संस्कृत अकादमी ने प्रवृष्टियां मांगी

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विक्रांत राजपूत

चंडीगढ़.  हरियाणा संस्कृत अकादमी ने विभिन्न साहित्य योजनाओं के तहत राय के अधिवासी लेखकों, आचार्यों तथा राज्य की साहित्यक संस्थाओं से प्रवृष्टियां आमंत्रित की हैं.
 
अकादमी के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि साहित्यकारों का अभिनंदन योजना के तहत महार्षि वाल्मीकि पुरस्कार, महर्षि वेद व्यास पुरस्कार तथा महाकवि वाणभट्ट पुरस्कार दिए जाएंगे। इन पुरस्कारों के लिए पात्रता संस्कृत भाषा का साहित्यकार होना है।

इसी तरह आचार्यों का अभिनंदन योजना के तहत गुरु विरजाननंद आचार्य पुरस्कार, विद्यामार्तण्ड पंडित सीता राम शास्त्री पुरस्कार तथा पंडित युधिष्ठर मीमांसक आचार्य पुरस्कार प्रदान किए जाने हैं । यह पुरस्कार गुरुकुलों तथा संस्कृत पाठशालाओं में अध्यापनरत आचार्यों के लिए हैं।

संस्कृत पुस्तक पुरस्कार योजना के तहत 1.4.08 से लेकर 31.3.09 तक प्रकाशित पुस्तकें शामिल की जाएंगी। इसके अतिरिक्त संस्कृत पुस्तक प्रकाशानार्थ अनुदान योजना के तहत अप्रकाशित पांडुलिपियां शामिल की जाएंगी।

उन्होंने बताया कि साहित्यकारों व आचार्यों के चयन के लिए दो स्तरीय प्रणाली अपनाई जाएंगी। पहले स्तर पर सम्मान के लिए प्राप्त आवेदनों को अकादमी द्वारा गठित तीन गैर सरकारी विषय विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगा। यह समिति प्रत्येक सममान के लिए तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करेगी तथा अपने चयन के पक्ष में अपनी टिप्पणी भी देगी।

यह समिति सर्वोच्च सम्मानों के लिए संस्तुत लेखकों के योगदान की निरंतरता व उत्कृष्टता को भी ध्यान में रखेगी। उच्च स्तरीय समिति, विशेषज्ञ समिति द्वारा सुझाये गए पैनलों में से प्रत्येक सम्मान के लिए साहित्यकारों का अंतिम चयन करेगी। इन सभी योजनाओं के लिए प्रविष्टियां या आवेदन पत्र 31 जुलाई तक भेजे जा सकते हैं।

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