वैश्‍विक मंदीसे उबरने के लिए संगठित और सहयोगपूर्ण सोच की जरूरत-वित्‍त मंत्री

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आई. एन. वी.सी. ,,

दिल्ली ,,

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि हम सभी एक ऐसी उभरती हुई दुनिया को देखना चाह रहे हैं जहां देशों के बीच उच्‍च स्‍तर की परस्‍पर निर्भरता और समृद्धि के लिए अधिक गतिशील तथा समरूप व्‍यवस्‍था हो । श्री मुखर्जी ने कहा कि हमने हाल ही में वैश्‍विक मंदी से सीख ली है कि संगठित और सहयोगपूर्ण सोच के साथ ही ऐसी समस्‍याओं का हल निकाला जा सकता है । एकतरफा या अकेले रह कर इससे नहीं उबरा जा सकता । श्री मुखर्जी भारत-अमरीका के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों के मंच को आज संबोधित कर रहे थे । श्री मुखर्जी ने कहा कि एक देश की समस्‍या को हल करने की तत्‍परता में हमें दूसरे देशों खासकर विकासशील देशों में उभरते हुए बाजारों के लिए मुश्‍किलें खड़ी नहीं करनी चाहिए ।

इस बैठक में अमरीका के निधि सचिव श्री टिमोथी गैथनर, वाणिज्‍य सचिव गेरी लॉक , कृषि सचिव थोमस विलसेक ने हिस्‍सा लिया। इस बैठक में भारत के वाणिज्‍य और कंपनी मामलों के मंत्री आनंद शर्मा , योजना आयोग के उपाध्‍यक्ष श्री मोंटेक सिंह आहलूवालिया भी शामिल थे । इस बैठक में अमरीका और भारत की विभिन्‍न कंपनियों के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी भी उपस्‍थित थे ।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि भारत दुनियाभर में निवेश के लिए एक आकर्षक देश के रूप में उभरा है । उन्‍होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-08 से 2011-12) में केवल बुनियादी क्षेत्र में ही निवेश के लिए 514 अरब अमरीकी डॉलर की जरूरत है जिसमें से लगभग 30 प्रतिशत निजी स्रोतों से आने की उम्‍मीद है ।

श्री मुखर्जी ने बताया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-13 से 2016-17) के लिए बुनियादी क्षेत्र में निवेश के एक खरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है । उन्‍होंने कहा कि निवेश को इस स्‍तर तक पहुंचाने के लिए एक आकर्षक वित्‍तीय व्‍यवस्‍था की जरूरत है । श्री मुखर्जी ने कहा कि भारत-अमरीका सीईओ मंच के सुझावों पर विचार करने के लिए हमने योजना आयोग के उपाध्‍यक्ष की अध्‍यक्षता में एक समति भी गठित की है । इस समिति की दो बार बैठकें भी हो चुकी हैं ।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि अमरीका हमारे लिए निवेश और प्रौद्योगिकी में हमेशा से एक मुख्‍य स्रोत तथा एक महत्‍वपूर्ण व्‍यवसायिक भागीदार रहा है । आर्थिक नीतियां, वित्‍तीय और व्‍यापार हमारे द्विपक्षीय संबंधों के महत्‍वपूर्ण मुद्दे है । जैसे ही हम बुनियादी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के प्रयास करेंगे तथा निर्माण क्षेत्र को एक नया बल देंगे तो अमरीका के साथ हमारी भागीदारी की महत्‍ता और बढ़ेगी । ऐसा करना दोनों देशों के लिए लाभकारी रहेगा। इससे नई नौकरियां पैदा होंगी तथा दोनों देशों के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा ।

The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh at the delegation level talks with the US President, Mr. Barack Obama, in New Delhi on November 08, 2010.
The Prime Minister, Dr. Manmohan Singh at the delegation level talks with the US President, Mr. Barack Obama, in New Delhi on November 08, 2010.

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