विधाओं के लिए समय और तैयारी की आवश्यकता : सुरेंद्र अग्निहोत्री

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नीना लांबा ,सुरेंद्र अग्निहोत्री,ग्रामीण विकास संस्थान,आई एन वी सी,
लखनऊ,
नाबार्ड की हिंदी गृह पत्रिका राष्ट्रीय बैंक सृजना के संवाददाताओं की 12वीं वार्षिक बैठक बैंकर ग्रामीण विकास संस्थान (बर्ड), लखनऊ में 27 और 28 फरवरी 2013 को आयोजित की गई. बैठक में नाबार्ड के देश भर के संवाददाताओं और संपादक श्रीमती नीना लांबा के नेतृत्व में प्रधान कार्यालय मुंबई से आई सृजना टीम ने पत्रिका से जुड़े विविध पहलुओं पर सार्थक विचार-विमर्श किया. बैठक में आगामी वर्ष में प्रकाशित होने वाले अंकों की विषय-वस्तु तय की गई और उसके हिसाब से ज़रूरी कार्ययोजना तैयार की गई. बैठक में साहित्य और पत्रकारिता से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया और उनसे विविध लेखन विधाओं के मर्म और तकनीक की जानकारी ली गई । इस दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बर्ड के निदेशक श्री जी. आर. चिंताला ने कहा कि गृह पत्रिकाओं से न केवल व्यापक पारस्परिक संवाद कायम होता है बल्कि संस्था की प्रतिभाओं को मंच भी मिलता है. अमर उजाला से आए श्री प्रेमशंकर मिश्र ने गृह पत्रिका के संदर्भ में लेखन में रचनात्मकता पर बात करते हुए जन सरोकारों की प्राथमिकता प्रतिपादित की. दैनिक जागरण, लखनऊ संस्करण के इनपुट हेड श्री अजय शुक्ल ने भी बैठक को संबोधित किया. उन्होंने गृह पत्रिकाओं में फीचर लेखन की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला. दैनिक भास्कर, लखनऊ के ब्यूरो प्रमुख श्री सुरेंद्र अग्निहोत्री ने कहानी, रिपोर्ताज, भेंट-वार्ता जैसी विधाओं की बारीकियों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इन विधाओं के लिए समय और तैयारी की आवश्यकता होती है और गृह पत्रिकाएं यह कार्य बेहतर ढंग से कर पाती हैं. कार्पोरेट कम्यूनिकेशन में गृह पत्रिकाओं की भूमिका विषय पर वरिष्ठ लेखिका व उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की पूर्व संयुक्त निदेशक श्रीमती विद्याबिंदु सिंह ने सहभागियों को संबोधित किया. कार्यक्रम के समापन अवसर पर श्री एस.पी.सिंह कार्यक्रम निदेशक ने सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए सृजना को और अधिक आकर्षक बनाने की अपील की |

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