यह गैर जि़म्मेदार जन शिकायत केंद्र…

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Nirmal Rani,3{ निर्मल रानी**}  हमारे देश में आवश्यक जन सेवाओं से संबंधित कई विभाग ऐसे हैं जिनसे संपर्क स्थापित करने के लिए अथवा किसी प्रकार की शिकायत दर्ज कराने हेतु स्थानीय स्तर पर जन शिकायत केंद्र अथवा पूछताछ कार्यालय स्थापित किए गए हैं। सरकार द्वारा इन पूछताछ केंद्रों अथवा शिकायत केंद्रों के $फोन नंबर भी सार्वजनिक किए जाते हैं ताकि अन्य लोग घर बैठे अपनी शिकायत संबंधित विभाग में दर्ज करा सकें अथवा अपनी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें। रेलवे, टेली$फोन विभाग,संचार विभाग,गैस एजेंसियां, विद्युत विभाग, बस स्टैंड,हवाई अड्डा, पुलिस कंट्रोल रूम आदि ऐसे ही कुछ विभाग हैं जिनके $फोन नंबर आम लोगों को प्राय: मालूम होते हैं और लोग समय-समय पर इन नंबरों का प्रयोग अपनी सुविधा हेतु करते रहते हैं तथा करना चाहते हैं। इनमें जहां तक रेलवे, दूरसंचार,हवाई अड्डों व बस अड्डों के पूछताछ केंद्र के $फोन नंबरों का प्रश्न है तो इन नंबरों पर ड्यूटी पर बैठा व्यक्ति कभी न कभी $फोन उठाकर आपके द्वारा मांगी गई जानकारी दे भी देता है तथा आपके द्वारा दर्ज कराई गई कोई शिकायत भी दर्ज कर लेता है। परंतु हरियाणा विद्युत निगम के शिकायत केंद्र अथवा गैस बुकिंग कराने वाले गैस एजेंसी के नंबर उठना तथा आपकी गैस बुक होना या बिजली संबंधित शिकायत दर्ज होना तो गोया किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं।
इसमें कोई शक नहीं कि बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ बिजली की आपूर्ति भी देश की सभी सरकारों के लिए एक चुनौती साबित होती जा रही है। ज़ाहिर है हरियाणा राज्य भी इसका अपवाद नहीं है। यह राज्य भी $खासतौर पर गर्मियों में बिजली के संकट का सामना करता है। अनुमानत:हरियाणा में विद्युत की दर भी देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है। सरकार ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा बिजली की आपूर्ति नियमित करने के लिए राज्य में कई नए बिजली घर भी बनवाए हैं। उधर हरियाणा विद्युत बोर्ड को हरियाणा विद्युत निगम का नाम दिया जा चुका है। विद्युत निगम का गठन किए जाने के बाद पहले की तुलना में बिजली का रख-रखाव य$कीनन कुछ बेहतर हुआ है। विद्युत आपूर्ति की निरंतरता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। परंतु अब भी इस विभाग में कुछ कमियां ऐसी हैं जोकि पूरे विभाग की कार्य शैली तथा उसकी लापरवाही को उजागर करती हैं। उदाहरण के तौर पर उत्तर हरियाणा विद्युत निगम के अंबाला शहर स्थित विद्युत संबंधी शिकायत केंद्र द्वारा विद्युत संबंधी किसी शिकायत को दर्ज कराने हेतु जो नंबर दिए गए हैं वह इस प्रकार हैं।-0171-2555127-28-29। इन नंबरों को लेकर नगर के लोग प्राय: इस बात की शिकायत करते रहते हैं कि इन नंबरों पर कोई व्यक्ति मौजूद नहीं रहता अथवा इन $फोन नंबर के रिसीवर $फोन सुनने वाले तथा शिकायत दर्ज करने वाले ड्यूटी पर तैनात लोग उठाकर नीचे रख देते हैं। कई बार जब मेरे घर अथवा मेरे मोहल्ले की बिजली भी $खराब हुई तो मैंने भी जब उक्त नंबरों को मिलाना चाहा तो बस बार-बार यही सुनने को मिला -डायल किया गया नंबर अभी व्यस्त है कृप्या थोड़ी देर बाद काल करें। जबकि यह $फोन नंबर अंबाला शहर में वितरित होने वाले बिजली के बिल पर कंप्यूटर द्वारा प्रिंट कर जनता को विशेष रूप से उनकी सुविधा हेतु बार-बार बताए जाते हैं।
