वक्त रहते करने होंगे इनके नियंत्रण के उपाय

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आई एन वी सी न्यूज़
अहमदाबाद,
इस साल अहमदाबाद में गर्मी अधिक पडने की सम्भावना है, क्योंकि मार्च महीने के पहले दो हफ्ते में ही तापमान 36°C के ऊपर पहुंच चुका है, जबकि हवा में नमी का स्तर 40% से कम है। दिन का तापमान सामान्य से 5 डिग्री ऊपर चल रहा है। रात का तापमान अभी थोडा कम है। फिलहाल रात में तापमान 19°Cके आस-पास दर्ज हो रहा है जो इस माह के अंत तक बढने के आसार हैं।

गर्मियोँ के जल्द आगमन के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। रात और दिन के तापमान में बडा अंतर, और वसंत ऋतु में इस तरह की असामान्य गर्मी का असर लोगोँ की सेहत पर दिखने लगा है।

कोलम्बिया एशिया हॉस्पिटल, अहमदाबाद के इंटर्नल मेडिसिन विभाग के डॉ. वसीम सचोरा कहते हैं, “लोगोँ ने अभी गर्मी के आगमन की उम्मीद नहीं की थी। दिन और रात के तापमान में करीब 20 डिग्री का अंतर लोगोँ की सेहत के लिए अच्छा संकेत नहीं है। चूंकि दिन में गर्मी है ऐसे में लोग बिना गर्म कपडोँ के बाहर जाते हैं, लेकिन शाम को वापस आते समय ठंड बढ जाती है और ठंडी हवाएँ उन्हेँ कोल्ड और फ्लू की चपेट में लाने की वजह बन जाती हैं। माइक्रो‌-ऑर्गेनिजम के पनपने के लिए यह बेहतरीन समय होता है, और ऐसे में वायरल और बैक्टीरियल बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं। हमारी दिनचर्या में मच्छरोँ ने भी फिरसे प्रवेश कर लिया है। मई-जून में जब गर्मियाँ अपने चरम पर होंगी तब इनकी सक्रियता कम होगी। लेकिन मार्च के महीने में इतनी अधिक गर्मी का मतलब है कि लोगोँ की सेहत पर वेक्टर बोर्न बीमारियोँ जैसे कि डेंगू और चिकुनगुनिया का खतरा भी मंडरा रहा है।हाल के वर्षोँ में, हमने इन बीमारियोँ का राष्ट्रीय स्तर पर असर देखा है। ऐसे में पिछ्ले वर्ष की स्थिति दोबारा न हो इसके लिए वक्त पर बचाव के उपायोँ को गम्भीरता से लेना होगा।“

आमतौर पर मार्च के महीने में अहमदाबाद का तापमान 30 डिग्री तक पहुंचता है, मगर इस साल तापमान अभी से सामान्य से अधिक दर्ज हो रहा है। चूंकि मौसमी पूर्वानुमानोँ के अनुसार आने वाले दिनोँ में मौसम की स्थिति में कोई खास बदलाव नजर नहीं आ रहा है, सिर्फ कुछ बूंदाबांदी हो सकती है, ऐसे में मार्च के अंत तक यहाँ पारा 40°Cतक पहुंच सकता है।

गर्मी अधिक होने से वायरल फीवर और अन्य संक्रमण के मामले तेजी से बढ रहे हैं। डॉक्टरोँ के पास सामान्य की तुलना में अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।

“वायरल फीवर, फ्लू और अन्य संक्रमण के मामले पहले ही बढ चुके हैं, और बच्चोँ पर इसका सबसे अधिक असर हो सकता है। बच्चे खुले में अन्य बच्चोँ के साथ खेलते हैं, ऐसे में उन्हेँ कई तरह के पैथोजीन की चपेट में आने की आशंका रहती है, वे अपने साथ बीमारियोँ को घर लेकर आते हैं और अपने भाई-बहनोँ और परिवार के अन्य सदस्योँ को भी प्रभावित करते हैं। हाल के दिनोँ में हमने वायरल फीवर व अन्य संक्रमण के मरीजोँ की संख्या में काफी बढोत्तरी देखी है।ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि लोग बीमारियोँ से बचाव के उपायोँ को गम्भीरता से लेँ। इसके लिए बीमार लोगोँ के बेहद करीब न जाएँ, साफ-सफाई का ध्यान रखेँ, अपने बच्चोँ के क्रियाकलापोँ पर नजर रखेँ“ डॉ. वसीम।

गर्मियाँ आने के साथ एक अन्य समस्या जो सामने आती है, वह है लोगोँ का भरपूर पानी न पीना। सर्दियोँ में लोगोँ को पानी कम पीने की आदत हो जाती है, जो कि गर्मियोँ के शुरुआती दिनोँ तक जारी रहती है। जबकि इन दिनोँ भरपूर तरल पदार्थ लेकर शरीर में नमी बरकरार रखना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए जूस, परम्परागत नीम्बू पानी और सादा पानी भी ले सकते हैं।



 

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