– डाॅo रोहित राय –
कक्षा 6 से प्रत्येक छात्र को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रत्येक शैक्षणिक सत्र के 10 दिन बिना बैग के स्कूल दिन होंगे जिस दौरान छात्र विशेषज्ञों से बिजली का काम, बढईगीरी, कुम्हारी, धातु का काम, राजमिस्त्री, बागबानी, सिलाई-कढाई, कुकिंग-कैटरिंग आदि जैसे कौशल विकास से संबंधित व्यवसायों का प्रशिक्षण लेंगे। इसमें इंटर्नशिप भी शामिल होगी जिससे की छात्र किसी औद्योगिक संस्था में जाकर प्रशिक्षण ले सकें। कोशिश यह होगी कि जब छात्र 12 वीं पास करके निकले तो उसके पास एक स्किल हो जो उसकी आजीविका का आधार बने। नई शिक्षा नीति छात्रों को सिखने, जानने और पढने के ज्यादा अवसर प्रदान करती है। परम्परागत शिक्षा प्रणाली की भांति यह शिक्षा को केवल कुछ विषयों एवं तथ्यों तक सीमित नहीं रखती।
नई शिक्षा नीति में स्कूलों के पाठ्यक्रम में विज्ञान और गणित के अलावा बुनियादी कला, शिल्प, मानविकी, खेल और फिटनेस, भाषा और साहित्य का भी समावेश किया जाएगा। कोई भी छात्र दशवीं- बारहवीं बोर्ड और ग्रेजुएशन में विज्ञान के साथ-साथ कला, संगीत तथा सामाजिक विज्ञान के विषयों को भी चुन सकता है।
नई शिक्षा नीति में कक्षा पांचवी तक मातृभाषा या क्षेत्रिय भाषा में पढाई होगी चाहे स्कूल सरकारी हो या प्राइवेट। आॅनलाइन कोर्स कन्नड़, उडिया, बंगाली जैसे क्षेत्रिय भाषाओं में भी उपलब्ध होंगे। वर्तमान में अधिकतर आॅनलाइन कोर्स मुख्यतः अंग्रेजी या हिन्दी भाषा में ही उपलब्ध हैं। निष्कर्षतः नई शिक्षा नीति शिक्षा को केवल डिग्री और किताबों तक सीमित नहीं रखती बल्कि शिक्षा को एक अवसर के रूप में प्रस्तुत करती है जिससे छात्र अपनी प्रतिभा और रूचि के अनुसार जीवन मे अपना रास्ता चुन सकें। लेकिन हमेशा कि तरह सवाल नीति का नहीं बल्कि नियत का है, सवाल एक्ट का नहीं बल्कि एक्शन का है। शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है। ऐसे में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए केन्द्र सरकार, राज्य सरकार तथा नागरिक समाज तीनों को मजबूत इच्छा शक्ति दिखानी होगी। नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर व्यय को वर्तमान जी0डी0पी0 के 3 प्रतिशत से बढाकर 6 प्रतिशत करने की बात कही गई है।
लेकिन इससे ज्यादा जरूरी यह है कि शिक्षा के लिए आवंटित धन का प्रयोग कुशलतापूर्वक एवं मितव्ययितापूर्वक किया जाय। इसके लिए आवश्यक है कि प्रशासनिक मशीनरी को चुस्त-दुरूस्त बनाया जाय साथ ही बिना वजह की अफसरशाही पर भी लगाम लगाया जाय।
__________________
परिचय – :
डाॅo रोहित राय
लेखक व् शिक्षक
सिस्टेंट प्रोफेसर – अर्थशास्त्र माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय महिला महाविद्यालय
संपर्क – :
मोo नं0- 9140690067 , ई- मेल- rairohit.au@gmail
लेखक के अपने निजी विचार।
Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.