दिल्ली का गुजरात भवन आजकल सत्ता का सबसे बड़ा केंद्र बना हुया है , मोदी दर्शन की होड़ लगी हुयी हैं, भाजपा के साथ साथ NDA का हर सहयोगी मोदी दर्शन की लाइन में लगा हैं ,सभी की एक ही चाह हैं की किसी भी तरहा मोदी प्रसन्न हो जाए ,पर मोदी इस पूरे मंथन से देश के साथ साथ अपने लियें भी मजबूत और भरोसेमंद नेताओं को चुन चुन कर निकालना चाहते हैं ताकि सरकार मोदी सरकार चलाने में कोई दिक्कत न हो !
कई दिन से चार रहे इस मोदी मंत्रालय सरकार मंथन में मोदी ने मंत्री बनाने के लियें एक फार्मूला निकाल लिया हैं अगर सूत्रों की माने तो 12 सांसदों पर सहयोगियों को मिलेगा एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद ,अगर एसा होता हैं तो भाजपा के सभी छोटे सहयोगी राम् विलास पासवान सहित लगभग 95 % सहयोगियों की समस्या से निजात मिल जायेगी !
गौतलब हैं की 26 मई को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। मोदी सरकार के गठन को लेकर कई दिनों से दिल्ली में माथापच्ची लगातार जारी है। किसे मंत्री बनाया जाएगा और और किसके खाली मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेंट ही रखा जाय इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार बहुत गर्म हैं ,सोत्रो की माने तो राजनाथ सिंह को गृहमंत्री अगर राजनाथ गृहमंत्री बने तो आंतरिक सुरक्षा को गृहमंत्रालय से अलग हो सकता है। नितिन गडकरी को ऊर्जा या नगर विकास जैसा मंत्रालय मिल सकता है। सुषमा और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को अनुभव के आधार पर टॉप 4 मंत्रालयों में जगह मिलेगी इस बात पर अभी सस्पेंस बरकार हैं ,
गौरतलब है की एनडीए के सहयोगी शिव सेना पहले ही पहली सरकार से ज़्यादा मंत्रालय मांग चुकी हैं साथ ही शिव सेना प्रमुख ने बड़ा मंत्री मंडल की वकालत की थी , फिलहाल सभी सहयोगी अपना हिस्सा चाहता है ,जब की मोदी बहुत सारे मंत्रालयों को विलय करके एक सुपर मंत्रालय बनाने की कवायत में ल्कागे है !