वीर सावरकर को भारत रत्न और संसद में परिसर में मूर्तियां स्थापित न करने पर राष्ट्रव्यापी जनान्दोलन

0
23
स्वामी ओमजी अध्यक्ष हिन्दू महासभा, रामजन्मभूमि न्यास सहित निर्मोही अखाड़ा के पंच पुजारी रामदास, हाशिम अन्सारी , इकबाल अन्सारी . हाजी महबूब एवम् पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जीलानी ,free business news, free education news, free health news, free news agency of india, free politician news, अखिल भारत हिन्दू महासभा, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश कौशिक, आई एन वी सी न्यूज़ नई दिल्ली, चन्द्र प्रकाश कौशिक, पाकिस्तान अपनी करनी का फल भुगत रहा है, मुख्तार अब्बास नकवी और शाहनवाज हुसैन को मिलेगा घर वापसी न्यौता !, मुन्ना कुमार शर्मा, राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री वीरेश त्यागी, राष्ट्रीय महामंत्री, राष्ट्रीय महामंत्री मुन्ना कुमार शर्मा, वैलेंटाइन डे पर हिन्दू महासभा कराएगी प्रेमी जोड़ों की शादियाँ, स्वाइन फ्लू, स्वाइन फ्लू से निपटने में सरकारी तंत्र के विफलता - हिन्दू महासभा ने की स्वयंसेवी संगठनों से आगे आने की अपील, हिन्दू महासभा आई एन वी सी न्यूज़
नई दिल्ली,
जगन्नाथ द्यर्नउत्सव पर, विराट हिन्दू सम्मेलन में वीर सावरकर के पुण्य तिथि पर तथा श्री चन्द्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर आयोजित महायज्ञों में व समारोहों में उपस्थित जनसमुदायों को सम्बोधित करते हुये ‘‘ओमजी मन्दिर-मस्जिद विवाद समाधानार्थ महासंध‘‘, ‘‘ओमजी धर्मान्तरणार्थ महासंध‘‘, ‘‘ओमजी विश्वव्यापी जनान्दोलक महासंध‘‘ “ओम जी हिन्दू सेना“,  “ओमजी हिन्दू महासभा” सहित अन्य 31 धार्मिक, सामाजिक व राजनैतिक वैश्विक संगठनों के वैश्विक संस्थापक व अध्यक्ष तथा क्रान्तिवीर ‘‘स्वामी ओम जी महाराज‘‘ ने कहा कि एकजुटतार्पूक घर वापसी कराते हुये सभी पन्थावलम्वी हिन्दूगण विराट हिन्दू राष्ट्रª जरूर बनाये। स्वामी ओमजी ने कहा कि श्री वीर सावरकर को व श्री चन्द्रशेखर आजाद को भारत रत्न यदि नही दिया गया तथा संसद में या परिसर में उनकी मूर्तियां स्थापित नही की गई तो स्वामी ओमजी राष्ट्रव्यापी जनान्दोलन करेंगे क्यांेकि ‘‘गांधी-नेहरू व जिन्ना के डर से नहीं बल्कि महान स्वतंत्रतासेनानीगण सर्व श्री चन्द्रशेखर आजाद, वीर सावरकर आदि महान हिन्दूवादी उग्रपन्थी नेताओं के डर से 1942 में ही अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का निर्णय ले लिया था लेकिन गांधी-नेहरू व जिन्ना आदि नरमपन्थी नेताओं की ढ़ीलाई से 1947 में अंग्रेजों ने हिन्दुस्थान को अधूरी आजादी दी अतः उन उग्रपन्थी नेताओं की कुर्बानियों की सराहना करते हुये स्वामी ओमजी ने मांग की कि ‘‘उन्हें भारत रत्न दिया जाय तथा उनके मूर्तियों की स्थापना संसद के भवन में या परिसर में किया जाय वर्ना उपरोक्त मांगों को मनवाने के लिये स्वामी ओमजी द्वारा राष्ट्रव्यापी जनान्दोलन किया जायेगा ।
स्वामी ओमजी ने कहा कि रामजन्मभूमि विवाद के सभी पक्षकार सर्व श्री स्वामी ओमजी अध्यक्ष हिन्दू महासभा, रामजन्मभूमि न्यास सहित निर्मोही अखाड़ा के पंच पुजारी रामदास, वि.हि.प. तथा मुख्यवादी-हाशिम अन्सारी व उनके पुत्र इकबाल अन्सारी व हाजी महबूब एवम् पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जीलानी आदि सभी सम्बद्ध नेताओं व पक्षकारों द्वारा किये गये संयुक्त बैठक में लिये गये निर्णयानुसार स्वामी ओमजी की अध्यक्षता में गठित ‘‘ओमजी मन्दिर-मस्जिद विवाद समाधानार्थ महासंध नामक संस्था के माध्यम से स्वामी ओमजी द्वारा प्रस्तावित समाधानपत्र पर प्रधानमंत्री सहित सभी सम्बद्ध शीर्ष नेताओं व पक्षकारों द्वारा हस्ताक्षरित सामूहिक समझौता मसौदा की प्रतिलिपि अगले तारीख पर सुप्रीम कोर्ट में देकर ता0 30.09.2010 को ईलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा श्रीराम की जन्मस्थली के रूप मंे घोषित 70 एकड़ भूमि वाले परिसर में भगवान श्री राम लला का भव्य मन्दिर बनवाया जायेगा तथा अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा सीमा के बाहर आक्रान्ता बाबरी वाला मस्जिद बना दिया जायेगा एवम् उपरोक्त सौहार्दपूर्ण समझौते से वि.हि.प. सहित सभी अन्य षड़यंत्रकारी, बाधक लोगों को व दलों को दूर रखा जायेगा ।
विदेशी धन से चलाये जा रहे सभी मुस्लिम व ईसाइ संगठनों पर जब तक आई.एस. जैसा पूर्ण प्रतिबन्ध नहीं लगाया जायेगा तथा जब तक मदर टैरेसा का नोबेल पुरूस्कार वापिस नहीं लिया जायेगा तब तक स्वामी ओमजी द्वारा घर वापसी का वैश्विक अभियान जारी रहेगा ।  स्वामी ओमजी ने कहा कि घर वापसी के बाद सभी धर्मान्तरित हिन्दुओं को एस.सी. का दर्जा व लाभ दिया जायेगा ।  स्वामी ओमजी ने मांग करते हुये कहा कि संविधान में से धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाकर उसके बदले में जोड़ दिया जाये । स्वामी ओमजी ने रेल बजट की सराहना की ।  जम्मूकश्मीर में भा.ज.पा. गठबन्धनात्मक सरकार को तथा पंजाब के स्थानीय निकायों में विजयार्थ अकाली गठबन्धनात्मक सरकार को स्वामी ओमजी ने बधाई दी ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here