल राष्टï्रीय स्तर पर बल्कि अन्तर्राष्टï्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अकादमी के बजट को 30 लाख रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये किया है। इसके अलावा राज्य के गुरूकुलों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां दी जा रही हैं।
साहित्यिक सम्मान श्रेणी में हरियाणा संस्कृत गौरव सम्मान करनाल नीलोखेड़ी के श्री जयनारायण यात्री को 1.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कर, एक शॉल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। महर्षि बाल्मिकी सम्मान श्रेणी में करनाल के आर्चाय महावीर प्रसाद शर्मा को एक लाख रुपये का नकद पुरस्कर, एक शॉल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार, महर्षि वेद ब्यास सम्मान श्रेणी में चण्डीगढ़ केे डा० वीरेन्द्र कुमार अलंकार को एक लाख रुपये का नकद पुरस्कर, एक शॉल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। महाकवि बाणभट्ट सम्मान श्रेणी में गुरुकुल झज्जर के डा० विरजानन्द देवकरणी को 51,000 रुपये का नकद पुरस्कर, एक शॉल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।