वर्धमान ग्रीन पार्क कॉलोनी बसाने का मामला – बिल्डर पुनीत गोधा के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा जिला प्रशासन

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-एसडीएम ने राजस्व विभाग को अनुमति के लिए लिखा पत्र 

               -बिना डायवर्शन वर्धमान ग्रीन पार्क कॉलोनी बसाने का मामला 
logistics-fraudहेमंत पटेल,

आई एन वी सी ,
भोपाल ,
अशोका गार्डन स्थित वर्धमान ग्रीन पार्क कॉलोनी के कॉलोनाइजर पुनीत गोधा से आप अगर प्रॉपर्टी खरीदने वाले हैं या खरीद चुके हैं या फिर उसके किसी रियल स्टेट प्रोजेक्ट में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए? यह सब करने से पहले कागजों की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें, क्योंकि कागजात में गड़बड़ियां करने के चलते ही पुनीत गोधा के खिलाफ भोपाल जिला प्रशासन हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। अनुविभागीय अधिकारी गोविंदपुरा ने कोर्ट जाने की अनुमति दिए जाने को लेकर मप्र राजस्व विभाग को पत्र लिखा है। कोर्ट में जाने का मुख्य तथ्य अशोका गार्डन स्थित 80 फीट रोड पर बसाई वर्धमान ग्रीन पार्क कॉलोनी की आधी भूमि का डायवर्शन (व्यापवर्तन) न होना है। वहीं गोधा ने किस प्रकार प्रशासनिक अफसरों को गुमराह किया? इस बात का भी उल्लेख याचिका में किया जा रहा है।शासन-प्रशासन अपना पक्ष कोर्ट में मजबूती से रखने की पूरी तैयारी कर रहा है, जिसमें सरकार की लीगल पैनल जुट गई है। याचिका में उन बिंदुओं को भी लिया है, जिन्हें दबंग दुनिया ने समय-समय पर उठाया है। बिना डायर्वशन किसी भूमि पर कॉलोनी निर्माण मप्र भू-राजस्व संहिता की धारा-172 का उल्लंघन है। ऐसे में हिनौतिया काछियान के खसरा क्रमांक-36 को किस प्रकार ग्राम सेमराकलां में दर्शाया गया और फिर इसी आधार पर नगर निगम के पिछले दरवाजे से अनुमतियां जारी कराई गर्इं। ऐसी ही अन्य गड़बड़ियों को गोधा के विरुद्ध याचिका में शामिल किया है।
यह है प्रमुख गड़बड़ी-
हिनौतिया काछियान के खसरा क्रमांक-36 को ग्राम सेमराकलां में दर्शाया। इसी खसरे को दर्शा कर ग्राम सेमराकलां की भूमि का डायवर्शन होना बता दिया। हालांकि, डायवर्शन दिए जाने संबंधित पत्र व्यवहार अनुविभागीय विभागीय अधिकारी गोविंदपुरा और नगर निगम के बीच हुआ। इसकी एक प्रति धोखे से कॉलोनाइजर पुनीत गोधा को चली गई, जिस पर गोधा ने जिला न्यायालय में केस लगाया था। हालांकि, इस बारे में जिला प्रशासन के आला अफसरों को कानों कान खबर तक नहीं हुई, जिसके चलते गोधा खेल करता चला गया। इसी को आधार बना कर बाद में हिनौतिया काछियान के क्षेत्र का विकास कार्य अन्यत्र सेमराकलां में दिखाया और पूरी अनुमतियां जारी करवा लीं। गौर करने वाली बात यह है कि गोधा की इस जमीन की रजिस्ट्री 20 एकड़ है, लेकिन निर्माण अनुमति 25 एकड़ की जारी की गई है।
हर तरह के साक्ष्य जुटा रहा है प्रशासन-
जिला प्रशासन इस मामले में सख्त होता जा रहा है। कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि पुनीत गोधा लारा की गई हर गड़बड़ी के साक्ष्य प्रशासन के पास मौजूद हैं और अन्य दस्तावेज जुटाएं भी जा रहे हैं। ऐसे में जब गोधा की गड़बड़ियां साबित हो जाएंगी, तब जमीन को मूलरूप में लाया जाएगा। इस पर जो भी निर्माण कार्य करवाएं गए हैं, उन्हें हटाया जाएगा।
जनता भी कराए अपने दस्तावेजों की जांच-
अधिकारियों के अनुसार जिन-जिन लोगों ने पुनीत गोधा से वर्धमान ग्रीन पार्क कॉलोनी में मकान या अन्य जमीन खरीदी है, उन्हें चाहिए कि वे दस्तावेजों की सही तरीके से जांच करा लें। अगर कोई गड़बड़ी मिलती है, तो समय रहते जिला प्रशासन को सूचित करें।
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-वर्जन
वर्धमान ग्रीन पार्क जमीन के डायवर्शन व अन्य तरीकों से कॉलोनाइजर लारा राज्य शासन को पहुंचाई गर्इं हानियों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। याचिका लगाने शासन के राजस्व विभाग से अनुमति के लिए पत्र लिखा है।
-डीसी सिंघी, एसडीएम, गोविंदपुरा वृत्तनोट- उक्त खबर का प्रकाशन दुराश्य, दुर्भावना अथवा व्यक्तिगत छवि को आहत करना नहीं है, अपितु जनउद्देश्यों की   पूर्ति व जनहित को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है।

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