लॉकडाउन के दौरान पुलिस का अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव क्रूर था

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हैदराबाद। तेलंगाना हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने हैदराबाद पुलिस से सवाल किया कि नैशनल लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने के सबसे ज्यादा मामले मुस्लिम समुदाय के लोगों के खिलाफ ही क्यों दर्ज किए गए हैं। क्या इसका मतलब यह है कि दूसरे समुदायों से किसी ने लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की पीठ ने लॉकडाउन के दौरान पुलिस ज्यादतियों के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। कोर्ट ने आगे कहा, अमेरिका में देखिए क्या हो रहा है? एक अफ्रीकी अमेरिकी को पुलिस ने मार दिया और अब पूरा देश जल रहा है। सुनवाई के दौरान पीठ ने यह माना कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस का अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव क्रूर था। सामाजिक कार्यकर्ता शीला सारा मैथ्यूज ने हाई कोर्ट में पिटीशन डाली है। उन्होंने कोर्ट को कई ऐसी घटनाओं के बारे में बताया, जिसमें पुलिस ने मुस्लिम युवकों के साथ बुरा बर्ताव किया। इससे उन्हें गंभीर चोटें भी आईं। शीला के वकील दीपक मिश्र ने जुनैद नाम के युवक का हवाला दिया, जिसे पुलिस की पिटाई के बाद 35 टांके लगे थे। उन्होंने बताया कि जुनैद प्रवासी मजदूरों को खाना पहुंचाने का काम कर रहा था। तभी किसी पुलिस कॉन्स्टेबल ने उसे रोका और पिटाई की। PLC.

 

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