लालू ने किया ‘डैमेज कंट्रोल’, वापिस लौटा लाए बागी हुए 9 विधायक

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images (10)आई एन वी सी,
पटना,
जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैँ वैसे वैसे लगता है सियासी उठापटक भी तेज़ होती जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की  राजनीति मेँ आया तूफान तो जैसे थम ही नहीं रहा है। राजद विधायकों की बगावत थामने के बाद पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अब आक्रामक रुख अपना लिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद नेता रघुवंश प्रसाद ने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि देख लेते हैं कि किसकी नसों में खून है औऱ किसकी नसों में पानी है। रघुवंश के इस जुमले ने लालू यादव में जोश भर दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लालू यादव रिक्शे में बैठक गर्वनर से मिलने राजभवन गए।
लालू प्रसाद यादवने बगावत कर पार्टी में लौटे 9 विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की। करीब एक घंटे मुलाकात के दौरान लालू ने राज्यपाल को सारी स्थिति से अवगत कराया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने विधानसभा अध्यक्ष पर भी जमकर हमला किया। लालू ने कहा कि स्पीकर नीतीश के दबाव में काम कर रहे हैं। लालू ने उन पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया। लालू  ने विधान सभा अध्यक्ष से सवाल किया कि उन्होंने कैसे राजद विधायकों को कैसे पूर्व सदस्य कह दिया?
ग़ौर तलब है कि पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ स्पीकर के घर के बाहर प्रदर्शन और नारेबाज़ी करने के बाद लालू विधानसभा परिसर पहुंचे। पहले सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें रोका लेकिन हंगामा बढ़ता देख उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति दे दी। लालू यादव ने विधान सभा अध्यक्ष को अपने विधायकों की सूची सौंपी। उन्होंने विधान सभा अध्यक्ष की ओर से जारी की गई उस अधिसूचना पर सवाल उठाया जिसमें बागी विधायकों को सदन में अलग गुट के तौर पर मान्यता दी गई।
इससे पहले लालू ने बागी विधायकों के साथ बैठक भी की, जिसमें 13 में से 9 विधायक ही पहुंचे। इसके बाद, लालू यादव पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा अध्यक्ष के घर के बाहर जमा हुए। लालू ने नीतीश पर लोकतंत्र की हत्या करने के प्रयास का आरोप लगाया।
बैठक से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव मंगलवार को भड़क गए। वह जब घर से बाहर निकले तो उनका सामना विधान परिषद का टिकट मांगने वाले नेताओं से हो गया। ये नेता नारेबाज़ी कर रहे थे। इन्‍हें लालू यादव ने जम कर लताड़ा और खदेड़ दिया।
वैसे यहाँ यह भी बता देँ कि पार्टी में टूट की खबर मिलने के बाद लालू यादव मंगलवार सुबह ही दिल्‍ली से पटना पहुंचे थे। पटना पहुंचते ही उन्‍होंने नीतीश कुमार और विधानसभा अध्‍यक्ष पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा, ‘नीतीश डायवोर्स के बाद से पागल हो गया है। प्रलोभन देकर विधायकों को तोड़ रहा है। और स्‍पीकर के लिए पता नहीं क्‍या कहा जाए। 13 विधायकों का अलग ग्रुप बना दिया। वह कैसे बना सकता है? यह बहुत बड़ा षडयंत्र है।’  उन्‍होंने नीतीश को ‘स्‍कैंडल का मास्‍टर’ बताया।
विधानसभा अध्‍यक्ष उदय नारायण चौधरी पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए लालू ने कहा, ‘वह कभी मेरी कैबिनेट में मंत्री हुआ करता था और अब मेरी ही पार्टी तोड़ने में लगा है।’

लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर राजद को तोड़ने की साज़िश रचने का आरोप लगाया। लालू यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उन्होंने आरजेडी को तोड़ने की साज़िश रची थी। लेकिन इसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि इस साज़िश में विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी भी शामिल थे। लालू ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष चौधरी की कार्रवाई गैर कानूनी है। इससे नीतीश कुमार का सारा भांडा फूट गया है।

