मैं कभी रिकार्ड्स के लिए नहीं खेला- सचिन तेंदुलकर

0
31

आई.एन.वी.सी,,
दिल्ली,,
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने एक बार फिर दोहराया कि उनके लिए रिकार्ड्स का कोई खास मतलब नहीं है। वे तो टीम के लिए खेलते हैं। हालांकि उन्होंने माना कि उन्हें भी अपने कुछ कीर्तिमान तो याद है, जिन्हें उन्होंने बनाया है। न्यूज 24 की प्रधान सम्पादक सुश्री अनुराधा प्रसाद के साथ एक विशेष साक्षात्कार में सचिन तेंदुलकर ने कहा, “ मैं मानता हूं कि अगर आप पूरे ‘पैशन’और ईमानदारी से खेलते हैं तो आप नए-नए रिकार्ड तो स्थापित करेंगे ही।”अपने शतकों से जुड़े एक सवाल के जवाब में सचिन तेंदुलकर ने बताया कि उन्होंने अपने उन सभी बल्लों को अपने पास सुरक्षित रखा हूं जिनसे खेलते हुए उन्होंने अपन तमाम शतक जड़े हैं। और तो और,सचिन को यह भी याद है कि उन्होंने किस बल्ले से कहां और किस मैदान में कितने रन बनाए थे।

‘तो क्या आप रिकार्ड्स के लिए नहीं खेलते जैसा कि कुछ क्रिकेट प्रेमी आप के ऊपर आरोप लगाते हैं…?’ इस सवाल को सुनकर कुछ खफा से लगे सचिन ने संक्षिप्त सा उत्तर दिया, ‘‘मैं इस तरह की बातों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं तो क्रिकेट देश के लिए खेलता हूं।’’
‘ क्या आपने कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के संबंध में सोचा ?’
“ मैं क्रिकेट को उन दिनों अलविदा कहने के संबंध में गम्भीरता से विचार करने लगा था जब मैं अपनी एल्बो इंजरी से जूझ रहा था। वे मेरे जीवन के बेहद कठिन दिन थे। रातों को नींद नहीं आती थी। मैं उन दिनों सिर्फ ईश्वर से यही प्रार्थना कर रहा था कि मुझे वो फिर से पूरी तरह से स्वस्थ कर दे और मैं फिर से मैदान में उतर सकूं। उस कठिन दौर में मेरा पत्नी अंजली ने बहुत साथ दिया। चूंकि वो खुद डाक्टर है, इसलिए उसने मुझे हमेशा भरोसा दिलाया कि मैं स्वस्थ और सक्रिय हो जाऊंगा। मैं उन लम्हों को कभी भूला नहीं सकता जब मैं स्वस्थ होकर पहली बार मैदान में उतरा था। उस वक्त मैं ईश्वर का कोटि-कोटि धन्यवाद कर रहा था”, सचिन ने बताया, जिन्होंने शुक्रवार को बांगलादेश के खिलाफ अपने शतकों का शतक बनाने का गौरव हासिल किया।

अमेरिका में कैसर का इलाज करवा रहे युवराज सिंह के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सचिन ने मुस्कराते हुए कहा कि वे उन्हें ग्रेंड पा कहते हैं। उन्होंने भी युवी के कुछ नाम रखे हैं,जिनका वे स्वाभाविक कारणों से सार्वजिनक खुलासा करना नहीं चाहते हैं। युवी,भज्जी और सहवाग ड्रेसिंग रूम के माहौल को हमेशा सहज रखते हैं।
‘क्या भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में नए खिलाड़ी उनकी मौजूदगी के चलते अपने को सहज और सामान्य महसूस करते हैं…’ सचिन तेंदुलकर ने कहा कि भारतीय ड्रेसिंग रूम का माहौल इस तरह का रहता है कि नए खिलाड़ीयों को भी कोई दिक्कत नहीं होती। वे कुछ समय के बाद टीम के माहौल में रस-बस जाते हैं।
‘क्या उन्हें अपने करियर के शुरूआती दौर में टीम के सीनियर खिलाड़ियों से पर्याप्त सहयोग और समर्थन मिला…?’ सचिन तेंदुलकर ने बताया कि जब उन्होंने भारतीय में प्रवेश किया तब दिलीप वेंगसरकर,कपिल देव और रवि शास्त्री जैसे खिलाड़ी टीम में थे। वे इन सभी को देख-देखकर बड़े हुए थे। उन्हें इन सभी ने भरपूर सहयोग दिया। वे इन सभी के साथ अपने खेल को बेहतर बनाने की बाबत बातचीत किया करते थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here