युवा हमारे विद्ववानों, साहित्यकारों के ज्ञान एवं जीवन-चरित्र से प्रेरणा मिलती है : डा. इन्दिरा हृदयेश

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आई एन वी सी,देहरादून,मंत्री डा0 इन्दिरा हृदयेश,उत्तराखण्ड भाषा संस्थान”एवं डा0 पीताम्बर दत्त बर्डथ्वाल हिन्दी अकादमी, डा0 पीताम्बर दत्त बढथ्वाल अकादमी द्वारा श्री गोबिन्द बल्लभ पंत की ग्रन्थावली,केदार-मानस त्रैमासिक शोध पत्रिकाओं ,कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति डा.एसएस धामी, कुलपति, सचिव भाषा सीएस नपल्चयाल, अपर सचिव भाषा विनोद शर्मा, साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, सचिव संस्कृत अकादमी सतीश बहुगुणा, अपर निदेशक कोषागार अरूणेन्द्र सिंह चैहान, मंगलेश डबराल, विभागाध्यक्ष गढ़वाल विश्वविद्यालय आई एन वी सी,
देहरादून,
उत्तरखण्ड के सांस्कृतिक विरासत एवं समृद्व इतिहास से सम्बन्धित शोधों का प्रकाशन किया जाय, ताकि युवा हमारे विद्ववानों, साहित्यकारों के ज्ञान एवं जीवन-चरित्र से प्रेरणा ले सकें।”

यह बात भाषा मंत्री डा0 इन्दिरा हृदयेश ने सचिवालय सभागार में “उत्तराखण्ड भाषा संस्थान”एवं डा0 पीताम्बर दत्त बर्डथ्वाल हिन्दी अकादमी की प्रस्तावित वर्ष 2014-15 की कार्ययोजना के अनुमोदन हेतु आयोजित प्रबन्ध कार्यकारिणी एवं साधारण सभा की बैठक में कही उन्होंने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के लिए वर्ष 2014-15 में प्रस्तावित योजनाओं को पूरा करने के लिए एक करोड़ नौ लाख सोलह हजार (1,09,16000/-) तथा डा0 पीताम्बर दत्त बढ़थवाल हिन्दी अकादमी उत्तराखण्ड के लिए प्रस्तावित बजट एक करोड़ तेरह लाख (1,13,00,000/-) की स्वीकृति देते हुए, सचिव भाषा को निर्देश दिये, कि संस्थान/अकादमी के नामित विद्ववान सदस्यों के बहुमूल्य विचारों को शामिल करते हुए योजना प्रस्तावित करे ताकि उनके अनुभवों का लाभ पात्रों तक पहुंचे।

डा. इन्दिरा हृदयेश ने कहा, कि प्रदेश के विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाय ताकि ऐसे कार्यक्रमों से प्रेरित होकर अन्य कोे प्रेरणा मिले। उन्होंने सचिव भाषा को निर्देंश दिये, कि उत्कृष्ठ पुस्तकों का अनुदान दिया जाय व अति उत्कृष्ठ विषय सामग्री को भाषा संस्थान द्वारा प्रकाशित कराया जाय। सर्वसम्मति से बैठक में तय हुआ, कि  डा0 पीताम्बर दत्त बढथ्वाल अकादमी द्वारा श्री गोबिन्द बल्लभ पंत की ग्रन्थावली पर कार्य किया जाय।

इस अवसर पर डा. इन्दिरा हृदयेश ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा प्रकाशित ‘‘उद्गाता’’ तथा डा. पीताम्बर दत्त बढ़थवाल द्वारा प्रकाशित ‘‘केदार-मानस’’ त्रैमासिक शोध पत्रिकाओं का भी विमोचन किया।
बैठक में तय हुआ कि भाषा संस्थान द्वारा संचालित प्रो0 देवसिंह पोखरियाल के संयोजन में तैयार ‘‘चरित्र कोश’’ प्रो. बीसी काण्डपाल के संयोजन में तैयार भाषाओं का सर्वेक्षण एवं ‘‘स्थान नामों का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन’’ का सम्पादन के पश्चात प्रकाशन किया जाय, सम्पादन मण्डल में विद्ववान प्रो. शेरसिंह बिष्ट, साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी, पत्रकार मंगलेश डबराल, डा. गंगा प्रसाद विमल, ताराचन्द्र त्रिपाठी, डा0 बिजेन्द्र त्रिपाठी को नामित किया जाय। निदेशक मनमोहन जोशी से सम्पादन मण्डल को तीन प्रकाशनों की सोफ्ट काफी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।

भाषा संस्थान द्वारा संचालित कार्यशाला योजना का दायित्व गढ़वाल में गढ़वाल महासभा तथा कुमाऊं में कमांऊनी प्रसार समिति के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया तथा तय हुआ कि यदि कोई विद्यालय लोकभाषा विषयक आयोजन की पहल करता है, तो उसकी मदद की जाय। कार्यशाला में बच्चों द्वारा लोकभाषा में नाटक, लेखन, निबन्ध प्रतियोगिताएं का आयोजन कराने के लिये तेरह जनपदों को 5 लाख 98 हजार प्रस्ताव की सवीकृति दी गयी। अनुदान के लिए चयनित की जाने वाली पाण्डुलिपि के लिए कमेटी बनायी गई, जिसमें विद्ववान भगवती प्रसाद नौटियाल, प्रयाग दत्त जोशी, कैलाश चन्द्र लोहानी, लोकेश चन्द्र बहुगुणा को नामित किया गया है। अकादमी द्वारा संचालित वैज्ञानिक लेख-लेखन पुरस्कार, गैरसैंण में राष्ट्रीय स्तर का हिन्दी सम्मेलन, प्रतियोगिता का आयोजन, पुस्तकालय स्थापना एवं पुस्तक क्रय आदि प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई।

इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति डा.एसएस धामी, इन विश्वविद्यालय के कुलपति, सचिव भाषा सीएस नपल्चयाल, अपर सचिव भाषा विनोद शर्मा, साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, सचिव संस्कृत अकादमी सतीश बहुगुणा, अपर निदेशक कोषागार अरूणेन्द्र सिंह चैहान, मंगलेश डबराल, विभागाध्यक्ष गढ़वाल विश्वविद्यालय सहित अनेक गणमान्य लोक उपस्थित थे।

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