यूपी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है : रॉबर्ट वाड्रा

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प्रियंका गांधी इस बार के चुनाव में पूरे सियासी आंदाज में धिखी और अब उनके पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा की भी मंशा राजनीत् में आने की है। रॉबर्ट वाड्रा ने लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। वाड्रा ने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाड्रा ने कहा, “हर कोई मुझसे संसद में एंट्री के लिए मुरादाबाद या यूपी के किसी अन्य शहर को चुनने की उम्मीद कर रहा है।”
वाड्रा ने कहा कि जैसा कि लोगों को मुझसे बहुत उम्मीदें हैं, मैं देखूंगा कि मैं 2024 के आम चुनाव में भाग ले सकता हूं या नहीं। मैं हर दिन लोगों की सेवा में लगा हूं। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति में बदलाव लाने को लेकर भरोसा है और वह लोगों के जीवन को बेहतर बनाना चाहते हैं। वाड्रा ने कहा, “चुनाव हो या न हो… मैं देश भर के मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों या यहां तक कि गुरुद्वारों में जाता हूं। जब मैं इतने लंबे समय तक कड़ी मेहनत कर रहा हूं, तो मुझे लगता है कि मैं राजनीति में फर्क ला पाऊंगा। जब प्रियंका घर आती हैं, तो हम राजनीति की बात करते हैं। हम चर्चा करते हैं कि गांवों में लोगों की पीड़ा को कैसे कम किया जाए।”

रॉबर्ट वाड्रा पहले भी राजनीतिक कदम उठाने के संकेत दे चुके हैं। वाड्रा ने बार-बार कहा है कि वह लोगों की सेवा करने में एक बड़ी भूमिका चाहते हैं। मालूम हो कि मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन हड़पने के मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल के दिनों में उनसे कई बार पूछताछ की है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, वाड्रा ने कहा, “राहुल गांधी और प्रियंका गांधी कभी भी किसी पद के बारे में नहीं सोचते हैं। राजनीति उनके खून में है। वे हर जगह लोगों के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे। लोग उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, लेकिन यह उनका निर्णय होगा कि वह केवल यूपी तक ही सीमित रहना चाहेंगी, या राष्ट्रीय स्तर पर जाएंगी, क्योंकि वह एक राष्ट्रीय नेता हैं।” कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद ने कहा कि प्रियंका उन किसानों के लिए खड़ी रहीं, जो लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए थे। उन्होंने कहा, “प्रियंका बहुत लंबे समय से उत्तर प्रदेश में लोगों के बीच में हैं। वह किसानों के लिए भी खड़ी थीं, जो लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए थे। जब वह पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिलने पहुंची, तो उन्हें रोक दिया गया। यूपी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। उन्होंने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान शुरू किया, जिसे काफी समर्थन मिला है।” PLC

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