विकास के दावों की पोल खोलती प्रदूषित जलापूर्ति

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– निर्मल रानी –         

हरियाणा राज्य की गणना वैसे तो देश के विकसित राज्यों में की जाती है। नि:संदेह हरियाणा देश के उन राज्यों में नंबर एक की श्रेणी में है जो देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की लिए गेहूं तथा धान की फसल का रिकॉर्ड उत्पादन करते हैं। यहां के कृषकों की आर्थिक संपन्नता का प्रभाव हरियाणा के गांवों से लेकर शहरों तक नज़र आता है। इसके अतिरिक्त हरियाणा देश के दुग्ध उत्पादक राज्यों में भी प्रथम स्थान पर है। हरियाणा की प्राचीन कहावत भी बेहद मशहूर है जिसमें कहा गया है कि-म्हारा देश हरियाणा सै-जहां दूध-दही का खाणा सै। गत् तीन दशकों के दौरान हरियाणा ने औद्योगिक तथा रियल एस्टेट के क्षेत्र में भी काफी तरक्की की है। राज्य के लोगों का आर्थिक स्तर काफी ऊंचा हुआ है तथा लोगों के रहन-सहन व पैसे खर्च करने की क्षमता में भी काफी इज़ाफा हुआ है।

इन सभी विशेषताओं के बावजूद हरियाणा के कई शहरों में हरियाणावासियों को पीने का साफ पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है। हरियाणा की वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में पूरे राज्य में विज्ञापनों तथा अन्य प्रचार माध्यमों के द्वारा जनता को यह बताने की कोशिश की जा रही है किस प्रकार भाजपा शासन में कहीं बस अड्डों का निर्माण कराया जा रहा है तो कहीं सडक़ें व फ्लाई ओवर बन रहे हैं कहीं पार्क बनाए जा रहे हैं तो कहीं अन्य सरकारी भवनों का निर्माण हो रहा है। प्रदेश के लगभग सभी शहरों में मुख्य चौराहों पर अनेक भाजपाई सरकारी योजना से जुड़े लोगो स्थापित कराए जा रहे हैं। इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए िफल्मी अभिनेत्रियों को योजना का ब्रांड एंबेसडर बनाया जा रहा है। और अपनी उपरोैक्त कारगुज़ारियों से संबंधित विज्ञापनों से हरियाणा के प्रत्येक शहर व जि़ले के मुख्यमार्ग अथवा जि़ला मुख्यालय,कोर्ट-कचहरी,दफ्तर-पैट्रोल पंप,फ्लाईओवर आदि पटे पड़े हैं। गोया ऐसा महसूस कराया जा रहा है कि हरियाणा वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही प्रगति की राह पर चलने लगा है।

परंतु विकास के इन दावों तथा तरककी की चकाचौंध संबंधी विज्ञापनों के बीच एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि आज भी हरियाणा के विभिन्न शहरों में आम लोगों को पीने का साफ पानी भी नसीब नहीं है। कई शहरों में जगह-जगह पानी की पाईप लाईन टूटी रहती है जिसमें जलापूर्ति बंद होने के बाद बाहर की सारी गंदगी पाईप लाईन में चली जाती है जोकि पानी की सप्लाई शुरु होने पर लोगों के घरों में प्रदूषित जल के साथ पहुंचती है। हद तो यह है कि अंबाला शहर स्थित रणजीत नगर में जिस जगह से शहर को पानी की आपूर्ति का पूरा नेटवर्क संचालित होता है उसी वाटरवकर््स के बिल्कुल समीप कई स्थानों पर वाटर सप्लाई के पाईप सडक़ों के ऊपर ही पड़े हुए हैं तथा उन्हें लोहे के बजाए रबड़ के पाईप से जोड़ा गया है। भयंकर गंदगी व प्रदूषण एवं कूड़ा-करकट के बीच खुले पड़े इस पानी के पाईप को गंदे पानी में हर समय डूबे हुए देखा जा सकता है। इसी कूड़े-करकट का गंदगी व प्रदूषण युक्त पानी आस-पास के घरों में जाता है जिसे पीने के लिए नगरवासी मजबूर हंै।

शहर में और भी कई स्थान ऐसे हैं जहां जलापूर्ति का पाईप नालों व नालियों के बीच से डूब कर होता हुआ गुज़रता है। वाटर पाईप लाईन बिछाने का यह तरीका भी पूरी तरह से गलत है। अभी कुछ समय पूर्व अंबाला में नहरी पानी की घरों तक सप्लाई करने के नाम पर पूरे शहर में सडक़ें खोदी गईं तथा घर-घर पाईप लाईन पहुंचाने की कोशिश की गई। इसके लिए जिस प्रकार के पाईप का इस्तेमाल किया जा रहा था उस िकस्म का पाईप कोई साधारण व गरीब आदमी भी अपने घरों में लगाना पसंद नहीं करेगा। परंतु सरकार ने ठेकेदारों के द्वारा सबसे घटिया,हलका यहां तक कि रबड़ का जोड़ लगा हुआ पाईप प्रत्येक घर के सामने ज़मीन के नीचे गड्ढों में दबा दिया। मुझे नहीं लगता कि हरियाणा के किसी भी सरकारी काम में आज तक इतना घटिया व हल्का पाईप तथा रबड़ के पतले से पाईप का इस्तेमाल किया गया होगा। इस प्रकार की सामग्री निश्चित रूप से टिकाऊ,मज़बूत तथा सुरक्षित नहीं होती। नतीजतन यह जल्दी खराब हो जाती है और पानी के साथ प्रदूषित जलापूर्ति का सिलसिला शुरु हो जाता है। प्रदूषित जलापूर्ति के नतीजे में ही तरह-तरह की बीमारियां पैदा होती हैं और यही बढ़ती बीमारों की संख्या अस्पतालों में बढ़ती भीड़ का कारण बनती है। और यदि किसी गरीब के घर में जहां दो वक्त की रोटी भी नसीब न हो पा रही हो उस घर में प्रदूषित जल पीने की वजह से यदि कोई बीमार पड़ जाए तो उस परिवार के लिए तो मरने-जीने का सवाल खड़ा हो जाता है।

