राजभाषा विभाग की सफलता की कहानी

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पूनम जुनेजा संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय{ पूनम जुनेजा* } राजभाषा संबंधी सांविधानिक और कानूनी उपबंधों का अनुपालन सुनिश्चित करने तथा संघ के सरकारी काम-काज में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए गृह मंत्रालय के एक स्वतंत्र विभाग के रूप में जून, 1975 में स्थापित राजभाषा विभाग विभिन्न उपायों द्वारा सरकारी कामकाज में हिन्दी का प्रगामी प्रयोग बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है| केंद्रीय सरकार के कार्यालयों में कार्यरत हिन्दी का ज्ञान नहीं रखने वाले कार्मिकों को हिन्दी भाषा, हिन्दी टंकण एवं हिन्दी आशुलिपि का प्रशिक्षण, केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों/विभागों, संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों, उपक्रम/निगम/ स्वायत्त निकायों आदि में सरकारी कामकाज में राजभाषा हिन्दी के प्रगामी प्रयोग की समीक्षा एवं समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करने जैसे नियमित कार्यों के अलावा राजभाषा विभाग द्वारा समय-समय पर नए कार्यक्रम जारी किए जाते रहे हैं| राजभाषा द्वारा शुरू किए गए कुछ कार्यक्रम अत्यंत सफल रहे हैं|

हिन्दी टंकण में एकरूपता लाने के लिए राजभाषा विभाग द्वारा सभी कार्यालयों में यूनिकोड लागू करने का सफल प्रयास किया गया है| आज का समय सूचना प्रोद्योगिकी का समय है| कंप्यूटर की इसमें अहम भूमिका है| आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए राजभाषा विभाग द्वारा सभी कंप्यूटरों पर यूनिकोड की सुविधा को अनिवार्य बनाया गया है| इससे अलग-अलग फॉन्ट की फाइलें किसी भी ऑफिस में यूनिकोड की सहायता से खुल सकती हैं तथा यूनिकोड की सुविधा रखने वाले सभी कार्यालयों में एक ही फॉन्ट पर हिन्दी में कार्य करना आसान हुआ है| आज लगभग समस्त कार्यालयों में कंप्यूटरों पर यूनिकोड की सुविधा है|

हिन्दी में लिखना-पढ़ना नहीं जानने वाले कार्मिकों को हिन्दी भाषा का प्रशिक्षण राजभाषा विभाग के अधीनस्थ केंद्रीय हिन्दी प्रशिक्षण संस्थान के देशभर में स्थापित 117 केंद्रों पर कक्षाओं तथा पत्राचार के द्वारा दिया जाता है| प्राय: हिन्दी अथवा हिन्दी-अंग्रेजी मिश्रित माध्यम से दिया जाता है| किन्तु इस तथ्य को ध्यान में रखकर कि किसी भी व्यक्ति के लिए कोई भी प्रशिक्षण अपनी मातृभाषा अथवा शिक्षा की भाषा में दिया जाना अधिक सफल होता है, हिंदी नहीं जानने वाले लोगों को ऑनलाइन हिन्दी भाषा का प्रशिक्षण देने के लिए ‘लीला’ नामक एक सॉफ्टवेयर विकसित कराया गया है| ‘लीला’ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी सहायता से

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भारतीय संविधान की आठवीं सूची में शामिल देश की 15 प्रमुख भाषाओं के माध्यम से हिन्दी भाषा का ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है| देश-विदेश में अनेक लोग इस सॉफ्टवेयर की सहायता से हिन्दी भाषा सीख रहे हैं| इसके अलावा जो लोग प्रशिक्षण केंद्रों पर जाकर परीक्षा देने में असमर्थ हैं उनके लिए ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था भी की गई है| दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और चेन्नै शहरों मे ऑनलाइन परीक्षा की सुविधा है|

