संचालित स्वरोजगार योजना की सीमा को 50 हजार से 15 लाख रुपये तक किया जायेगा : हरीश रावत

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आई एन वी सी , देहरादून,मुख्यमंत्री हरीश रावत ,अनुसूचित जाति जनजाति, पिछडी जाति , विकलांगो के लियें सरकारी योजनाये , अनुसूचित जाति जनजाति के लियें सरकारी योजनाये , पिछडी जाति  के लियें सरकारी योजनाये ,उत्तराखंड न्यूज़ ,उत्तराखंड की ताज़ा खबरे आई एन वी सी ,
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सचिवालय में समाज कल्याण विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कई अहम निर्णय लिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अब केवल प्रदेश में काउंसिलिंग के माध्यम से कालेजों में प्रवेश पाने वाले अन्य पिछड़ें वर्ग के छात्रों को ही छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। विकलांग व्यक्ति की पुत्री के विवाह हेतु धनराशि 10 हजार रुपये के बजाय अब 25 हजार रूपये दी जायेगी। परित्यक्ता महिला को भी परिवारिक पेंशन तथा उनकी पुत्री के विवाह के लिये 50 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी। आजीविका पालन के दौरान अशक्त व्यक्तियों को अशक्तता पेंशन दी जायेगी। इसके साथ ही बालगृह, शिशुगृह व नारी निकेतन को बेहतर बनाये जाने के लिये अलग से कल्याण बोर्ड गठित किया जायेगा। मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों के लिये देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में मानसिक गृह बनेंगे। विकासखण्ड स्तर पर समाज कल्याण से संबंधित योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिये सहायक विकास अधिकारी तथा प्रत्येक विकासखण्ड में कम्प्यूटर आपरेटर की तैनाती आउटसोर्स से किये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि भगवानपुर व पिथौरागढ में स्थापित होने वाले मेडिकल कालेजों के लिये धनराशि का प्राविधान विशेष कम्पोनेंट प्लान (एसीपी) के माध्यम से किया जाय। बाबू जगजीवन राम, जयानन्द भारती तथा हरिप्रसाद टम्टा के नाम पर विशेष विद्यालय खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण से सम्बन्धित पेंशन चेको का वितरण समय पर हो यह सुनिश्चित कर लिया जा। उन्होने कहा कि बाल गृह, नारी निकेतन के अन्र्तगत प्रोविशन के दौरान उनको प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सुविधा, सुरक्षा के साथ ही उन्हें बेहतर नागरिक बनाये जाने तथा प्रोविशन के बाद उन्हंे आजीविका के साधन उपलब्ध कराने, उन्हें ऋण व अनुदान आदि की व्यवस्था करने के लिये कल्याण बोर्ड गठित किया जायेगा। जो इस सम्बन्ध में रिफार्म हाउस के रूप मे कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति, पिछडी जाति व विकलांगो के लिये संचालित स्वरोजगार योजना की सीमा को 50 हजार से 15 लाख रुपये तक किया जायेगा। अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछडी जाति व विकलांगो के लिये संचालित ऋण योजना के चयन में वार्षिक आय सीमा ग्रामीण क्षेत्रों में 15,976 रुपये तथा शहरी क्षेत्रों में 21,206 रुपये निर्धारित है। जिसे बढ़ाकर अब ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों के लिए अब 1,05,000 रुपये किया जा जायेगा। इसी प्रकार उत्तराखण्ड बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम के आय के कोई साधन नही है तथा राज्य सरकार द्वारा निगम के संचालन हेतु अधिष्ठान मद में किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान नही की जाती है, इसके लिए अब यह व्यवस्था की जा रही है कि राष्ट्रीय वित्त विकास निगम से 5 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है। समाज कल्याण की पेंशन योजनाएं आॅनलाइन कर दी गई है। छात्रवृत्ति एवं अन्य योजनाओं को भी आॅन लाइन किया जा रहा है।
बैठक में समाज कल्याण मंत्री सुरेन्द्र राकेश मुख्य सचिव सुभाष कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.एस.संधू, प्रमुख सचिव समाज कल्याण एस.राजू, सचिव अल्पसंख्यक कल्याण अजय प्रद्योत अपर सचिव मुख्यमंत्री दिलीप जावलकर, प्रभारी मीडिया मैनेजमेंट सुरेन्द्र कुमार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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