संध्या जाट पार्षद रहेंगी या नहीं, अब आएगा फैसला – – वार्ड -29 की पार्षद के जाति के मामले में संभागायुक्त कोर्ट में हुई बहस पूरी

0
36

downloadआई एन वी सी ,

भोपाल,
वार्ड-29 की भाजपा पार्षद संध्या जाट पार्षद रहेंगी या उनकी यह पार्षद छिन जाएगी। इसको लेकर अब फैसला आएगा। संभवत: यह फैसला मंगलवार को भी आ सकता है। इस मामले में संभागायुक्त कोर्ट में चल रही पेशी में अंतिम बहस सोमवार को पूर्ण हो चुकी है। हालांकि कोर्ट में श्रीमती जाट के वकील ने अपने तर्क में कहा है कि  जांच में अभी तक यह तय नहंी हो सका है कि आखिर वह किस जाती में आती हैं। ज्ञात हो कि अनुसूचित जाति की होने के बाद भी पिछडावर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर पार्षद का चुनाव लड?े के खिलाफ शिकायत की जांच करने के बाद राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने पार्षद संध्या जाट का जाति प्रमाण पत्र करने करने तथा जाति प्रमाण पत्र निरस्त करके आपराधिक कारर्वाई की अनुशंसा की थी। यहीं नहीं संभागायुक्त व कलेक्टर को समिति के निर्देश से भी अवगत कराते हुए आगामी कायर्वाही करने को कहा था।
—–
संभागायुक्त कोर्ट में सोमवार को हुई पेशी में पार्षद संध्या जाट और शिकायतकर्ता एवं कांग्रेस प्रत्याशी रहीं गीता राठौर की ओर से बहस पेश की गई। राठौर की ओर से तर्क पेश किया गया कि, पहले पुलिस और फिर राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने संध्या जाट के जाति प्रमाण पत्र को फर्जी प्रमाणित किया है। संध्या जाट की वास्तव में अनुसूचित जाति हैं और जाटव के बजाय धोखाधड़ी करके जाट जाति का प्रमाण पत्र बनवाया गया। ऐसे में उनकी पाषर्दी शून्य घोषित करके मतगणना में दूसरे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस प्रत्याशी गीता राठौर को पार्षद घोषित किया जाए। इसके जवाब में श्रीमती जाट की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने तर्क पेश किया कि अलग-अलग जांच के बाद भी यह निश्चित नहीं हो सका है कि आखिर वह कौन सी जाति में आती हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट में भी छानबीन समिति के फैसले और अनुशंसा के खिलाफ याचिका पेश की जा चुकी है। ऐसे में संभागायुक्त अभी फैसला करने के बजाय हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करें।
————
नहीं दिया समय – श्रीमती जाट के वकील ने इस मामले में और समय दिए जाने की मांग की। संभागायुक्त एसबी सिंह ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मामले में और समय बढ़ाने से साफ इंकार कर दिया। आयुक्त ने कहा कि मंगलवार को फैसला सुना दिया जाएगा। आयुक्त ने यह भी कहा कि, हाईकोर्ट में पेश की गई याचिका के बाद स्टे आर्डर नहीं है और न ही किसी भी तरह से आगे की कारर्वाई पर रोक लगाई गई है।
———–

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here