मो.अनस सिद्दीक़ी,,
ग्रेटर नोएडा,,
ग्रेटर नोएडा के एजुकेशन हब में çस्थत शारदा विश्वविद्यालय के अधीन शारदा हॉस्पीटल में रविवार को पल्स पोलियों अभियान असफल होता हुआ दिखाई दिया। दूर-दराज के इलाके से चिलचिलाती धूप में अपने नौनिहालों को पल्स पोलियो की दवा पिलवाने के लिए लोग सुबह से ही हॉस्पीटल में डेरा डाले हुए थे। लेकिन जब बारह बजे तक दवा नहीं नसीब नहीं हुई तो उन्हें बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। शारदा विश्वविद्यालय की प्रवक्ता का कहना है कि पल्स पोलियो सेंटर पहले कैंसल कर दिया गया था। बाद में जब स्थानीय लोग अपने-अपने बच्चों को दवा पिलवाने के लिए आने लगे तो हॉस्पीटल प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा पल्स पोलियो अभियान के यूनिट इंचार्ज से बात कर बूथ को चालू करवाया।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत शुरुआत से पोलियो को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से एक विशेष अभीयान चलाया जा रहा है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा यूनीसैफ मिलकर मुहिम चलाए हुए है। भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए भारत सरकार भी अपने राज्यों को निर्देश देकर सफल बनाने में लगे हुए है। इसके लिए राज्य, जिला, तहसील, कस्बा और गांव-गांव में सामाजिक कार्यकत्ताü घर-घर जाकर पांच साल तक के बच्चों को दो बून्द पिला रहे हैं। इस अभीयान को सफल बनाने में आगनबाड़ी, अध्यापिकाओं, और प्रशिक्षु नसोü व डॉक्टरों को इस मिशन में लगाया गया। हर साल शारदा हॉस्पीटल में पल्स पोलियो बूथ बनाया जाता था। इस बूथ में पांच से लेकर एक दर्जन तक बच्चे ही दो बून्द जिन्दगी की ग्रहण कर पाते थे। लिहाजा इस वर्ष बूथ को निरस्त कर दिया गया। हांलाकि प्रशासनिक स्तर पर हॉस्पीटल परिसर में बड़े-बड़े बैनर व पोस्टर लगवाये गए। इस के चलते रविवार को सुबह से ही हॉस्पीटल में लोग अपने-अपने बच्चों को दवा पिलवाने के लिए पल्स पोलियो बूथ पर पहुंच गए। लेकिन शारदा हॉस्पीटल के मुखय द्वार पर बैठे स्वागत एंव रोगी पंजीयन अधिकारी सकते में आ गए कि उनके यहां इस बार बूथ आवंटित ही नहीं हुआ फिर लोग कैसे आने लगे। जब भीड़ जुटने लगी और उन्होंने हंगामा किया और कहा कि आपके हॉस्पीटल के मुखय द्वार पर बैनर व पोस्टर लगा हुआ है फिर पोलियो की दवा पिलवाने की व्यवस्था क्यों नहीं गई है। बढ़ती भीड़ को देखकर हॉस्पीटल प्रबंधन ने दोपहर करीब साढ़े बारह बजे के बाद पोलियो बूथ को चलवाया । जब बूथ चालू हुआ तो मात्र डेढ़ दर्जन बच्चे ही इस अभीयान का लाभ मिल सके।
शारदा हॉस्पीटल में अपने बच्चे को पोलियो की दवा पिलाने के लिए आए मो. आसिफ ने बताया कि वह सुबह नो बजे से पंçक्त में खडे़ हुए हैं लेकिन हॉस्पीटल की ओर से कोई व्यवस्था पोलियो की दवा पिलाने की नहीं की गई है। हांलाकि सुबह की पहली पाली में करीब तीन दर्जन से अधिक बच्चे बिना दवा पिए ही वापस लौट गए।
पल्स पोलियो अभीयान के ग्रेटर नोएडा यूनिट इंचार्ज डॉ. जगबीर सिंह ने बताया कि कुल मिलाकर ५३ टीमों का गठन किया गया है। इनमें से ३६ टीमों को स्थानीय इलाकों में घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाने के लिए सुबह सात बजे ही रवाना कर दिया गया था। तथा बूथ स्तर पर 17 टीमों का गठन किया गया। इन बूथों पर 6309 बच्चों को दवा पिलाई गई।
शारदा विश्वविद्यालय की प्रवक्ता अनामिका द्विवेदी का कहना है कि पल्स पोलियो सेंटर पहले कैंसल कर दिया गया था। बाद में जब स्थानीय लोग अपने-अपने बच्चों को दवा पिलवाने के लिए आने लगे तो हॉस्पीटल प्रशासन ने पल्स पोलियो अभीयान के मैनेजर डॉ. जगबीर सिंह से बात कर इसे चालू करवाया दिया गया।
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