संजय तिवारी “राष्ट्रवादी” की कविता ” ऐ ज़िन्दगी ”

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ऐ  ज़िन्दगी

ए ज़िन्दगी तुझे और जीने को दिल चाहता है,
मौत के तसब्बुर से भाग जाने को दिल चाहता है !
अतीत की गलियों में लौट जाने को दिल चाहता है,
फिर बचपना दिखाने को दिल चाहता है !
लोरियां सुनके सोने को दिल चाहता है,
माँ के आँचल में छुपने को दिल चाहता है !
वक़्त ठहर जाये ये दिल चाहता है,
रेत को मुट्ठी में समेटने को दिल चाहता है !
दिल से दिल लगाने को दिल चाहता है,
ए ज़िन्दगी तुझे और जीने को दिल चाहता है !
रंजिशें तमाम भूल जाने को दिल चाहता है,
गिले-शिकवे मिटाने को दिल चाहता है !
बेचैन हसरतों को जगाने को दिल चाहता है,
रुश्बाइयों से भाग जाने को दिल चाहता है !
रूठों को मनाने को दिल चाहता है,
खुद मान जाने को दिल चाहता है !
ज़िन्दगी को जिंदादिल बनाने को दिल चाहता है,
ए ज़िन्दगी तुझे और जीने को दिल चाहता है !
कुछ नया गुनगुनाने को दिल चाहता है,
एक नया सुर सजाने को दिल चाहता है !
एक नया अफ़साना बनाने को दिल चाहता है,
सबको अपना बनाने को दिल चाहता है !
किसी का प्यार पाने को दिल चाहता है,
प्यार अपना लुटाने को दिल चाहता है !
प्यार में किसी के खुद को मिटाने को दिल चाहता है,
ए ज़िन्दगी तुझे और जीने को दिल चाहता है !
कुछ कर दिखाने को दिल चाहता है,
मादरे वतन पे मिट जाने को दिल चाहता है !
आज कुछ नया कर दिखाने को दिल चाहता है,
ए ज़िन्दगी तुझे और जीने को दिल चाहता है !

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SANJAYTIWARI RASHTVADI, sanjay tiwari poetपरिचय -:

संजय तिवारी “राष्ट्रवादी”

विश्व कीर्तिमान धारक, राष्ट्रपति पुरुष्कार विजेता, पूर्व राष्ट्रीय  खिलाड़ी “मल्ल्खाम्भ

दायित्व  : महामंत्री : संस्कार भारती, झाँसी ,  सचिव : अक्स नाट्य एवं कला संसथान, झाँसी

अभिरुचि  : अभिनय, रंगमंच, लेखन, समाजसेवा एवं स्रजनात्मक कार्य

सम्प्रति : सेल्स मेनेजर (फार्मा कंपनी)

संपर्क – :
निवास – 2494/1 साहनी विहार, मसीहागंज, सीपरी झाँसी (उप्र) संपर्क :

9451264760 /  7618815130       ईमेल : sanjaywrh@gmail.com

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