युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देने के लिये सरकार ने खेलों के विकास पर जोर देने का निश्चय किया है – भूपेन्द्र सिंह हुड्डा

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आई.एन.वी.सी,,
हरयाणा,,
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि लंदन ओलम्पक खेलों में हरियाणा के खिलाडि़यों ने भारत को मिले ६ पदकों में से 4 पदक जीते हैं और 2016 के ओलम्पक खेलों में हमने हरियाणा के खिलाडि़यों के लिये 12 पदक जीतने का लक्ष्य रखा है।
        मुख्यमंत्री ने आज नई दिल्ली में अपने निवास पर लंदन ओलम्पिक्स में भाग लेने वाले खिलाडि़यों का अभिनंदन करते हुये कहा कि ओलम्पिक खेलों में शानदार प्रदर्शन का वास्तविक श्रेय खिलाडि़यों की मेहनत को जाता है।
श्री हुड्डा से मिलने आये खिलाडि़यों में कुश्ती में रजत पदक विजेता सुशील कुमार, बैडमिंटन में कांस्य पदक विजेता सायना नेहवाल, निशानेबाजी में कांस्य पदक विजेता गगन नारंग और कुश्ती में कांस्य पदक विजेता योगेश्वर दत्त, एथलीट कृष्णा पूनिया, निशानेबाज अनुराज सिंह, जुडोका गरिमा, मुक्केबाज मनोज कुमार, सुमित सागवान और जयभगवान सहित लंदन ओलम्पिक्स में भाग लेने वाले हरियाणा के अन्य खिलाड़ी शामिल थे।
श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की आबादी देश की आबादी के लगभग 2 प्रतिशत के बराबर है, लेकिन हमें खुशी है कि भारत से लंदन ओलम्पिक्स के लिये गये ८१ खिलाडि़यों में 18 खिलाड़ी हरियाणा के थे, जोकि छोटी उपलब्धी नहीं है। श्री हुड्डा ने कहा कि 2004 के ओलम्पिक्स में हमारे खिलाड़ी कोई पदक नहीं जीत पाये थे, 2008 में 3 पदक जीते थे, 2012 में 4 पदक जीते और 2016 के लिये हमने 12 पदकों का लक्ष्य रखा है।
श्री हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून की तरह खेलों का अधिकार कानून बनाने पर विचार कर रही है। खेलों को लोकप्रिय बनाने के लिये प्रदेश में  खेल प्रतिभाओं के विकास पर जोर दिया जा रहा है। हमारी खेल नीति की 3 मुख्य बातें हैं- बुनियादी खेल सुविधाओं का विकास, खेल प्रतिभाओं की खोज और गहन प्रशिक्षण तथा प्रतिभाशाली खिलाडि़यों के लिये सुरक्षित भविष्य की गारंटी।
श्री हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में बहुत खेल प्रतिभायें हैं। युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देने के लिये सरकार ने खेलों के विकास पर जोर देने का निश्चय किया है। गांवों में लगभग 200 खेल स्टेडियम बनाये जा चुके हैं, जहां विभिन्न प्रकार के खेलों के लिये कोचिंग दी जायेगी।  राज्य में विभिन्न खेलों के लिये अलग-अलग अकादमियां बनाई जा रही हैं। बच्चों में खेलों के प्रति अभिरूचि की परख करने और उनकी शारीरिक क्षमता की जांच के लिये राज्य में स्पैट कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके पहले चरण में 40 हजार बच्चों ने और दूसरे चरण में लगभग 19 लाख बच्चों ने भाग लिया। हरियाणा सरकार की इनमें से 5 हजार बच्चों को चुनकर उन्हें गहन प्रशिक्षण देने की योजना है। इसके अलावा सरकार द्वारा 8 से 14 वर्ष के बच्चों को 1500 रूपये की और 14 से 19 के बच्चों को 2000 रूपये प्रतिमास की छात्रवृति भी दी जा रही है।
श्री हुड्डा ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराना है, ताकि उनकी खेल क्षमता का पूरा विकास हो और वे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक पदक प्राप्त करके अपने प्रदेश और देश का सम्मान बढ़ा सकें।
श्री हुड्डा ने खिलाडि़यों से उनके खेल के बारे में चर्चा करते हुये अगले खेलों की तैयारी में अभी से जुट जाने के लिये कहा। पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुये श्री हुड्डा ने कहा कि सभी राज्यों को अपने प्रदेशों में खेल को बढ़ावा देने के लिये प्रयास करने चाहिये क्योकि खिलाड़ी विकास एवं युवा शक्ति के प्रतीक होते हैं और उससे देश का सम्मान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाड़ी और भी ज्यादा पदक जीत सकते थे लेकिन मुक्केबाजी में हमारे खिलाडि़यों के साथ इन्साफ नहीं हुआ। भारतीय खिलाडि़यों को हराने को उन्होंने दिन दहाडे़ डाका डालने की संज्ञा दी।
इस अवसर पर रोहतक के सांसद श्री दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, हरियाणा के खेल मंत्री श्री सुखबीर कटारिया, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार प्रो0 वीरेन्द्र, मीडिया सलाहकार श्री शिव भाटिया, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा0 के.के. खंडेलवाल, सूचना एवं जन सम्पर्क के महानिदेशक श्री आनन्द मोहन शरण , पुलिस के महानिदेशक श्री रंजीव दलाल, हरियाणा ओलम्पिक संघ के सयुक्त सचिव सुरेन्द्र दांगी भी मौजूद थे।

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