संयुक्त राष्ट्र संघ के सहयोग से मध्यप्रदेश के दो जिलों में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम

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आई.एन.वी.सी,,

भोपाल,,

 

प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण प्रयासों को संयुक्त राष्ट्र संगठन का सहयोग भी मिल रहा है। यू.एन.वीमेन द्वारा दक्षिण एशिया के 5 देशों में संचालित होने वाले महिला सशक्तिकरण प्रोजेक्ट में मध्यप्रदेश के दो जिलों झाबुआ और सीहोर को चयनित किया गया है।

 

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश त्रि-स्तरीय पंचायत राज और स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के मकसद से अनेक नवीन कार्यों की पहल हुई है। शासकीय सेवाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत, पुलिस में 10 प्रतिशत पद, मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रबंधन पाठ्यक्रमों में बालिकाओं के लिये एक तिहाई सीटें आरक्षित करने के कार्य किये गये हैं। घरेलू हिंसा रोकने के लिये ऊषा किरण योजना, आत्म-निर्भरता के लिये तेजस्विनी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, गाँव की बेटी और लाड़ली लक्ष्मी आदि अनेक योजनाओं द्वारा महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक स्वावलंबन में सहयोग किया जा रहा है।

 

इस के लिये यू.एन.वीमेन द्वारा प्रदेश सरकार के साथ प्रोजेक्ट को-ऑपरेशन का एग्रीमेंट मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष मंत्रालय में आज हस्ताक्षरित हुआ। एग्रीमेंट पर यू.एन.वीमेन की ओर से रीजनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुषमा कपूर और प्रदेश सरकार की ओर से आयुक्त पंचायत श्री विश्वमोहन उपाध्याय ने हस्ताक्षर किए। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश के अलावा देश के 5 अन्य राज्यों, आंध्रप्रदेश, बिहार, कर्नाटक, उड़ीसा और राजस्थान में भी क्रियान्वित किया जा रहा है।

 

यू.एन.वीमेन द्वारा प्रोजेक्ट के लिये इस एग्रीमेंट के तहत करीब डेढ़ करोड़ रूपये से अधिक राशि का शत-प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार को दिया जाएगा। यह कार्यक्रम 31 दिसम्बर 2012 तक चलेगा। कार्यक्रम के तहत महिलाओं की पंचायत राज में भागीदारी और भी अधिक सुदृढ़ होगी। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रोजेक्ट में महिलाओं के क्षमता संवर्द्धन कार्यक्रमों पर बल दिया जाएगा। इसमें महिला समानता एवं सशक्तिकरण पर विशेष जोर रहेगा। कार्यक्रम के अन्तर्गत पंचायतों एवं महिलाओं के अधिकारों को सुदृढ़ बनाने के प्रयास होंगे। महिलाओं की स्थानीय सुशासन में भागीदारी मजबूत करने के लिये शासन की नीतियों तथा नियमों को और अधिक कारगर बनाये जाने के लिये जरूरी विषयों पर शोध भी किया जाएगा।

 

कार्यक्रम के तहत महिलाओं के लिये आर्थिक समृद्धि तथा समानता के अधिकारों पर क्षमता संवर्द्धन के कार्य किए जाएंगे। महिलाओं के राजनैतिक अधिकार तथा सफल महिला राजनैतिज्ञों के माध्यम से प्रेरित करने के आयोजन होंगे। महिलाओं के वैयक्तिक अधिकार तथा स्वास्थ्य जीवन संबंधी मुद्दों जैसे परिवार-कल्याण, मातृत्व एवं शिशु जीवन इत्यादि मुद्दों पर क्षमता संवर्द्धन के लिये आवश्यक प्रचार और प्रसार के कार्य होंगे। विवाद निर्मूलन तथा महिलाओं की भागीदारी और गाँव की महिलाओं के लिये न्याय व्यवस्था के सुचारू संचालन में सहयोग के लिये आवश्यक कार्य किए जाएंगे।

 

एग्रीमेंट हस्ताक्षर के अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, वित्त मंत्री श्री राघवजी, उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, संस्कृति एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा श्री नानाभाऊ मोहोड़, राज्य मंत्री अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण श्री हरिशंकर खटीक, अपर मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री अजय तिर्की, यू.एन.वीमेन के प्रमुख श्री सूरज कुमार और सीनियर प्रोग्राम स्पेशलिस्ट सुश्री रेनु बघेरा एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।

 

 

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