राहुल की किसान संदेश यात्रा लाचारी या चमत्कारी

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**नरेन्द्र सिंह राणा,

हमारा भारत कृषि प्रधान देश है। किसान भारत की आत्मा है। मेरे देश की
धरती सोना उगलती है। जमीन और किसान का मांॅं-बेेेटे जैसा संबंध होता है।
किसान समस्याओं से घिरा है, सरकारी उत्पीड़न का शिकार हो रहा है। उसकी
जमीन को जबरन छीना जा रहा है। मना करने पर उसको जेल में डाला जा रहा है।
भारत की आत्मा को गोली मारी जा रही है। उनके साथ देने वालों को भी अपराधी
घोषित किया जा रहा है। उनकी महिलाओं के साथ दुर्व्यहार किया जा रहा है।
किसान हताश है, निराश है लेकिन सरकार और बिल्डर के अन्याय के विरूद्ध
एकजुट है। उनकी इसी एकजुटता के कारण मौके की नजाकत को भांपतेे हुए
राजनैतिक दल उनके बीच जा रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस पार्टी के
राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने किसानों का दर्द जानने, उनकी समस्याओं
से रूबरू होने, उनसे हमदर्दी जताने और अपनी राजनीति चमकाने आदि को
केन्द्र में रखकर चार दिनों तक पश्चिम उ0प्र0 के जनपदों में किसान संदेश
यात्रा की। आमजन की भाषा में इस यात्रा को कांग्रेस ने शुद्ध रूप से अपना
राजनैतिक वजूद बचाने के लिए किया है। पूर्णिमा के चन्द्रमा की तरह पूर्ण
रूप से इसका उद्देश्य भी स्पष्ट है। यात्रा के चार दिनों तक कांग्रेसियों
की बॉंछे खिली रही पुनः कुछ मुरझाने सी लगी हैं। मीडिया जगत को भी इस
दौरान भारी भरकम पैकेेज विज्ञापन के रूप में समाचार दिखाने के लिए मिला
होगा। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक
कांग्रेसी नेता, मंत्री जो अभी तक राहुल गांधी को भारत के प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह से ताकतवर व बड़े कद का बताते रहे वह अब चापलूसी की दुनिया
में अपना नाम रोशन करने के लिए राहुल गांधी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
के समान बताने लगे। वे शायद भूल गए कि बैरिस्टर गांधी ने कोट पैन्ट
उतारकर अपने शरीर पर एक धोती मात्र लपेटी और महल व उसके ऐशोआराम को छोड़कर
झोपड़ी में अपना बसेरा बनाया। उन्होंने इन्द्रियों को वश में करने की इसी
ताकत के बल पर अंग्रेजों की हुकूमत को अहिंसावादी रास्ते से नाकों चने
चबवाते हुए देश से चलता किया। जिस राहुल गांधी के नाम के पीछे जो गांधी
लिखा है वह भी महात्मा गांधी ने ही नेहरू खानदान को दिया था। वरना आज
राहुल के नाम के पीछे क्या लिखा होता उसका भगवान ही मालिक है। इस संदेश
यात्रा पर कुछ बड़बोलो की चुप्पी जरूर आश्चर्यचकित करती है। उसके पीछे कोई
बड़ी योजना या कठोर संदेश जरूर छिपा होगा। वैसे इस यात्रा में राहुल गांधी
ने पूरे आयोजन में किसी स्थापित केन्द्रीय व राज्य स्तरीय नेता को परदे
के पीछे भी भागीदारी नहीं करने दी। संभवतः यह रणनीति राज्य में जंग खाई
टीम के तेवरों और रवैयों को देखते हुए बनाई गई। टीम राहुल में इस दफा
किसी को अपने परछाई तक नहीं बनने दिया। उनके चक्कर में दो लोगों को
हवालात की हवा जरूर खानी पड़ी। एक को हाथ मिलाने की कोशिश में तो दूसरे को
मीडिया में इण्टरब्यू देने के चक्कर में। पहले शख्स पेशे से डाक्टर हैं
और दूसरे किसान नेता हैं। डाक्टर हरि किशन शर्मा पुत्र बनवारी लाल शर्मा
अपने घर से आ रहे थे। साथ में धर्मपत्नी भी थी, रास्ते में राहुल दिखे तो
वह अपनी गाड़ी रोककर उनसे हाथ मिलाने चल दिए। उनका कसूर यह था कि वे
लाइसेन्सी रिवाल्वर लगाए थे। अगर गैर लाइसैन्सी रखे होते तो पुलिस उनको
पहचानती होती और उनको जाने देती लेकिन लाइसेन्सी रिवाल्वर लगाना उनको
महंगा पड़ा। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ
पत्नी ने खाट खड़ी की होगी वह अलग से। शर्मा जी जमानत कराकर बाहर आए। अब
शायद दोबारा राहुल गांधी को गलियों में घूमने वाला साधारण नेता नहीं
जानने की भारी भूल कभी नहीं करेंगे। भारत के प्रधानमंत्री नियुक्त करने
