संक्रमण पर नियंत्रण के लिए वैक्सीनेशन आवश्यक

0
31

आई एन वी सी न्यूज़
जयपुर,
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि शहरों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण गांवों में भी बड़ी तेजी से फैल रहा है। इसके प्रसार को रोकने और संक्रमितों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में हैल्थ मशीनरी को पूरी तरह एक्टिव किया जाए। साथ ही लोगों को जागरूक करने और अन्य व्यवस्थाओं के लिए राज्य सरकार के सभी कार्मिकों और पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गांवों में संक्रमण इसी तरह बढ़ा, तो इसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा।

श्री गहलोत शनिवार रात को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड संक्रमण, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों से लोगों को शहर में इलाज के लिए पहुंचते-पहुंचते काफी देर हो जाती है और संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा होने से रोगी को खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, लोगों की जीवन रक्षा के लिए डोर-टू-डोर सर्वे और दवा किट के वितरण के काम को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जाए। इससे लक्षण वाले रोगियों की समय पर जांच हो सकेगी और उन्हें संक्रमण के प्राथमिक स्तर पर ही दवा मिल जाने से जीवन बचाना आसान होगा।

तीसरी लहर की आशंका, बच्चों के उपचार की व्यवस्था पुख्ता करें
श्री गहलोत ने कहा कि दूसरी लहर के साथ-साथ विशेषज्ञ तीसरी लहर की भी आशंका जता रहे हैं। उनके अनुसार तीसरी लहर और अधिक घातक हो सकती है और बच्चों में इसका अधिक प्रसार होने की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए बच्चों के अस्पतालों में उपचार की व्यवस्थाएं पुख्ता की जाएं। इन अस्पतालों में गहन चिकित्सा सुविधाओं एनआईसीयू और पीआईसीयू आदि को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना रोग के इलाज में जीनोम सिक्वेंसिंग का विशेष महत्व है। चिकित्सा विशेषज्ञ वायरस की प्रकृति का समुचित अध्ययन करें, ताकि उसके अनुरूप बचाव के तमाम प्रयास अमल में लाए जा सकें।

नोडल अधिकारियों के लिए जारी हो कॉमन गाइडलाइन
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में संक्रमण के कारण ज्यादा मौत हो रही हैं, वहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम भेजकर ऑडिट करवाया जाए। ये विशेषज्ञ स्थानीय चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को उपचार को लेकर आवश्यक सलाह और सुझाव भी दें, ताकि मौतों की संख्या को न्यूनतम किया जा सके। श्री गहलोत ने कहा कि पल्स ऑक्सीमीटर की गुणवत्ता को लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं। चिकित्सा विभाग इसकी जांच कराए और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगियों के बेहतर उपचार के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों के लिए राज्य स्तर से कॉमन गाइडलाइन जारी की जाए और उनके काम की सतत मॉनिटरिंग भी की जाए।

वैक्सीन के आयात के विकल्प पर भी करें विचार
श्री गहलोत ने कहा कि संक्रमण पर नियंत्रण और जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन को गति देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की उपलब्धता के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जाए। प्रदेशवासियों को जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने के लिए यदि आवश्यकता है, तो राज्य सरकार विदेशों से आयात पर भी विचार करेगी। उन्होंने ग्रामीण लोगों को टीकाकरण के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन अभियान को गति देने के लिए इसके आयात पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने का सुझाव दिया।

चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि निजी अस्पतालों में कोविड रोगियों के उपचार के बारे में आने वाली शिकायतों तथा मुनाफाखोरी एवं कालाबाजारी करने वाले दवा दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि विधायकों के सहयोग से मॉडल सीएचसी में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार को गति दी जा सकती है।

मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के संबंध में रक्षा मंत्रालय एवं डीआरडीओ के अधिकारियों से निरंतर समन्वय किया जा रहा है। डीआरडीओ ने कई जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का आश्वासन दिया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री अखिल अरोरा ने बताया कि आगामी आवश्यकताओं को देखते हुए ब्लॉक स्तर पर मॉडल सीएचसी को कोविड केयर कंसल्टेशन सेंटर के रूप में विकसित करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहें हैं। यहां कोविड के कम गंभीर रोगियों को उपचार की सुविधा मिल सकेगी। इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिलने के साथ ही बड़े अस्पतालों पर दबाव कम हो सकेगा। उन्होंने बताया कि जयपुर में कोविड उपचार की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए आरयूएचएस एवं एसएमएस अस्पताल सहित अन्य जगहों पर 5 कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं, जो 24 घंटे प्रभावी रहेंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुबोध अग्रवाल तथा राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने ऑक्सीजन कॉंन्सन्ट्रेटर के आयात की वस्तुस्थिति से अवगत कराया। प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार एवं पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर ने 10 मई से शुरू हो रहे लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी दी। प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास श्री कुंजीलाल मीणा ने बताया कि प्रदेश के 60 शहरों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए एसएमएस अस्पताल में जांच सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली स्थित आईसीएमआर की लैब में करीब 1800 सैम्पल भेजे गए थे। इनमें से 689 सैम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है और 32 सैम्पल में यूके वैरियंट मिला है।

प्रमुख सचिव कार्मिक श्री हेमंत गेरा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन, शासन सचिव स्वायत्त शासन श्री भवानी सिंह देथा, शासन सचिव ग्रामीण विकास श्री केके पाठक, सचिव पंचायतीराज श्रीमती मंजू राजपाल, उद्योग सचिव श्री आशुतोष एटी, आरएमएससीएल के एमडी श्री आलोक रंजन, आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार सहित अन्य अधिकारियों ने भी विचार व्यक्त किए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here