मेरा भी यह व्यक्तिगत अनुभव रहा है कि मैंने जब-जब इन नंबरों पर $फोन कर विद्युत संबंधी शिकायत दर्ज करानी चाही तो इत्ते$फाक़ से 95 $फीसदी परिणाम यही रहा कि यह नंबर नहीं मिले। और अंतत: श्किायत केंद्र के भवन पर जाकर शिकायत दर्ज करानी पड़ी। गत् 6 जून को तो अंबाला विद्युत शिकयत केंद्र के उपरोक्त नंबरों पर बैठे कर्मचारियों ने हद ही कर दी। 6 जून को शाम के समय पंजाब से लेकर दिल्ली तक भीषण आंधी-तू$फान व बारिश का वातावरण बना। इस आंधी-तू$फान में कई जगह विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई। इत्ते$फा$क से मेरा क्षेत्र भी विद्युत आपूर्ति ठप्प होने वाले इला$के में था। 6 जून के शाम लगभग पांच बजे शुरु हुआ आंधी-तू$फान व बारिश का सिलसिला मात्र एक घंटे में अपनी विनाश लीला दिखा गया। कई जगह पेड़ गिरे, बिजली के तार टूटे, ख्ंाभे टेढ़-मेढ़े हो गये। तथा विज्ञापन बोर्ड आदि क्षतिग्रस्त हो गए। इस प्राकृतिक विनाशलीला के परिणामस्वरूप विद्युत आपूर्ति पूरे शहर में लगभग 6 जून को सायंकाल पांच बजे के बाद ही ठप्प हो गई। और कई घंटे तक पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा। शहर में छाए इस अंधेरे के बाद ही जनता ने इन नंबरों पर $फोन करना शुरु कर दिया। परंतु यह नंबर तो उठने का नाम ही नहीं ले रहे थे। चूंकि मेरा घर भी इसी प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत था। मैंने भी 6 जून को सायंकाल लगभग 6 बजे के बाद इन नंबरों पर शिकायत दर्ज कराने हेतु $फोन करना शुरु कर दिया। उधर धीरे-धीरे नगर के अधिकांश क्षेत्रों में विद्युत वितरण सेवा बहाल होती गई। परंतु दुर्भाग्यवश मेरा क्षेत्र अभी भी अंधेरे में डूबा हुआ था। हालांकि यह बात अविश्वसनीय सी अवश्य लगेगी परंतु वास्तविकता यही है कि शाम 6बजे से लेकर अगले दिन प्रात: लगभग 8 बजे तक इन तीनों नंबरों पर सैकड़ों बार $फोन मिलाने की व अपने क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति न होने की जानकारी देने की कोशिश की गई। परंतु शिकायत कक्ष में बैठे ‘होनहार’ कर्मचारियों ने $फोन उठाने तक की ज़हमत नहीं की।
आ$िखरकार 14 घंटे की लगातार मेहनत के बाद आठ बजे के बाद एक व्यक्ति ने $फोन उठा ही लिया। दबे स्वर में मैंने उससे अब तक $फोन न उठाने संबंधी अपनी आपत्ति भी व्यक्त की। इस पर वह महाशय केवल इतना ही बोले कि चलो-चलो कोई बात नहीं आप अपना पता व $फोन नंबर लिखवा दें। मैंने उन्हें अपना पता व $फोन नंबर लिखवाया। इसके बदले में उन्होंने मुझे सूचित किया कि आपका शिकायत नंबर 40 है। शिकायत दर्ज करने वाले ने यह भी बताया कि शीघ्र ही आपके क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। परंतु इस शिकायत के दर्ज कराने के बावजूद लगभग 4 घंटे तक कोई व्यक्ति विद्युत आपूर्ति बहाल करने