सवाल यह है कि इस प्रकार की दुव्र्यवस्था तथा लापरवाही की जड़ें आिखर हैं कहां? किस के इशारे पर हलके व घटिया पाईप सप्लाई किए जाते हैं? क्योंकर अधिकारीगण इन चीज़ों की जांच-पड़ताल नहीं करते,ऐसे गैरजि़म्मेदाराना हरकत करने वाले सरकारी अधिकारियों या ठेकेदारों के िखलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती? इन सभी सवालों का जवाब केवल एक ही है। और वह है देश में चारों ओर फैला भ्रष्टाचार। क्या ठेकेदार,क्या कर्मचारी तो क्या अधिकारी,नेता व मंत्री सभी एक-दूसरे से किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। सभी एक-दूसरे को बचाने का प्रयास करते हैं। कभी किसी ठेकेदार के िखलाफ कोई अधिकारी शिकायत करता नहीं सुना जाता। न ही कभी किसी ठेकेदार को दंडित करने या उसे ब्लैकलिस्ट करने जैसी कार्रवाई होते सुना जाता है। इसके बजाए चोर-चोर मौसेरे भाई की कहावत चारों ओर चरितार्थ होती नज़र आती है और इस भ्रष्टाचार व घपलेबाज़ी का ही परिणाम यह होता है कि आम नागरिक गंदा,प्रदूषित तथा शरीर में नाना प्रकार की बीमारियों को दावत देने वाला पानी पीने के लिए मजबूर रहता है।

राजनीति के वर्तमान दौर में वैसे भी जन समस्याओं के लिए आवाज़ उठाने वालों को राष्ट्रविरोधी तथा देश का दुश्मन कहा जाने लगा है। आज यदि कोई व्यवस्था पर इस प्रकार से उंगली उठाए तो उससे पहले यह पूछा जाएगा कि तुम्हें वंदे मातर्म पढऩा आता है या नहीं। भले ही पूछने वाले को स्वयं वंदे मात्रम पढऩा न आता हो। और यदि आप प्रशासन या शासन की कोई दूसरी कमियां उजागर करेंगे तो यह भी कहा जा सकता है कि यह तो कांग्रेस शासन की देन है। और अधिक समस्याएं गिनाने लगेंगे तो उसका जि़म्मेदार पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी बताया जा सकता है। ऐसे भ्रष्ट व देश को बेचकर खाने वालों का मकसद केवल यही है कि भारत माता की जय बोलते रहिए,वंदे मात्रम गाते रहिए, धर्म की जीत की स्तुति करते रहिए और नाली के गंदे पानी को वाटर सप्लाई के माध्यम से पीते रहिए।

आज पूरे देश को इस प्रकार की पाखंडपूर्ण राजनीति तथा व्यवस्था से छुटकारा पाने की ज़रूरत है। जो भी पार्टी या जो भी सरकार नागरिकों को साफ जल मुहैया नहीं करवा सकती उसे विकास के लिए एक भी शब्द बोलने का कोई अधिकार नहीं है। जिस शहर व गली में गड्ढेदार सडक़ें हों उस व्यवस्था को अपनी उपलब्धियों के विज्ञापन करने का कोई हक नहीं है। जहां अस्पतालों में मरीज़ों की ठीक से देखभाल न हो पाती हो,जहां गरीब बच्चों का शिक्षा न मिल पा रही हो,जहां असामाजिक तत्वों द्वारा आए दिन शहर की कानून व्यवस्था को चुनौती दी जाती हो ऐसी व्यवस्था व ऐसे शासन को निकम्मा,भ्रष्ट तथा अकर्मण्य व्यवस्था ही कहा जा सकता है।

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परिचय –:

निर्मल रानी

लेखिका व्  सामाजिक चिन्तिका

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर निर्मल रानी गत 15 वर्षों से देश के विभिन्न समाचारपत्रों, पत्रिकाओं व न्यूज़ वेबसाइट्स में सक्रिय रूप से स्तंभकार के रूप में लेखन कर रही हैं !

संपर्क -:
Nirmal Rani  :Jaf Cottage – 1885/2, Ranjit Nagar, Ambala City(Haryana)  Pin. 4003 E-mail : nirmalrani@gmail.com –  phone : 09729229728

Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC NEWS.













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