Q & A With – Shivraj Singh Chauhan

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आई.एन.वी.सी,,

कोरिया,सियोल,,

प्रश्न : कोरिया के लोगों को मध्यप्रदेश में क्यों निवेश करना चाहिए?

मुख्यमंत्री : मध्यप्रदेश भारत के सबसे तेजी से बढ़ते प्रदेशों में एक है। वर्ष 2005-10 के दौरान समग्र वार्षिक विकास दर 10.2 प्रतिशत रही। मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित है और देश के सभी प्रमुख बाजारों, बंदरगाहों तथा शहरों से इसकी निकटता है। इसके अलावा मध्यप्रदेश की जनसंख्या 7 करोड़ से अधिक है। प्रदेश में दशकीय शहरीकरण विकास दर 26 प्रतिशत है और बड़े शहरों का विकास 40 प्रतिशत तक हो रहा है।

मध्यप्रदेश में बड़े पूंजी निवेश के लिए निवेशकों की आवश्यकता के अनुसार पैकेज उपलब्ध हैं और इनकी स्वीकृति का कार्य तेजी से होता है। प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भण्डार है। मूल्य के हिसाब से भारत के खनिज उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान 6 प्रतिशत है।

प्रश्न : मध्यप्रदेश में कोरियन कम्पनियों को किस सेक्टर में निवेश करना चाहिए?

मुख्यमंत्री : इलेक्ट्रॉनिक्स, इन्फ्रा-स्ट्रक्चर, टेक्सटाईल और खाद्य प्र-संस्करण के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक पार्क यह सेक्टर है। हम सेमसंग और एलजी जैसे बड़े उद्योगों को मध्यप्रदेश में लाने के लिए बहुत उत्सुक हैं।

प्रश्न : भारत की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए निवेशक को विश्वास क्यों करना चाहिए?

मुख्यमंत्री : पूरे विश्व में आर्थिक मंदी के दौर से हम सभी वाकिफ हैं। इसका असर सारी दुनिया की अर्थ-व्यवस्थाओं पर हुआ है।

अन्य देशों की तुलना में भारत पर इसका असर कम हुआ है क्योंकि हमारा मूलभूत आधार मजबूत है और हमारी घरेलू माँग भी अच्छी है। हमें लंबे समय तक की समग्र स्थिति को ध्यान में रखना होगा। प्रत्येक अर्थ-व्यवस्था की अपनी शक्तियाँ और विशेषताएँ होती हैं। इसीलिए हम किसी एक मानक प्राणाली से समग्र स्थिति का आकलन नहीं कर सकते।

जहाँ तक मध्यप्रदेश का सवाल है तो, जैसा कि मैंने पहले कहा, वहाँ 2005-10 के दौरान समग्र वार्षिक विकास दर 10.2 प्रतिशत रही है, जो बहुत अच्छी है। प्रदेश में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक तीनों क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है। हम औद्योगीकरण की गति तेज कर रहे हैं और मूल्य संवर्धन में और अधिक सुधार ला रहे हैं। मध्यप्रदेश में निवेश और उससे अच्छा प्रतिफल प्राप्त करने की संभावनाएँ हैं।

प्रश्न : अधोसंरचना विकास में निवेश के कौन से मुख्य क्षेत्र हैं?

मुख्यमंत्री : दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का विकास क्षेत्र लगभग 800 किलोमीटर है और इसकी लागत 7 बिलियन अमेरिकन डॉलर है। प्रथम चरण में 4 नोड्स को प्राथमिकता में लिया गया है –

पीथमपुर-धार-महू (निवेश क्षेत्र 372 वर्ग किलोमीटर)

रतलाम-नागदा (निवेश क्षेत्र 200 वर्ग किलोमीटर)

नीमच-नयागाँव (निवेश क्षेत्र 100 वर्ग किलोमीटर)

शाजापुर-देवास (निवेश क्षेत्र 100 वर्ग किलोमीटर)
इसके अलावा मध्यप्रदेश में हम तीन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित कर रहे हैं –

भोपाल-इंदौर इनवेस्टमेंट कॉरिडोर- प्रारंभिक परियोजनाओं की लागत 80 मिलियन अमेरिकन डॉलर

भोपाल-बीना इनवेस्टमेंट कॉरिडोर – प्रारंभिक परियोजनाओं की लागत 1 बिलियन अमेरिकन डॉलर

जबलपुर-कटनी-सतना-सिंगरौली इनवेस्टमेंट कॉरिडोर – प्रारंभिक परियोजनाओं की लागत 2 बिलियन अमेरिकन डॉलर।

प्रश्न : मध्यप्रदेश में बिजली की क्या स्थिति है?

मुख्यमंत्री : मध्यप्रदेश में तीव्र औद्योगीकरण के लिए पर्याप्त बिजली है और हमने बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए परियोजनाओं पर तेजी से अमल शुरू कर दिया है। मार्च 2011 तक मध्यप्रदेश की कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता 8998 मेगावॉट हो गई थी।

प्रश्न : मध्यप्रदेश में श्रम उपलब्धता की स्थिति और जलवायु कैसी है?

मुख्यमंत्री : मध्यप्रदेश में सौहार्दपूर्ण औद्योगिक कार्य-संस्कृति है और भारत में मानव दिवसों की हानि मध्यप्रदेश में सबसे कम है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2009-10 में आयु वर्ग के अनुसार प्रति एक हजार व्यक्तियों के वितरण से स्पष्ट होता है कि प्रदेश के श्रमिक बल में 63 प्रतिशत लोग 40 वर्ष से कम आयु के हैं। कोरिया और यहाँ तक कि भारत के अन्य प्रदेशों की तुलना में मध्यप्रदेश में श्रम कम लागत पर उपलब्ध है। मध्यप्रदेश के लोग मेहनती और कार्य-कुशल हैं।

प्रश्न : उद्योगों के लिए भूमि की उपलब्धता कैसी है?

मुख्यमंत्री : मध्यप्रदेश में हमने लगभग 20 हजार हेक्टेयर का भूमि बैंक उद्योगों के लिए स्थापित किया है। इसमें से उद्योगों को रियायती दर पर जमीन दी जाती है।

प्रश्न : निवेशकों के लिए क्या प्रोत्साहन हैं?

मुख्यमंत्री : मध्यप्रदेश में 10 वर्ष तक के लिए पूंजी निवेश के लिए 100 प्रतिशत वेट रिफंड दिया जाता है। प्रवेश कर से 5 से 7 वर्ष तक के लिए छूट है। मेगा परियोजनाओं के लिए (प्रीमियम पर) 75 प्रतिशत लेण्ड सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा कैप्टिव पॉवर संयंत्रों को 5 से 10 वर्ष तक इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी से छूट दी जाती है। माइक्रो स्माल मीडियम उद्योगों को 15 प्रतिशत पूंजी अनुदान तथा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाता है।

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