यह सॉफ्टवेयर निशुल्क उपलब्ध है तथा राजभाषा विभाग की वेबसाइटwww.rajbhasha.nic.in अथवा www.rajbhasha.gov.in से डाउनलोड करके इनका उपयोग किया जा सकता है|

इनके अलावा हिन्दी में कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए कंप्यूटर पर हिन्दी में कार्य करने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है| प्रति वर्ष 100 कार्यक्रम देश भर में विभिन्न केंद्रों पर चलाए जाते हैं| यह कार्यक्रम कार्यालयों में अत्यंत लोकप्रिय है|

ऑनलाइन सुविधाओं का विस्तार करते हुए राजभाषा विभाग द्वारा एक अन्य एम॰ आई॰ एस॰ सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है, जिसके द्वारा केंद्रीय सरकार के सभी मंत्रालयों/ विभागों/ उपक्रमों/बैंकों आदि से हिन्दी कार्यान्वयन के संबंध में तिमाही प्रगति रिपोर्ट और वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट ऑनलाइन मँगवाई जाती है| प्राप्त रिपोर्टों की राजभाषा विभाग द्वारा ऑनलाइन समीक्षा की जाती है|

कामकाज में हिन्दी के प्रयोग को सरल बनाने के लिए राजभाषा विभाग ने अपने अधीनस्थ केंद्रीय ब्यूरो के माध्यम से प्रशासनिक शब्दों के सरलीकरण का कार्य किया है| अंग्रेजी के पाँच हजार शब्दों के सरल हिन्दी पर्याय तैयार किए गए हैं|

राजभाषा विभाग द्वारा एक त्रैमासिक पत्रिका ‘राजभाषा भारती’ का प्रकाशन किया जाता है, जिसमें विभिन्न कार्यालयों की राजभाषा संबंधी गतिविधियों की जानकारी के साथ-साथ विविध विषयों पर हिन्दी में लेख प्रकाशित किए जाते हैं| हिन्दी में मौलिक लेखन को बढ़ावा देने के लिए ‘इंदिरा गांधी मौलिक हिन्दी पुस्तक लेखन पुरस्कार योजना’ तथा हिन्दी में वैज्ञानिक एवं तकनीकी विषयों पर लेखन को बढ़ावा देने के लिए ‘राजीव गांधी ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक

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लेखन पुरस्कार योजना’ के अलावा विभिन्न कार्यालयों/संस्थानों द्वारा प्रकाशित ‘गृह पत्रिकाओं के लिए पुरस्कार योजना’ तथा हिन्दी में मौलिक रूप से लिखित लेखों के लेखकों के लिए पुरस्कार योजना नामक विभिन्न योजनाएं राजभाषा विभाग द्वारा चलाई जाती हैं| इसके अलावा, हिन्दी में सर्वाधिक कामकाज करने वाले मंत्रालयों/विभागों/उपक्रमों/बैंकों आदि को राजभाषा शील्ड प्रदान कर प्रोत्साहित किया जाता है|

राजभाषा विभाग को फेसबुक से भी जोड़ा गया है, जहाँ राजभाषा विभाग की योजनाओं और कार्यकलापों के बारे में लोगों द्वारा मांगी गई जानकारी और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया जाता है| इसके अलावा राजभाषा विभाग के कार्यकलापों को पारदर्शी बनाने के लिए विभाग के कार्यक्रमों के बारे में विभाग की वेबसाइट पर जन-सामान्य से ‘फीडबैक’ प्राप्त करने की शुरुआत की जा रही है|

ये प्रयास यह दर्शाते हैं कि राजभाषा विभाग केंद्रीय सरकार के कार्यालयों में कामकाज में हिन्दी को बढ़ावा देने के प्रति पूरी तरह सजग, सक्रिय और संवेदनशील है| तथा प्रेरणा, प्रोत्साहन और सहजता की नीति का पालन कराते हुए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की ओर निरंतर अग्रसर है|

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लेखिका का परिचय 

*पूनम जुनेजा संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय

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