राज्यपाल ने किया 09 दिवसीय पुस्तक मेले का उद्घाटन

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040आई एन वी सी न्यूज़
देहरादून,
उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्णकांत पाल ने परेड ग्राउण्ड में नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा आयोजित नौ दिवसीय पुस्तक मेले का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उपस्थित रचनाधर्मी, काशकों तथा पाठ्को को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह मेला पाठ्को में पुस्तक के प्रति रूचि बढाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होनें कहा कि सन 1957 में स्थापित नेशनल बुक ट्रस्ट ने पाठ्को तक सस्ती, अच्छी संदर्भ पुस्तकें पहँुचाने में अहम् भूमिका निभाई है। तथा आजादी के बाद स्वतंत्र भारत में छात्रों के ज्ञान की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा एन.बी.टी. की स्थापना की गई। राज्यपाल ने कहा कि आज प्रकाशन उद्योग को इंटरनेट की चुनौ ती उपक्रम से रूबरू होना पड़ रहा है। प्रकाशन उद्योग को सुदृढ़ होने के लिए सरकारी एजेंसियों से भी समन्वय करना चाहिए, ताकि छात्रों को पुस्तकों के प्रति रूचि को और बढ़ाया जा सके। उन्होनें आशा व्यक्त की मेले में उपलब्ध पुस्तकें पाठकों को आकृर्षित करने में सफल होगी । राज्यपाल ने कहा कि पुस्तकों के प्रति पाठकों की संख्या में वृद्धि के लिए हिन्दी तथा क्षेत्रीय भाषाओं की पुस्तकों का अंग्रेजी में अनुवाद करना आवश्यक है  जिससे लेखक के साथ-साथ प्रकाशन उद्योग को भी लाभ मिलेगा तथा रचना का लाभ अधिक से अधिक  पाठ्को को मिल सकेगा।

ज्यपाल ने हिन्दी की पुस्तकों के अंग्रेजी अनुवाद को आवश्यक बताते हुए अनेक रचनाधर्मियों यथा रविन्द्र नाथ टैगोर आदि का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी रचना अंग्रेजी के अनुवाद के कारण विश्व प्रसिद्ध हुई। उन्होनें अनेक अंग्रेजी लेखको के भी उदाहरण प्रस्तुत किए। राज्यपाल ने बताया कि ग्रामीण परिवेश पर भारतीय लेखक मुंशी प्रेम चन्द्र की सन् 1936 में लिखी गोदान कृति भारत में काफी प्रसिद्ध रही किन्तु सम्भवतः उसका अनुवाद अंग्रेजी में न होने के कारण वेे नोबेल प्राइज से वंचित रह गये। उन्होंने कहा कि सस्ती, अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराना एन.बी.टी. का उद्देश्य है। उन्होंने पाठको से अपील करी कि पुस्तक मेले से पुस्तक खरीद कर अपना ज्ञान बढाने के साथ-साथ लेखकों का भी मनोबल बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होने इन्टरनेट के ज्ञान के साथ-साथ पुस्तकों के ज्ञान को भी बहुत महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम में राज्यपाल के परिसहाय राजीव स्वरूप एवं लेखक लीलाधर जगुडी, नेशनल बुक ट्रस्ट की निदेशक श्रीमती रीता चैधरी उपस्थित थी।

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