वाली सोनिया गांधी का बेटा समझकर दूर ही रहेंगे क्योंकि राजनीतिज्ञों के
हाथी के दॉंत होते हैं जो दिखने में कुछ और खाने में कुछ और होते है।
दूसरे किसान नेता मनबीर सिंह तिवतिया जी भट्टा पारसौल में हुई घटना के
बाद से पुलिस से बचे हुए थे अब राहुल गांधी के चक्कर में फंस गए हैं।
छपास के महारोग जैसी लाइलाज बीमारी के शिकार भी हो गए किसान नेता तिवतिया
जी। राहुल उनके लिए राहु साबित हुए। वह जेल में पड़े हैं। प्रदेश कांग्रेस
अध्यक्ष को लगा कहीं उनकी पार्टी पर किसान संदेश यात्रा के दौरान किसान
नेता को पकड़वाने का कोई आरोप न लगा दे। अतः उन्होंने बिना विलम्ब किए
तिवतिया की गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार दे दिया। कई रोज से अखबारों में
छपने का अवसर भी नहीं मिल पा रहा था। उन्हें अच्छा मौका हाथ लगा और
उन्होंने उसका पूरा लाभ उठाया। राहुल ने कहा उ0प्र0 में दलालों की सरकार
है, यह किसानों की जमीन छिनने में दलाली कर रहे हैं। जमीन की पूरी कीमत न
मिलने का जो विरोध करता है उसे गोली से उड़ाया जाता है। कृपालपुर
गॉंववासियों ने किसी भी कीमत पर जमीन न देने की बात कही है लेकिन जे0पी0
वाले जिन पर माया सरकार विशेष रूप से मेहरबान है, जबरन जमीन पर काम करवा
रहे हैं। गांव कंसेरा की सरोज देवी अपनी व्यथा सुनाते हुए रो पड़ी। उसकी
जुबानी माया सरकार के जुल्म की कहानी कह रही थी, जमीन नहीं दी तो बेटे के
पासपोर्ट में अड़गा लगा दिया है। उसके बेटे को विदेश में नौकरी के मौके
मिल रहे हैं इस स्थिति में वह क्या करे ? उत्पीड़न की शिकार एक महिला ने
प्रदेश की महिला मुख्यमंत्री को उनके राज की सच्चाई का जो आइना दिखाया
है। वह उनके कुशासन के भ्रष्टाचार, दलालों से साठ-गांठ व सरकारी आतंक को
दर्शाने के लिए काफी है। सत्ता के नशे में मदहोश देश की एकता व अखंडता को
निजी स्वार्थो के लिए ताक पर रखने वाली पार्टियों ने एक दूसरे को झूठा
करार दिया। बसपा ने कहा उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कांग्रेस को चोर और
अपने को कोतवाल कहा इससे भारतीय जनता पार्टी की जो दोनों दलों के बारे
में धारणा है वह सही साबित हो गई। भाजपा ने कांग्रेस, सपा व बसपा के मूल
में भ्रष्टाचार भरा बताया है। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री पूर्व सांसद
किरीट सोमैया ने प्रेसवार्ता कर मायावती सरकार पर 2 लाख 54 हजार करोड़ की
जनता के धन की लूट के आरोप लगाते हुए प्रमाण सहित एक पुस्तक जारी की है।
जनपद नोयडा मात्र में डा0 सोमैया के अनुसार अब तक 40 हजार करोड़ के जमीन
घोटाले का प्रमाणित दस्तावेज प्रेस को जारी किया। प्रदेश अध्यक्ष सूर्य
प्रताप शाही के नेतृत्व में इसीप्रकार चीनी मिलों के हजारों करोड़ के
घोटाले को भी जनता की अदालत में रखा है। भाजपा महामहिम राज्यपाल उ0प्र0
को घोटालों से अवगत करा चुकी है और उनसे सरकार के विरूद्ध कठोर कार्रवाई
की मांग की है। निकट भविष्य में पार्टी महामहिम राष्ट्रपति तथा माननीय
न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगी। कांग्रेस को यू0पी0 में औधें मुंह गिरे
दो दशक से ज्यादा हो गया बेशक पिछले लोकसभा चुनाव में उनको विपक्षी दलों
की खामियों के कारण कुछ सफलता मिली थी जो उसके बाद हुए उपचुनाव में
केन्द्रीय मंत्रियों के परिजन व पसन्दीदा उम्मीदवारों की करारी हार के
कारण चारों खाने चित हो गई। बढ़ती कमरतोड़ महंगाई, भ्रष्टाचार, पेट्रोल व
डीजल के दाम, किसानों के खाद के दाम, उनकी फसल का उचित मूल्य न मिलना आदि
सवाल यक्ष प्रश्न की तरह केन्द्र सरकार के समक्ष मौजूद हैं। किसान बचेगा
तो देश बचेगा। युवराज की यह यात्रा कांग्रेसी लाचारी को चमत्कार में बदल
पाएगी यह समय बताएगा।

*Disclaimer: The views expressed by the author in this feature are entirely his own and do not necessarily reflect the views of INVC

**लेखक- उ0प्र0 भाजपा के मीडिया प्रभारी हैं।    लखनऊ, मो0 9415013300

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