आम चुनाव से पहले लालू यादव के लिए ये बड़ा झटका है। असल में आरजेडी के 13 विधायकों के दस्तखत की चिट्ठी विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंची। इसमें अनुरोध किया गया था कि उन्हें अलग गुट की मान्यता दी जाए। हालांकि बागी कहे जा रहे 6 विधायकों ने बाद में मीडिया के सामने ये दावा किया कि उनके दस्तखत फर्जी हैं।

कांग्रेस के साथ गठबंधन करके नीतीश कुमार को झटका देने में जुटे आरजेडी मुखिया लालू यादव को खुद झटका लग गया। सोमवार को हुए एक हाईवोल्टेज ड्रामे के तहत 22 विधायकों वाली आरजेडी के 13 विधायकों के दस्तखत वाली एक चिट्ठी विधानसभाध्यक्ष को सौंपी गई। इस चिट्ठी में अलग गुट की मान्यता देते हुए विधानसभा में बैठने की अलग व्यवस्था करने की मांग की गई। विधानसभाध्यक्ष ने आनन-फानन में ये मांग मंज़ूर कर ली। बागी विधायकों ने जेडीयू का झंडा बुलंद करने का इरादा जताया है।

आरजेडी के बागी विधायक सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश को छोड़ बिहार में सेकुलरिज्म का झंडा बुलंद करने वाला अब कोई नहीं है। इसलिए हम जनता दल यूनाइटेड में विलय चाहते हैं। लालू से हम इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि जिस व्यक्ति ने अध्यादेश फड़वाकर(राहुल गांधी) लालू जी को जेल भेजने का काम किया था, लालू जी उसी की गोद में बैठ गए हैं। बिहार में आरजेडी अब सिर्फ कांग्रेस की बी टीम बनकर रह गई है।

आरजेडी के बागी विधायक जावेद इकबाल ने कहा कि हमने विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी और हमारी मांग मान ली गई है। जिस व्यक्ति ने लालू जी को जेल भिजवाया, लालू जेल से छूटने के बाद हमसे या बिहार की जनता से बात करने के बजाय उसी व्यक्ति से हाथ मिलाने दिल्ली पहुंच गए। लालू जी अब नाकाम हो गए हैं। ये अब वो लालू नहीं हैं जिन्हें पूरे देश का मुसलमान आशा की नज़र से देखता था।

राजनीतिक गलियारों में इसे नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक माना गया। लालू यादव इस तरह हैरान थे कि उनसे जवाब देते नहीं बना। लेकिन जल्द ही वे होश में आए और डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू हुई। आरजेडी की ओर से एक प्रेस कांफ्रेंस की गई जिसमें बागियों की लिस्ट में शामिल कुछ विधायकों ने दावा किया कि उनके साथ साज़िश की गई है।

उधर, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि ये तोड़फोड़ नीतीश कुमार के इशारे पर हुई है। लेकिन जेडीयू ने इससे इंकार करते हुए दावा किया है कि ये लालू के कांग्रेस प्रेम का नतीजा है। बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि नीतीश कुमार जोड़तोड़ की राजनीति कर रहे हैं लेकिन बिहार की जनता उनके साथ नहीं हैं। वे सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।

वहीं जेडीयू नेता के सी त्यागी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत बनेगा, या तबाही होगी। बीच का कोई रास्ता नहीं है। विद्रोह हो चुका है और जेडीयू ही नरेंद्र मोदी विरोधी राजनीति की धुरी बन चुका है।

बहरहाल, आरजेडी विधायकों की बगावत ने बिहार की राजनीति में तूफान ला दिया है। यूं तो पार्टी तोड़ने के लिए दो तिहाई विधायकों की ज़रूरत होती है, लेकिन बागियों का दावा है कि अलग गुट की मान्यता के लिए एक तिहाई से ही काम चल जाएगा।

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