के लिए नहीं आया। और आ$िखरकार मुझे अपने व्यक्तिगत विभागीय संबंधों का मजबूरीवश प्रयोग करते हुए क्षेत्रीय जेई से संपर्क स्थापित करना पड़ा और तब कहीं जाकर यह पता चला कि ट्रांस$फार्मर में आई गड़बड़ी के चलते यह आपूर्ति बाधित हुई है और इसे ठीक होने में अभी भी लगभग डेढ़ घंटे का समय और लगेगा। जेई की बात सुनकर कम से कम से कम आस तो जगी कि चलो कुछ समय बाद विद्युत आपूर्ति बहाल होने की संभावना है। हालांकि सात जून को शाम पांच बजे यानी आंधी-तू$फान आने के 24 घंंटों के बाद विद्युत आपूर्ति बहाल हो सकी।
उपभोक्ता का $फोन न लेने को लेकर लगभग यही हाल रसोई गैस की आपूर्ति करने वाली अधिकांश गैस एजेंसियों का भी है। गैस एजेंसियों में $फोन पर अपना कनेक्शन नंबर बता कर गैस की बुकिंग कराए जाने की सुविधा जनता को प्राप्त है। परंतु विद्युत शिकायत केंद्र पर सोए रहने वाले कर्मचारियों की तरह गैस बुकिंग का $फोन नंबर उठाने वाले कर्मचारी भी जल्दी $फोन उठाने का कष्ट नहीं करते। यदि आप बहुत सौभाग्यशाली हैं तो हो सकता है कोई कर्मचारी कभी ‘$गलती’ से आपका $फोन उठाकर आप की गैस बुक कर दे। अन्यथा गैस एजेंसियों तक जाना ही एकमात्र उपाय रह जाता है। और यह स्थिति बुज़ुर्गांे, महिलाओं तथा व्यस्त व्यक्तियों के लिए अत्यंत कष्टदायक होती है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जनसुविधाओं के समाधान हेतु सरकारी स्तर पर जनता को दी जाने वाली इन सुविधाओं का आम जनता को आ$िखर क्या लाभ है जबकि शिकायत लिखने वाले या गैस बुकिंग करने वाले अथवा किसी पूछताछ संबंधी जवाब देने वाले लोग ही निष्क्रिय हों, $गैर जि़म्मेदार हों तथा सरकार द्वारा जनता को उपलब्ध कराए जाने वाली इन सुविधाओं की अहमियत को ही न समझते हों। कहना $गलत नहीं होगा कि ऐसे $गैर जि़म्मेदार कर्मचारी ही पूरे विभाग अथवा संस्थान की बदनामी का कारण भी बनते हैं। हरियाणा विद्युत निगम के लिए तो विशेष रूप से मेरा यह सुझाव है कि विद्युत संबंधी शिकायत केंद्र को कंप्यूटरीकृत कर दिया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त विद्युत आपूर्ति के सुचारू संचालन के लिए विद्युत वितरण, रख-रखाव एवं व्यवस्था का जि़म्मा निजी हाथों में सौंप दिया जाना चाहिए। ताकि चुस्त-दुरुस्त,सक्रिय, मुस्तैद  व जि़म्मेदार लोग जनता की विद्युत संबंधी शिकायतों एवं समस्याओं के निवारण हेतु आम जनता के संपर्क में हर समय उपलब्ध रहें तथा जनता की बिजली संबंधी शिकायत का यथाशीघ्र समाधान हो सके।
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Nirmal Rani**निर्मल रानी

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर निर्मल रानी गत 15 वर्षों से देश के विभिन्न समाचारपत्रों,
पत्रिकाओं व न्यूज़ वेबसाइट्स में सक्रिय रूप से स्तंभकार के रूप में लेखन कर रही हैं.

Nirmal Rani (Writer )
1622/11 Mahavir Nagar
Ambala City 134002 Haryana
phone-09729229728

*Disclaimer : The views expressed by the author in this feature are entirely her own and do not necessarily reflect the views of INVC.

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